बाघ के हमले के बाद से भांडामुर्री के ग्रामीणों में दहशत !

0

लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। मुख्यालय से लगभग १२ किमी. दूर ग्राम पंचायत भांडामुर्री मेें १२ अप्रैल को बाघ के हमले से ५० वर्षीय सुकलचंद बोरवार गंभीर रूप से घायल हो गया जिसका उपचार नागपुर में जारी है। वहीं बाघ के हमले के बाद से भांडामुर्री के ग्रामीणजन दहशत में जी रह रहे हैं। बाघ के हमले के बाद से वन विभाग के द्वारा जंगल व ग्राम भांडामुर्री में गश्त बढ़ा दी गई है एवं ग्रामीणों को जंगल जाने से मना कर दिया गया है एवं जिनकी खेती जंगल से लगी हुई है वे भी बाघ के डर से खेत नही जा पा रहे है और उनके मन में दहशत बनी हुई है कि कही बाघ प्राणघातक हमला न कर दे। भांडामुर्री ग्राम में रात्रि के समय विद्युत कटौती होने के कारण ग्रामीण जन भीषण गर्मी के साथ ही अंधेरा होने पर बाघ के आ जाने की डर से रात के समय घर से बाहर तो दूर शौचालय के लिए भी नही निकल पा रहे है। ग्रामीणजनों ने वन विभाग के अधिकारियों सेे ग्राम का दिन-रात गश्ती करने के साथ ही उक्त बाघ को पकड़कर घने जंगल में छोडऩे एवं विद्युत विभाग से शाम ६ बजे से सुबह ६ बजे यानि १२ घंटे बिजली प्रदाय करने की मांग की है। चर्चा में ग्रामीणों ने बताया कि १२ अप्रैल को बाघ के हमले से हमारे गांव का एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो चुका है जिसका उपचार नागपुर में चल रहा है और जब से यह घटना घटित हुई है जब से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है कि कहीं बाघ पुन: किसी पर हमला न कर दे और वन विभाग के द्वारा भी जंगल में गश्त बढ़ा दी गई है वहीं दूसरी ओर डर के चलते किसान भी अपने खेत नहीं जा रहे है साथ ही यह भी बताया कि ग्राम में बिजली की बेहद समस्या है आये दिन समय बे समय कटौती होते रहती है और रात के समय सबसे च्यादा बिजली कटौती की जा रही है जिससे गांव में अंधेरा छाया रहता है और इसी अंधेरे में बाघ गांव में घुस गया तो किसी पर भी हमला कर सकता है इसलिए शाम ६ बजे से सुबह ६ बजे तक बिजली प्रदाय की जाये। बिजली कटौती के संबंध में विद्युत विभाग के सहायक यंत्री श्रीमती प्रेरणा हरिनखेड़े से चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया वहीं बाघ की सर्जिंग के संबंध में लामता परियोजना मंडल लालबर्रा परिक्षेत्राधिकारी श्रीमती च्योत्सना खोब्रागढ़े से चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया।
किसानों का खेत जाना हुआ बंद
विगत ६ माह पूर्व बाघ के हमले से एक ग्रामीण की मौत हो गई थी जिसके बाद वन विभाग के द्वारा ग्रामीणजनों व किसानों को जंगल व खेत की ओर जाने मना कर दिया गया था उसके बाद धीरे-धीरे सभी उक्त घटना को भूलने के बाद ग्रामीण खेत व जंगल की ओर जा रहे थे परन्तु १२ अप्रैल को बाघ ने दुसरा हमला कर ५० वर्षीय सुकलचंद बोरवार को गंभीर रूप से घायल कर दिया है एवं एक मवेशी का शिकार किया है जिसके बाद से ग्रामीणजन दहशत में है और जंगल व खेत महुआ चुनने नही जा रहे है और खेत नही जाने से रबी की फसल प्रभावित होने के साथ ही उन्हे आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।


