बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर पटवारियों के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया गया है 10 अगस्त से प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश के तमाम पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।आपको बताएं कि इसके पूर्व पंचायत कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश में आंदोलन का बिगुल बजाया था इसके बाद शासन के द्वारा सख्ती बरते जाने पर और प्रदेश स्तर पर दिए गए आश्वासन के बाद पंचायत कर्मचारी काम पर वापस लौट आए हैं अब पटवारियों के द्वारा की जाने वाली हड़ताल का आने वाले समय में क्या असर दिखाई देता यह तो समय ही तय करेगा लेकिन पटवारियों के हड़ताल पर जाने से एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कार्य और रुकने की संभावना जताई जा रही है।
बैठक लेकर आंदोलन की बनाई रणनीति
मध्य प्रदेश पटवारी संघ के बैनर तले रविवार को पटवारियों ने बस स्टैंड स्थित धर्मशाला में बैठक आयोजित कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। इस बैठक में संगठन से जुड़े तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे जहां पटवारियों की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श कर आंदोलन को लेकर एक दूसरे से राय मशवरा किया गया और सभी ने 10 अगस्त को काम बंद हड़ताल किए जाने को लेकर अपनी सहमति जताई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिले के सभी विकास खंडों में पटवारियों के द्वारा काम बंद हड़ताल की जाएगी और इस दौरान शासन के किसी भी आदेश का पालन ना करते हुए विरोध जताया जाएगा।
इन मांगों को लेकर खोलेंगे मोर्चा
सरकार के द्वारा पटवारियों को काफी पुराने ग्रेडपे पर वेतन दिया जा रहा है जिससे पटवारी काफी नाखुश है। वही 2 साल से सीपीसीटी की परीक्षा ना होने के कारण पटवारियों को इंक्रीमेंट भी नहीं मिल पाया है जिसको लेकर वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं वही पटवारियों की प्रमुख मांगों में जिला मुख्यालय स्तर पर कैडर बनाए जाने की मांग भी की गई है जिसको लेकर 10 अगस्त को पटवारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
हड़ताल से आधा सैकड़ा सरकारी विभागों का काम होगा प्रभावित
पटवारियों के द्वारा शासन के निर्धारित योजनाओं के तहत 40 से 45 सरकारी विभाग के कार्यों का समन्वय किया जाता है जिसमें निर्वाचन क्षेत्र पत्रक बाढ़ आपदा के दौरान स्थल का सर्वेक्षण इसके अलावा नामांकन सीमांकन खसरा नक्शा से जुड़े अन्य कार्यो का भी पटवारियों के माध्यम से ही आम जनता को लाभ मिल पाता है लेकिन पटवारियों के द्वारा पूर्णकालिक हड़ताल किए जाने के बाद यह सभी कार्य नहीं होंगे जिसके कारण जहां एक और सरकारी तंत्र को सरकारी कार्यों को पटरी पर लाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी वहीं दूसरी और आम जनता को भी इस हड़ताल की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
शासन की नीतियों के खिलाफ होगा आंदोलन- जिला अध्यक्ष
इस संदर्भ में पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष अरुण बिरनवार ने बताया कि काफी लंबे समय से बाबा आदम के जमाने का पटवारियों को ग्रेड पे दिया जा रहा है और इतने साल बीत जाने के बाद भी 2100 ग्रेड पे पर पटवारी कार्य कर रहे हैं जबकि मध्यप्रदेश में कोई भी स्नातक स्तर का पद है उसके कर्मचारियों को इस पे ग्रेड से ज्यादा पे ग्रेड मिलता है जबकि पटवारियों को टेक्निकल समूह के अंतर्गत घोषित कर दिया गया है उन्होंने कहा कि काफी ऐसे पटवारी हैं जो 400-500 किलोमीटर से दूर बालाघाट जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और काफी ऐसे पटवारी भी हैं जो ग्वालियर इंदौर जैसे जिलों में अपने दायित्व निभा रहे हैं जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है हमारी सरकार से मांग है कि जिला स्तर पर कैडर बनाया जाए और जिले में संविलियन नीति को लागू किया जाए उन्होंने बताया कि सीपीसीटी की परीक्षा 2 साल से आयोजित नहीं की गई है जिसके कारण पटवारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है इंक्रीमेंट नहीं लग पा रहा है उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की ओर से ऑनलाइन कार्यों को लेकर जिले को प्रथम पुरस्कार दिया गया है तो फिर पटवारियों के साथ यह दूजा व्यवहार सरकार क्यों कर रही है उन्होंने कहा कि इन्हीं सब समस्याओं को लेकर 10 अगस्त से प्रदेशभर के 19000 पटवारी हड़ताल पर रहेंगे और प्रदेश का सारा कामकाज ठप कर दिया जाएगा।