अब हिंसक जंगली जानवरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। हॉल ही में नांदगॉव में जहां एक तेंदुऐं ने महिला को अपना शिकार बनाया वही नगर वारासिवनी से करीब ६ किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत झालीवाड़ा में बीती ४ व ५ दरम्यिानी रात्री को बाघ ने दो गाय का शिकार किया है। यह दोनों ही गाय अलग अलग ग्रामीणों की है जिन्होने इन्हे अपने कोठे में बांधकर रखा हुआ था। बाघ ने सिर्फ हमला कर इन गायों को मौत के घाट उतारा है। हालांकि इनके मॉस का भक्षण नही किया है। लेकिन इस तरह ग्राम में शेर की आमद होने से ग्रामवासी काफी भयभीत है। हालांकि प्रात:काल वन अमले ने मौके पर पहुॅचकर दोनों ही गायों के शव को अपनी अभिरक्षा में लिया और उनका पीएम करवाकर उनके शव मालिकों को सौंप दिया है।
पीडि़त प्रकाश ठाकरे ने की बाघ की पुष्टि
प्राप्त जानकारी के अनुसार झालीवाड़ा निवासी प्रकाश ठाकरे जो राजीव सागर परियोजना के रेस्ट हॉऊस में चौकीदार का कार्य करता है। शाम के समय उसने अपनी गाय जो उसका निज निवास है उसके कोठे में बांधा और ठंडी के कारण खाना पीना खाकर पूरा परिवार सोने चले गया। रात्री करीब ३ बजे उसको घर के सामने बने कोठे में से कुछ अजीब सी आवाज आने पर जाकर दूर से जब देखा गया तो एक बाघ उनकी ६ वर्षीय गाय की गर्दन पर अपने दांत गड़ाये बैठा था। उन्होने शोर शराबा किया तो बाघ वहां से भाग गया। जिसके बाद सुबह उनके द्वारा वन अमले को इस बात की सूचना दी गई।
ताराचंद की गाय को भी बनाया अपना शिकार
इसी तरह ताराचंद नंदू नगोसे राजघाट टोली की भी गाय का शिकार बाघ ने ही किया है। उसकी गाय की उम्र ३ वर्ष करीब थी। जिसकी सूचना उसके द्वारा बन अमले को दी गई। जिस पर वन अमले ने मौके पर पहुॅचकर समस्त आवश्यक कार्यवाही की और दोनों ही पीडि़तों के आवेदन लेकर पशुधन हानि का मामला दर्ज करते हुये उन्हे शासन द्वारा निर्धारित मुआवजा दिये जाने की बात कहीं।
बाघ के ही है पग मार्ग-की जा रही आवश्यक कार्यवाही
पद्मेश को जानकारी देते हुये परिक्षेत्र सहायक बुदबुदा पवन पटले ने बताया की यह राजस्व ग्राम के तहत आता है। हमारे द्वारा मौके स्थल का निरिक्षण कर लिया गया है। साथ ही गायों का पोष्टमार्टम भी करवा लिया गया। यह घटना बाघ के द्वारा अंजाम दी गई है। ग्राम पंचायत झालीवाड़ा से सटी सभी ग्राम पंचायत में पंचायत के माध्यम से मुनादी करवा दी गई है और उस मुनादी में इस बात को खास तौर पर कहां गया है की शाम होने के बाद लोग अपने घर से बाहर न निकले। वही मौके से हमने पग मार्ग भी लिये है जो बाघ के ही है।
आसपास के ग्रामों करा दी गई मुनादी
गौरतलब है की वारासिवनी पेंच सिवनी व कान्हा कोरीडॉर के बीच में पड़ता है। हमेशा ठंड के मौसम में जंगली जानवर विचरण करने के दौरान इस तरह की हिंसक घटना को अंजाम देते हुये आगे बढ़ जाते है। बीती रात्री में हुई इस घटना के बाद वन अमलें ने नाईट गस्त प्रारंभ कर दी है। हालांकि यह नाईट गस्त पहले नांदगॉव से सटी पंचायत में की जा रही थी वही अब इस गस्त को झालीवाड़, खापा, अंसेरा, मेहंदीवाड़ा, कौलीवाड़ा, खंडवा तक बढ़ा दिया गया है।