बहुउद्देशीय पूर्णमस्कर कार्यकर्ता भर्ती में एक लाख की डिमांड

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सीहोर जिले के एक दिव्यांग द्वारा जनसुनवाई में पहुंचकर पुर्नवास केन्द्र प्रभारी राकेश चौरे पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा हाल ही में निकली दिव्यांग भर्ती में उनसे 1लाख रूपये की मांग की गई थी और उनके द्वारा 50,000 रूपये दिए गए, किंतु पैसे देने के बाद भी उन्होंने उन्हें अपात्र घोषित कर दिया है और उन्हें भर्ती में नहीं लिया गया है, जबकि इस पूरे विषय को लेकर राकेश चौरे द्वारा बताया गया कि जो उन पर आरोप लगाए गए हैं वह सभी निराधार है बल्कि उनके द्वारा भी एक कोतवाली थाने में शिकायत की गई है तो वहीं दिव्यांग द्वारा व्हाट्सएप पर हुई चैटिंग और मोबाइल पर हुई बातचीत का भी एक ऑडियो भी पद्मेश न्यूज़ को दिया गया है
आपको बता दे कि जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र में 6 पदो पर दिव्यांगो के लिए भर्ती होनी है, जिसमें भर्ती के नाम पर एक लाख रूपए की डिमांड करने और 50 हजार रूपए की राशि लेने का आरोप, जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र प्रभारी राकेश चौरे पर लगा है। जिसकी शिकायत 24 दिसंबर मंगलवार को जनसुनवाई में दिव्यांग बलरामसिंह भदौरिया ने की। जिस आरोप पर, प्रभारी राकेश चौरे का कहना है कि आरोप निराधार है। दिव्यांग, जिला सिहोर निवासी बलरामसिंह भदौरिया, मंगलवार को जनसुनवाई में, जिला पुर्नवास दिव्यांग केन्द्र में हो रही 06 पदो में भर्ती में अपात्र कर दिए जाने पर शिकायत लेकर पहुंचे है। दिव्यांग बलरामसिंह भदौरिया ने बताया कि 7 अक्टूबर को 06 पदो पर भर्ती का विज्ञापन निकला था। जिसके लिए उसने 18 अक्टूबर को आवेदन किया था। जिसमंे उसे भर्ती की जारी अनंतिम सूची में अपात्र घोषित कर दिया गया है। दिव्यांग बलरामसिंह का आरोप है कि इस भर्ती के लिए केन्द्र प्रभारी, राकेश चौरे ने मुझसे एक लाख रूपए की डिमांड की थी और जब वह 17 अक्टूबर को बालाघाट पहुंचे थे तो, स्वयं प्रभारी मुझे लेने बस स्टैंड आए और ऑफिस और घर ले गए। जिसके दूसरे दिन 18 दिसंबर को 50 हजार रूपए, नौकरी लगाने के नाम पर लिए थे। लेकिन, मुझे अपात्र बता दिया गया। जिसके बारे में प्रभारी राकेश चौरे से चर्चा की तो वह मुझे बरगलाते रहे कि अभी लिस्ट नहीं आई है और बाद में दी गई राशि मांगने पर वह मुझे धमकाने लगे कि मेरी शिकायत करोंगे तो कहीं ड्यूटी नहीं करने दूंगा। दिव्यांग बलरामसिंह का कहना है कि उसके मोबाईल पर चार अन्य नंबरों से फोन भी आए कि वह शिकायत ना करें। जिसकी जानकारी भी दिव्यांग बलरामसिंह ने कलेक्टर को जनसुनवाई में की गई शिकायत में दी है। दिव्यां का कहना है कि वह पूर्ण योग्यता रखता है और उसका आरसीआई पंजीयन भी जीवित है।

व्हाट्सएप पर चैट और ऑडियो भी हैं

दिव्यांग बलरामसिंह भदौरिया द्वारा यह भी बताया गया कि भले ही उन्होंने 50,000 रूपये नगद दिए हैं , किंतु उनके पास लेनदेन के समय की गई चर्चा की व्हाट्सएप चैटिंग और मोबाइल पर की गई बातचीत का ऑडियो भी है जो उन्होंने पद्मेश न्यूज़ को दिया है

जिला पंचायत सीईओ करेंगे जांच

प्रशासनिक सूत्रों से यह भी जानकारी आ रही है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए कलेक्टर द्वारा जिला पंचायत सीईओ श्री सराफ को जांच के आदेश दिए हैं जो जल्द ही शुरू कर दी जाएगी

सभी आरोप निराधार है – राकेश चौरे

दिव्यांग बलरामसिंह भदौरिया के इस आरोप पर प्रभारी राकेश चौरे ने कहा कि निकाले गए सभी पद टेक्निकल है और भर्ती नियमावली के तहत चयन समिति के माध्यम से पारदर्शी तरीके से की गई है। जिसकी अनंतिम सूची जारी की जाकर, दावे-आपत्ति मंगाए गए है। यदि राशि लेकर भर्ती करना रहता तो दावे-आपत्ति के लिए सूची ही जारी नहीं की जाती। और उन्होंने भी कुछ लोगों के खिलाफ उन्हें ऑफिस में आकर डराने धमकाने और परेशान करने को लेकर कोतवाली थाने में शिकायत की है, जिसमें मनीष, अनमोल मेश्राम सहित उनके कुछ साथियों द्वारा अभ्यर्थियों को गुमराह करने सहित अन्य मामले को लेकर शिकायत की है, जबकि उनके द्वारा व्हाट्सएप पर चैटिंग और फोन पर बातचीत का जो ऑडियो है वह नहीं किया गया है और सभी आरोप को निराधार बताये गये है

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