वन विभाग ने बढ़ाई गस्ती, जंगल जाने पर लगाया प्रतिबंध

लामता परियोजना मंडल लालबर्रा के वन क्षेत्र के भांडामुर्री बीट क्रमांक ७४९ के जंगल में १२ अप्रैल को दोपहर १ बजे बाघ ने एक मवेशी का शिकार कर मवेशी चराने वाले ५० वर्षीय सुकलचंद को गंभीर रूप से घायल कर दिया है। उक्त घटना घटित होने के बाद से वन विभाग ने ग्राम भांडामुर्री व जंगल क्षेत्र में गश्ती बढ़ा दी है और दिन-रात गश्त कर ग्रामीणजनों को जंगल व खेत की ओर जाने से मना कर दिया गया है। वन विभाग की गश्ती बढऩे के बाद भी ग्रामीणजन बाघ के दहशत में जी रहे है कि कभी भी गांव मेंं आकर हमला कर सकता है इसलिए उक्त बाघ को पकड़कर घने जंगल में छोडऩे की मांग की जा रही है।
शाम से सुबह ६ बजे तक दी जाये बिजली – दिनेश
दिनेश यादव ने बताया कि जब से बाघ के द्वारा हमला किया गया है तब से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है एवं रात के समय घर से बाहर निकलने से डरते है और रात के समय बिजली कटौती होने के कारण सिर्फ ४ घंटे ही बिजली मिल पाती है जिसके कारण अंधेरे में रात बितानी पड़ती है और सबसे बड़ा डर यह बना रहता है कि अंधेरे में कही बाघ हम पर हमला न कर दे क्योंकि पूर्व में गांव के समीप बाघ प्रवेश कर ६ बकरियों का शिकार कर चुका है इसलिए विद्युत विभाग से मांग है कि हमारे ग्राम में शाम ६ बजे से सुबह ६ बजे तक बिजली प्रदाय की जाये जिसके प्रकाश के उजाले में बाघ गांव के अंदर प्रवेश नही कर पायेगा।
बाघ के हमले के बाद से दहशत में है ग्रामीण – मनोज
मनोज कटरे ने बताया कि बाघ को लेकर गांव में दहशत का माहौल निर्मित है एवं लोग शाम ७ बजे के बाद अपने घर से बाहर नही निकल रहे है और गत दिवस गांव के नजदीक स्थित टोले में बाघ आ गया था जिसके बाद ग्रामीणों ने आग जलाकर उसे भगाया था एवं १२ अप्रैल को मवेशी चराने गये व्यक्ति पर बाघ ने हमला कर दिया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गया है जिसका उपचार नागपुर में चल रहा है साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि दो बाघ एक साथ थे जिसमें एक बाघ ने इंसान पर व दुसरे बाघ ने मवेशी पर हमला किया है। श्री कटरे ने बताया कि वन विभाग के द्वारा गश्ती बढ़ाने के साथ ही सायरन बजाकर पटाखे फोड़े गये है उसके बाद भी ग्रामीण दहशत में जी रहे है, वन विभाग से मांग है कि पिंजरा के माध्यम से बाघ को पकड़कर घने जंगल में छोड़ा जाये ।


खेत व जंगल नही जा रहे ग्रामीण – विनोद
विनोद मेश्राम ने बताया कि बालाघाट जिले की अंतिम सीमा पर भांडामुर्री गांव है जो चारों ओर से जंगल में गिरा हुआ है एवं जंगली जानवर भी गांव के समीप आ जाते है जिनके द्वारा मवेशियों का शिकार करने के साथ ही अब इंसानों पर भी हमला किया जा रहा है जिससे ग्रामीणजन दहशत में है परन्तु वन विभाग बाघ को पकडऩे के लिए कोई प्रयास नही कर रही है जिससे ग्रामीणजनों में आक्रोश व्याप्त है। श्री मेश्राम ने बताया कि बाघ के हमले के बाद से ग्रामीण अब खेत व जंगल महुआ चुनने व अन्य काम से नही जा रहे है एवं रात के समय २-३ घंटे बिजली मिलती है जिसके कारण अंधेरा रहता है और इसी अंधेरा का फायदा उठाकर बाघ गांव में प्रवेश कर हमला कर सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here