केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत सुधार अधिनियम 2021 का विरोध लगातार देखा जा रहा है जहां एक और उत्तराखंड में विद्युत विभाग कर्मचारियों ने काम बंद कर आर पार की लड़ाई का शंखनाद कर दिया है वहीं जिले में भी विभाग के कर्मचारियों के द्वारा संगठन के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद की जा रही है मंगलवार को मध्य प्रदेश बिजली कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई के पदाधिकारियों ने भरी बारिश में निजी करण का जमकर विरोध किया और केंद्र सरकार के प्रस्तावित विद्युत सुधार अधिनियम 2021 को वापस लिए जाने की मांग करते हुए अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा।
विद्युत विभाग कार्यालय के सामने की जमकर नारेबाजी
अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने करीब 2 दर्जन से अधिक संगठन के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर विद्युत सुधार अधिनियम का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा विद्युत कंपनियों के 15 प्रमुख संगठनों के साथ केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत अधिनियम 2021 जो कि विद्युत कंपनियों में निजी करण को बढ़ावा देने के लिए लाया जा रहा है उसका विरोध किया जा रहा है इस अधिनियम के विरोध में 18 जुलाई को संयुक्त मोर्चे की कोर कमेटी की बैठक हुई थी जिसमें समस्याओं का निराकरण न होने पर चरणबद्ध आंदोलन करने का संगठन ने निर्णय लिया है जिसके तहत 27 जुलाई को संपूर्ण प्रदेश में धरना प्रदर्शन एवं आम सभा का आयोजन किया जाना था लेकिन बारिश के चलते जिले में यह कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए हालांकि संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया।
संगठन की यह है प्रमुख मांगे
मध्य प्रदेश बिजली कर्मचारी महासंघ के द्वारा विद्युत कंपनियों का निजीकरण एकतरफा विद्युत सुधार अधिनियम 2021 संसद में पारित किए जाने की प्रमुख मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है इसके अलावा संविदा कर्मियों का नियमितीकरण आउटसोर्स कर्मचारियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन 45 वर्ष से अधिक तथा कम शैक्षणिक योग्यता का हवाला देकर आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से न निकालने कोरोना से मृत बिजली कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित कर परिवार को 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने, आश्रित को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने, बिजली कर्मियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता विगत वर्षों से रोकी गई वेतन वृद्धि विद्युत कर्मियों की लंबित वेतन विसंगति दूर करने सहित अन्य मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की जा रही है।
विद्युत सुधार अधिनियम का लगातार होगा विरोध- प्रांतीय सचिव
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश बिजली कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय सचिव नितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि विद्युत सुधार अधिनियम लाकर सरकार विद्युत विभाग का निजीकरण करने की नीति बना रही है जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं उन्होंने कहा कि यदि निजी करण होता है तो कर्मचारियों काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा वहीं ग्राहकों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि सरकार के निजीकरण प्रक्रिया का हश्र भी देख चुके हैं इसलिए निजीकरण का लगातार विरोध किया जा रहा है।