बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को पटवारियों ने मध्य प्रदेश पटवारी संघ के प्रांतीय आव्हान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है जिसको लेकर जिले के 3 सैकड़ा से अधिक पटवारियों ने काम बंद हड़ताल करते हुए बस्ता जमा कर शासन की नीतियों का जमकर विरोध किया।आपको बताएं कि इसके पूर्व पंचायत कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश में आंदोलन का बिगुल बजाया था इसके बाद शासन के द्वारा सख्ती बरते जाने पर और प्रदेश स्तर पर दिए गए आश्वासन के बाद पंचायत कर्मचारी काम पर वापस लौट आए हैं अब पटवारियों के द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया जा रहा है जिसके तहत प्रदेशभर के 19 हजार पटवारी ने सरकार के खिलाफ काम बंद हड़ताल कर एक महा अभियान छेड़ दिया है।
तहसील कार्यालय में जमा किया बस्ता
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर वर्षो से संघर्ष कर रहे पटवारियों ने 10 अगस्त को जिला मुख्यालय पहुंचकर तहसील कार्यालय में कानूनगो की प्रमुख उपस्थिति में बस्ता जमा करवाया। जिसके अंतर्गत खसरा नक्शा खतौनी सहित अन्य दस्तावेज पटवारियों के द्वारा जमा करा दिए गए। वही संकुल स्तर पर भी पटवारियों के द्वारा संबंधित अधिकारियों को बस्ता सुपुर्द कर दिया गया।
इन मांगों को लेकर खोला मोर्चा
पटवारियों की सबसे प्रमुख मांग ग्रेड पे समयमान वेतनमान विसंगति को दूर करने की है संगठन के पदाधिकारियों की मानें तो प्रदेश के पटवारियों को कार्यपालिक एवं तकनीकी पद घोषित किया जाकर उनकी योग्यता स्नातक की जा चुकी है तथा पटवारियों द्वारा विविध तकनीकी व ऑनलाइन कार्य निरंतर संपादित किया जा रहे हैं किंतु अभी तक उन्हें तकनीकी पद का ग्रेड पे 2800 ना देते हुए पुराना 2100 ग्रेड पे दिया जा रहा है। देश में पटवारी संवर्ग के वेतनमान का उन्नयन अंतिम बार सन 1998 में किया गया था और इस तरह 22 वर्षों से पटवारियों के वेतनमान का नियम नहीं किया गया जबकि इस अवधि में कई अन्य विभागों के कई समकक्ष कर्मचारी कैडर जिनका वेतन अब तक समय पटवारी से कम था उनका भी वेतनमान उन्नयन किया जा चुका है वही पटवारियों की दूसरी प्रमुख मांग गृह जिले में पटवारियों की पदस्थापना है उनका मानना है कि नवनियुक्त कई पटवारी अपने गृह जिले से लगभग 800 किलोमीटर दूर रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं जिसके कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है इसलिए ऑनलाइन प्रक्रिया संपादन कर पति पत्नी को शासन की मूल भावना निर्देश अनुरूप एक जगह पदस्थ करने एवं प्रदेश भर में बाहर पदस्थ नवनियुक्त पटवारियों को उनके गृह जिलों में पदस्थ किए जाने और जिला स्तर पर कैडर बनाए जाने की मांग की जा रही है इसके अलावा नवीन पटवारियों की सीपीसीटी की अनिवार्यता संबंधी नियम को समाप्त किए जाने की मांग भी पटवारियों के द्वारा की जा रही है।
हड़ताल का जिले में दिखा व्यापक असर
पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के पहले ही दिन जिलेभर में करीब 52 विभागों में होने वाले कार्य अधर पर लटक गए हैं। पटवारियों की हड़ताल का व्यापक तौर पर असर नजर आया। आपको बता दे कि पटवारियों के द्वारा शासन की निर्धारित योजनाओं के तहत 40 से 45 सरकारी विभाग के कार्यों का समन्वय किया जाता है जिसमें निर्वाचन क्षेत्र पत्रक बाढ़ आपदा के दौरान स्थल का सर्वेक्षण इसके अलावा नामांकन सीमांकन खसरा नक्शा से जुड़े अन्य कार्यो का भी पटवारियों के माध्यम से ही आम जनता को लाभ मिल पाता है लेकिन पटवारियों के द्वारा पूर्णकालिक हड़ताल किए जाने के बाद यह सभी कार्य पहले ही दिन प्रभावित हो और आम जनता को भी इस हड़ताल की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
शासन की नीतियों के खिलाफ है आंदोलन- जिला अध्यक्ष
इस संदर्भ में पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष अरुण वीरनवार ने बताया कि काफी लंबे समय से बाबा आदम के जमाने का पटवारियों को ग्रेड पे दिया जा रहा है और इतने साल बीत जाने के बाद भी 2100 ग्रेड पे पर पटवारी कार्य कर रहे हैं जबकि मध्यप्रदेश में कोई भी स्नातक स्तर का पद है उसके कर्मचारियों को इस पे ग्रेड से ज्यादा पे ग्रेड मिलता है जबकि पटवारियों को टेक्निकल समूह के अंतर्गत घोषित कर दिया गया है उन्होंने कहा कि काफी ऐसे पटवारी हैं जो 400-500 किलोमीटर से दूर बालाघाट जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और काफी ऐसे पटवारी भी हैं जो ग्वालियर इंदौर जैसे जिलों में अपने दायित्व निभा रहे हैं जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है हमारी सरकार से मांग है कि जिला स्तर पर कैडर बनाया जाए और जिले में संविलियन नीति को लागू किया जाए उन्होंने बताया कि सीपीसीटी की परीक्षा 2 साल से आयोजित नहीं की गई है जिसके कारण पटवारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है इंक्रीमेंट नहीं लग पा रहा है उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की ओर से ऑनलाइन कार्यों को लेकर जिले को प्रथम पुरस्कार दिया गया है तो फिर पटवारियों के साथ यह दूजा व्यवहार सरकार क्यों कर रही है उन्होंने कहा कि इन्हीं सब समस्याओं को लेकर पटवारी लामबंद हुए हैं और जब तक मांगे पूरी नहीं होगी यह हड़ताल जारी रहेगी।