ये आकाशवाणी का बालाघाट केंद्र है 101.3 मेगाहर्ट्स पर आप थोड़ी ही देर में सुनेंगे आपका सबसे पसंदीदा प्रोग्राम “नमस्कार बालाघाट “आकाशवाणी बालाघाट के रेडियो केंद्र से बीते 32 सालों से सुनाई दे रही यह उद्घोषणा एक अप्रैल 2023 से पूरी तरह बंद हो सकती है।और आकाशवाणी का बालाघाट केंद्र महज रिले सेंटर रह जाएगा। यहां से स्थानीय कार्यक्रम बंद हो जाएंगे। जहाँ से सिर्फ भोपाल , दिल्ली और अन्य बड़े केंद्रों से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम बालाघाट केंद्र से रिले होंगे। जिससे आकाशवाणी के बालाघाट केंद्र में लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे उद्घोषक और कम्पेयर के समक्ष रोजी रोटी का नया संकट खड़ा हो जाएगा। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह बात सूत्रों द्वारा कही जा रही है । जानकारी के मुताबिक आकाशवाणी के बालाघाट केंद्र से प्रसारित होने वाली तीन सभाओ में से धीरे धीरे कर, दो सभाओं को बंद कर दिया गया है। तो वहीं अब एकमात्र कार्यक्रम का प्रसारण देने वाली सुबहा की सभा को भी बंद किए जाने की योजना बनाई जा रही है । हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आदेश नहीं आए हैं लेकिन गुना की तर्ज पर बालाघाट में भी आकाशवाणी केंद्र की सभाए बंद किए जाने की आशंका जताई जा रही है ।
1992 में शुरू हुआ था आकाशवाणी का बालाघाट केंद्र
बताया जा रहा है कि बालाघाट जिले में आकाशवाणी केंद्र 1992 में शुरू हुआ था। जहां आकाशवाणी केंद्र की स्थापना करने का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं था बल्कि इसके माध्यम से सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार एवं क्षेत्रीय कलाकार कलाकारों की प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना भी था । लेकिन 32 वर्षों से चले आ रहे इस केंद्र से प्रसारण होने वाले प्रोग्रामों को बंद किए जाने की आशंका जताई जा रही है। जिसके चलते यहां कार्य करने वाले कम्पेयर और उद्घोषक जहां एक और बेरोजगार हो जाएंगे तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय कलाकारों को भी मंच नहीं मिल पाएगा।
पहले होती थी 3 सभाएं, 2 हो चुकी है बंद
बताया जा रहा है कि वर्ष 1992 में जब केंद्र शुरू हुआ था उस समय से लेकर लंबे समय तक आकाशवाणी के बालाघाट केंद्र से तीन सभाए होती थी। जिसमें पहेली सभा सुबह 5:53 से 11 बजे तक ,दूसरी सुबहा 11 से शाम 5 बजे तक, तो तीसरी सभा शाम 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक शुरू रहती थी। जिसमें प्रत्येक सभा में 30-30 उद्घोषक कम्पेयर की ड्यूटी लगाई जाती थी। जहां पूर्व में दोपहर की सभा को यह कहते हुए बंद कर दिया गया कि आमदनी कम और खर्च अधिक बढ़ रहा है। जिसके बाद 10 जुलाई 2022 से शाम 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक होने वाली सभा को भी बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए। वर्तमान समय में सुबह 5:53 से 11 बजे तक की एकमात्र सभा चल रही है। अभी सूत्र बता रहे हैं कि 1 अप्रैल से सुबह 5:53 से 11 बजे तक होने वाली सभा को भी बंद किए जाने की योजना बनाई गई है। यदि सूत्रों से मिली यह जानकारी सच साबित होती है तो आपका अपना आकाशवाणी बालाघाट केंद्र महज एक रिले सेंटर बनकर रह जाएगा। जहां एक इंजीनियर सुबह आकर भोपाल दिल्ली या अन्य किसी बड़े स्टेशन को बालाघाट से जोड़कर वहां प्रसारित होने वाले कार्यक्रम रिले कर देगा और बालाघाट से प्रसारित होने वाले लोकल कार्यक्रम पूर्णता बंद कर दिए जाएंगे।
केंद्र से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम
बताया जा रहा है कि वर्तमान समय में बालाघाट से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों में नमस्कार बालाघाट, फोन आपके गीत आपके, युवा वाणी ,किसान वाणी, महिला जगत, जिले की चिट्ठी,, लोक संगीत, कवि गोष्ठी, विभिन्न विषयों पर वार्ताएं, साक्षात्कार, फोन इन कार्यक्रम आदि प्रसारित होते हैं जहां। इन सभी कार्यक्रमों को स्थानीय प्रतिभाएं ही अपनी आवाज मे पेश करते है।फरमाइशी गीतों के
कार्यक्रमों में तो राजस्थान, गुजरात सहित मप्र के कई जिलों
