बालाघाट : वन परिक्षेत्र अधिकारी बिरसा पर मारपीट का आरोप

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। बिरसा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बोरी के ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन से बिरसा के वन परीक्षेत्र अधिकारी शिवम पुरी गोस्वामी पर कार्यवाही करने की मांग की। इस संदर्भ में चर्चा के दौरान ग्रामीण महिला बिलसिया बाई ने बताया कि वह भूमि होने के कारण विगत 30 से 35 वर्षों से धोपघट बीट कक्ष क्रमांक 1706 के वन भूमि पर खेती कर अपने परिवार के भरण-पोषण कर जीवन यापन कर रहे हैं तथा वन अधिकार अधिनियम 2008 के तहत पट्टा प्राप्त न होने के कारण लगातार परेशानी झेलना पड़ रहा है उन्होंने बताया कि 24 अगस्त को वन परिक्षेत्र अधिकारी शिवमपुरी गोस्वामी अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और उन्होंने धान की खड़ी फसल को ट्रैक्टर रोटावेटर चलवा कर पूरी तरह नष्ट की कर दिया जब उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो उन्होंने आदिवासी महिलाओं के साथ लात मुक्का से मारपीट की और आदिवासी महिलाओं को दौड़ा दौड़ा कर मारा गया जिसके कारण पूरे गांव में दहशत का माहौल है इस मामले को लेकर साले टेकरी पुलिस चौकी में वन परिक्षेत्र अधिकारी के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई बिरसा थाना जाओ तो साले टेकरी पुलिस चौकी जाने के लिए कहा जाता है और जब साले टेकरी पुलिस चौकी जाते हैं तो वे बिरसा थाने में जाने के लिए कहा जाता है इस तरह से आदिवासी ग्रामीण महिलाओं को परेशान किया जा रहा है उन्होंने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा उन्हें अल्टीमेटम दिया गया है कि उनके मकानों को भी आने वाले समय में तोडक़र जगह को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार की कार्रवाई होती है तो आदिवासी ग्रामीण कहां जाएंगे। वही इस संदर्भ में आदिवासी ग्रामीण धीरज कुमार ने बताया कि सिंघनपुरी बोरी में आदिवासी समुदाय 25 वर्ष से काश्तकारी कर रह रहा है जिनके द्वारा कच्चे मकान भी बनाए गए हैं लेकिन इन 25 साल में कभी भी कोई वन विभाग के अधिकारी उन्हें परेशान करने नहीं आया लेकिन विरसा के वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री गोस्वामी के द्वारा आदिवासियों के द्वारा मेहनत से लगाई गई धान तुवर की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया गया वहीं मेड में लगी फसल को भी नहीं छोड़ा गया। वही जब उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो उन्होंने महिलाओं के साथ मारपीट की ग्रामीण धीरज कुमार ने कहा कि ऐसे कौन से संविधान में लिखा है कि आदिवासी समाज के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया जाए उन्होंने कहा कि हमारी शासन प्रशासन से मांग है कि इस मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

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