बालाघाट : पेज पीकर कट रहे दिन

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शासन की हर गरीब की थाली तक राशन दुकान के माध्यम से अनाज वितरण की योजना में पारदर्शिता लाने के लिए उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी का थोड़ा सा भी विपरीत प्रभाव गरीबों के लिए भूखे मरने की नौबत तक ला सकता है। इस बात का उदाहरण जिले के बैहर तहसील के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में बसी धीरी पंचायत के वनग्राम घुरसीबहेरा में इन दिनों दिखाई दे रहा है। जहां पर टेक्नोलॉजी के थोड़ी सी मिस यूज की वजह से बीते 9 महीने से पूरे गांव को राशन वितरण नहीं किया गया है। गांव के लोग बमुश्किल चावल की पेज पीकर जीवन यापन कर रहे है।

कान्हा राष्ट्रीय पार्क के बफर जोन में स्थित वनग्राम घुरसीबहेरा पहुंची पद्मेश न्यूज़ की टीम ने जब ग्रामीणों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि गाव में 64 लोगो का परिवार रहते है। प्रत्येक परिवार को 35 किलो राशन मिलता है लेकिन अक्टूबर 2020 बीते 9 महीने से कितनी मुश्किल से परिवार चला रहे हैं। घर पर खाने की व्यवस्था हो रही है। स्थिति अब यह हो चुकी है कि चावल की पेज बनाकर दिन काट रहे हैं।

गांव के जो लोग सकक्षम है वे दूसरे गांव जाकर मेहनत मजदूरी कर जैसे-तैसे परिवार चला रहे हैं लेकिन जिनकी स्थिति अच्छी नहीं वे बहुत अधिक मुश्किलों में जीवन काट रहे हैं।

बीते 9 महीने से राशन दुकान से अनाज वितरण नहीं होने के विषय में जब हमने वनग्राम घुरसीबहेरा समिति के अध्यक्ष से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा कई बार इस बात की शिकायत की जा चुकी है लेकिन हर बार अधिकारी यही बताते हैं कि गांव के सभी लोगों की आईडी डिलीट हो गई है।

कान्हा राष्ट्रीय पार्क बफर जोन के अधीन वनग्राम घुरसीबहेरा राशन दुकान के वितरक और वन विभाग की गार्ड हीरालाल धुर्वे से जब हमने दूरभाष पर इस विषय पर जानकारी ली तो उन्होंने भी अध्यक्ष की तरह सभी ग्रामीणों की आईडी डिलीट होने की परेशानी बताई और बताया कि उनके द्वारा इस विषय पर धीरी पंचायत से लेकर बैहर के अधिकारियों तक को जानकारी दे चुके हैं।

इस विषय पर जब हमने फूड इंस्पेक्टर सुनील किरार से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वनग्राम
घुरसीबहेरा की लोगों की आईडी पोर्टल से डिलीट हो गई थी जिसे जोड़ दिया गया है। जुलाई महीने में सभी को राशन वितरण हो जाएगा।

आपको बता दें कि टेक्नोलॉजी की वजह से यह पहला मौका नहीं जब किसी गांव के पूरे के पूरे लोगों की आईडी डिलीट हो गई हो और पोर्टल से उनका नाम हट गया होगा इसके पूर्व भी अक्टूबर माह से लेकर जून माह तक पूरे 9 महीना बैहर तहसील के चालीबोडी और परसवाड़ा तहसील के शैला गांव के लोगों को राशन वितरण नहीं हुआ। बमुश्किल जून माह में ग्रामीणों को अस्थाई तौर पर राशन का वितरण किया गया है और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि जुलाई माह में उनका स्थाई तौर पर राशन दिया जाएगा।

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