से आज भी फोन काल आते हैं। जहां से प्रसारित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को जिलेभर लोग सुनते और पसंद करते हैं।यदि बालाघाट आकाशवाणी केंद्र रिले सेंटर बना दिया जाता है तो फिर जहां एक और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच नहीं मिलेगा तो वहीं दूसरी ओर बालाघाट जिले से प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रम बंद हो जाएंगे।
दो-तीन साल से चल रही है तैयारी
सूत्र बताते है कि आकाशवाणी के बालाघाट केंद्र को रिले सेंटर बनाने का फैसला का फैसला अचानक नहीं किया गया। इसे धीरे-धीरे समेटा जा रहा है।पहले यहां से तीन सभाओं – सुबह, दोपहर व शाम, में प्रसारण होते थे। फिर दोपहर को प्रसारित होने वाले स्थानीय कार्यक्रम बंद कर दिए गए। 10 जुलाई 2022 में दोपहर व शाम की सभाएं भी बंद हो गईं।इसमें शाम की सभा के दौरान ही स्थानीय प्रतिभाओं को सबसे ज्यादा मौका मिलता था। आज की स्थिति में सुबह 5.55 से 11 बजे तक की सभा में स्थानीय कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। उसमें भी एक घंटे विविध भारती और आधे घंटे की न्यूज बाहरी केंद्रों से प्रसारित होती है।
प्रतिवर्ष 6से 7 लाख का राजस्व दे रहा बालाघाट आकाशवाणी केंद्र
ऐसा नहीं है कि बालाघाट के आकाशवाणी केंद्र से सरकार को राजस्व नहीं मिल रहा है। बल्कि 1992 से लगातार यह केंद्र सरकार को 6 से 7 लाख रु का राजस्व प्रतिवर्ष दे रहा है। बात अगर संपूर्ण मध्यप्रदेश में की करें तो इंदौर के बाद राजस्व देने के मामले में बालाघाट सर्किल आज भी दूसरे नंबर पर आता है। लेकिन इस केंद्र को भी रिले सेंटर बनाने की योजना चल रही है। सूत्र बताते हैं कि 1 अप्रैल 2023 तक इसके आदेश भी जारी किए जा सकते हैं।
न्यूज़ ऑन एआईआर एप ने देश में दिलाई बालाघाट केन्द्र को पहचान
बताया जा रहा है कि आकाशवाणी का बालाघाट केंद्र केवल बालाघाट जिले में ही नहीं बल्कि न्यूज़ ऑन एआईआर ऐप के माध्यम से देश के किसी भी कोने से सुना जा सकता है। शायद यही वजह है कि आज भी कई राज्यों से बालाघाट आकाशवाणी केंद्र में फोन काल आते हैं और वे बालाघाट आकाशवाणी केंद्र से फरमाइश के आधार पर गाने सुनते हैं। जहां न्यूज़ ऑन एआईआर ऐप के माध्यम से कई राज्यों में सुने जाने वाले बालाघाट केंद्र को भी अब रिले सेंटर बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है।
कई बार गुहार लगाई गई है पर कुछ नहीं हुआ- रिजवान
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान आकाशवाणी बालाघाट केंद्र मे वर्षों से कार्य कार्यरत उद्घोषक डॉ रिजवाना खान ने बताया कि प्रसार भारती मंत्री अनुराग ने करीब 6-7 महीनों पहले घोषणा की थी कि नए-नए एफएम बैंड खोले जाएंगे, ताकि स्थानीय लोगों की प्रतिभाओं को मंच मिल सके । लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है वहीं 3 सभाओं में से अब तक 2 सभाएं पूर्व में भी बंद की जा चुकी है वर्तमान समय में गुना जिले में चल रही एकमात्र सभा को भी बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। इसी तरह अंदेशा है कि बालाघाट आकाशवाणी केंद्र में भी चल रही एक सभा को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि यदि ऐसा होता है तो बालाघाट केंद्र महज एक रिले सेंटर बना रहेगा जिससे स्थानी कलाकारों को जो मौका आकाशवाणी केंद्र के माध्यम से मिलता था। वह मौका उन्हें नहीं मिल पाएगा । वही बालाघाट जिले से प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रम बंद हो जाएंगे।इसके अलावा आकाशवाणी बालाघाट केंद्र में जो 100 से अधिक उद्घोषक एवं कम्पेयर हैं उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ जाएगा । उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भी संगठन के माध्यम से कई बार ज्ञापन सौंपकर कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने की मांग की गई है । अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है । यहां तक कि संगठन द्वारा न्यायालय में केस दायर किया गया है लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका है।