जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर लामता रोड पर स्थित ग्राम आमगांव के पास गुरुवार की शाम को यात्री बस और डंपर के बीच आमने सामने भिड़ंत हुई, जिससे यात्री बस पलट गई और उसमें सवार एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए जिन्हें तत्काल ही 108 एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल लाकर भर्ती किया गया। इनमें दो घायलों को गंभीर अवस्था में होना बताया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार की शाम को करीब 6 बजे यात्री बस बालाघाट से लामता जा रही थी उसी दौरान शाम को करीब 7 बजे यह घटना आमगांव के पास हुई। सामने से आ रहे गिट्टी से भरे डंपर की यात्री बस से भिड़ंत हुई जिसके कारण यात्री बस पलट गई और बस में सवार 1 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। सभी घायलों का उपचार जिला अस्पताल में जारी है, फिलहाल इस घटना में समाचार लिखे जाने तक जनहानि की जानकारी सामने नहीं आई है। इस घटना में बस ड्राइवर को भी गंभीर चोट आई है।
डंपर वाले ने सीधे आकर बस को ठोस मार दिया – ड्राइवर
घटना के संबंध में बस ड्राइवर सुरेश चौहान ने बताया कि वे गाड़ी को धीमी गति से चला रहे थे बस में करीब 20 लोग सवार थे। आमगांव के पास यह दुर्घटना हुई डंपर वाला सीधे आकर बस को ठोस मार दिया इसके कारण बस पलट गई। यह बस बालाघाट से लामता जा रही थी।
घटना में ये हुए घायल
डंपर और बस की भिड़ंत में बस में सवार 1 दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए। घायलों में बस ड्राइवर सुरेश पिता नेमालाल चौहान 22 वर्ष बीजापुरी, भुनेश्वरी गेडाम 41 वर्ष निवासी बसेगांव, उषा/ गुलाबचंद गोले ओरमा समनापुर, सुनीता तुमड़ाम पति रोशन 35 वर्ष निवासी ठाकुरटोला, राजेश पिता नरबद उइके 27 वर्ष निवासी टेकाडी समनापुर, अनिल पिता गिरधारी लाल 38 वर्ष निवासी ओरमा टेकाडी, सुनील पिता गिरधारी लाल अडमे 35 वर्ष, सुखवंती लक्ष्मण बनोटे 45 वर्ष निवासी टेकाडी, रामदयाल रंगलाल लिल्हारे 55 वर्ष निवासी टीटवा लालबर्रा, ऐनूका राउत पति अशोक रावत 30 वर्ष निवासी मोहगांव, सुनील राउत पिता दिवाली राउत 28 वर्ष निवासी लामता, शीला उइके/रूपसिंह उईके 40 वर्ष निवासी ठाकुर टोला, सोमेश्वरी पति मनोज राउत 28 वर्ष निवासी चरेगांव मोहगांव, शंकर राउत पिता राममूर्ति समनापुर 34 वर्ष, उषा बाई पति गनाराम पांचे 52 वर्ष निवासी लामता सहित अन्य शामिल है।
स्टाफ नर्सों की हड़ताल के कारण हुई दिक्कत
यह बताएं कि 1 जुलाई से स्टाफ नर्सों की हड़ताल शुरू हुई है जिसके कारण जिला अस्पताल में कार्यरत सभी स्टाफ नर्स हड़ताल पर रही। जिसके कारण जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को उपचार संबंध में असुविधा का सामना करना पड़ा वही स्टाफ नर्स नहीं होने की वजह से व्यवस्था बनाने और मरीजों को तत्काल उपचार मुहैया कराने सिविल सर्जन एके जैन को स्वयं उपस्थित रहकर कर्मचारियों को निर्देशित करना पड़ा।