गावो को शहर से जोडऩे,और प्रत्येक गांव को पक्की सडक़ो की सौगात देने के लिए जहां एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही है वही मुख्यमंत्री सडक़ योजना और प्रधानमंत्री सडक़ योजना के तहत प्रतिवर्ष लाखों रु खर्च कर प्रत्येक गावो को पक्की सडक़ो की सौगात देने का दावा किया जा रहा है बावजूद इसके भी जिले के ऐसे कई गाव है जो शहरों से नही जुड़ पाए है जिले में ऐसी कई पंचायत है जहां आज भी कच्ची सडक़ गड्डो में तब्दील दिखाई दे रही है। इसी प्रकार का एक मामला जनपद पंचायत परसवाड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत रूपझर का सामने आया है ग्राम पंचायत रूपझर के ग्रामीणों ने पक्की सडक़ ना बनने पर अपनी नारजगी व्यक्त करते हुए,कीचड़ से भरी सडक़ पर धान का रोपा लगाकर प्रदर्शन किया वही नेताओ, जनप्रतिनिधियों पर अपना वादा ना निभाते हुए ग्रामीणों की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया जिन्होंने जल्द से जल्द पक्की सडक़ की सौगात ना मिलने पर पंचायत सहित आगामी समय मे होने वाले सभी चुनावों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। पक्की सडक़ को लेकर किए गए इस अनोखे प्रदर्शन के दौरान, तिलकराम गौतम, हेमराज चौहान, जियालाल चौधरी, फेकन सिह मर्सकोले, योगेश्वर चौधरी, राजेश मर्सकोले, सरपंच प्रतिनिधि मोहनलाल जगने, बाबूलाल पन्दरे सहित अन्य ग्रामीण प्रमुख रुप से उपस्थित रहे ।
पक्की सडक़ ना होने से ग्रामीणो΄ को होती है कई परेशानी
बताया जा रहा है रूपझर से बैगा बसाहट टोला जिसे हुड्डी टोला के नाम से जाना जाता है उक्त टोला मेन सडक़ से ढाई किलोमीटर की दूरी पर है रूपझर से हुडीटोला सडक़ बनवाने के लिए ग्रामीणों के द्वारा ग्राम सभा आयोजित कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया उसके बावजूद शासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जबकि हुड्डी टोला में प्राथमिक शाला आंगनवाड़ी केंद्र बैगा आदिवासी निवास करते हैं साथ ही उक्त सडक़ से सिंचाई विभाग के दो जलाशय तक पहुंचती है जलाशय से लगभग 800 हेक्टेयर की सिंचाई होती है बरसात के दिनों में सडक़ पर कीचड़ एवं बड़े-बड़े गड्ढे होने से पढऩे वाले बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है अगर किसी ग्रामीण की तबीयत खराब होती है तो गाडिय़ां तक नहीं पहुंच पाती जिसके कारण मौत के मुंह में समाना पड़ता है
सा΄सद ने कहा था मुझे चुनाव जिताओ मै΄ सडक़ बनवा दू΄गा
ग्रामीणों का कहना है कि 10 वर्षों से हमारे द्वारा सांसद विधायक को आवेदन देकर अवगत कराया गया चुनाव के समय सांसद महोदय ग्राम रुपझर में आए थे उस समय सांसद महोदय के द्वारा कहा गया था कि मुझे चुनाव जिताओ मैं सडक़ बनवा दूंगा चुनाव जीतने के बाद सांसद महोदय एक बार भी आकर नहीं देखें और ना ही सडक़ का निर्माण कराया गया
मुख्यम΄त्री सडक़ योजना के तहत बरसो से प्रस्तावित है सडक़
ग्रामीणों के अनुसार उक्त सडक़ मुख्यमंत्री सडक़ योजना के नाम से आर एस विभाग को दे दिया गया है उक्त सडक़ निर्माण के लिए शासन द्वारा 36 लाख रुपया स्वीकृत किया गया था जिसका बोर्ड भी लगाया गया है किंतु विभाग के द्वारा मात्र निर्माण स्थल सडक़ के किनारे बोर्ड बनाकर लिखवा दिया गया है किंतु विभाग के द्वारा सडक़ का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है ऐसा प्रतीत होता है कि 36 लाख रु से सडक़ का निर्माण कागजातों पर एवं रिकार्डो पर कर दिया गया होगा इसलिए बार-बार शासन एवं विभाग को ग्राम पंचायत के द्वारा प्रस्ताव देने के बावजूद भी सडक़ का निर्माण नहीं किया जा रहा है इससे साफ जाहिर होता है कि ग्राम पंचायतों की अवहेलना की जा रही है ग्रामीण परेशान होकर सडक़ पर धान का रोपा लगाने के लिए मजबूर हो गए ग्रामीणों का कहना है कि सडक़ का निर्माण नहीं किया गया तो आने वाले सभी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
समस्त ग्रामीणो΄ ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है-मर्सकोले
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान सरपंच प्रतिनिधि श्री मर्सकोले ने बताया कि विगत 5 वर्षों से हम ग्रामीणों के साथ मिलकर कलेक्टर कार्यालय,मंत्री कार्यालय सहित सांसद विधायक आदि कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन आज तक हमें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उनके द्वारा दिया गया आश्वासन आज तक पूरा नहीं किया गया है सडक़ दलदल होने के चलते स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी होने पर सडक़ पर गाडिय़ां फस जाती हैं वहीं ग्रामीणों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है यह सडक़ मुख्यमंत्री सडक़ योजना के नाम से स्वीकृत हुई थी करीब 10 वर्षों पूर्व सडक़ बनाने के लिए स्वीकृति दी गई थी लेकिन आज तक सडक़ का निर्माण नहीं हो पाया है हमने शासन-प्रशासन को सडक़ बनाने को लेकर कई बार ज्ञापन सौंप दिया है लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ इसलिए हम सब ग्रामीणों ने मिलकर चुनाव बहिष्कार करने और बैहर बालाघाट मार्ग पर चक्काजाम करने का निर्णय लिया है।
चुनाव बहिष्कार के साथ साथ चक्काजाम भी करे΄गे- तिलकराम गौतम
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण तिलकराम गौतम ने बताया कि पक्की सडक़ ना होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है वही गाँव से लगे अन्य गांवो, टोला व कस्बों में जाने के लिए भी लोग परेशान होते हैं सबसे ज्यादा दिक्कत बरसात के 4 महीने में होती है जहां सडक़ पर चलना भी दुश्वार हो जाता है इस सडक़ को पक्की बनाए जाने की मांग को लेकर कलेक्टर सांसद मंत्री जनप्रतिनिधि सभी को अवगत करा दिया गया है पर कुछ नहीं हुआ उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर कई बार सडक़ दुर्घटना हो चुकी है महज ढाई किलो मीटर का यह मार्ग अब तक नहीं बना है जिले के कई छोटे-छोटे गांव में पक्की सडक़ बन गई है लेकिन हमारे गांव को आज तक पक्की सडक़ की सौगात नहीं मिली है। इसलिए हम सब ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि केवल पंचायत ही नहीं बल्कि आगामी समय में होने वाले समस्त चुनाव का हम बहिष्कार करेंगे वही बालाघाट बैहर मार्ग पर चक्काजाम कर आंदोलन करेंगे।