बालाघाट और सिवनी जिले के भीतर बीते 1 सप्ताह से हो रही लगातार बारिश की वजह से वैनगंगा नदी का जलस्तर बढऩे की वजह से उसके किनारे रहने वाले लोगों के भीतर एक बार फिर बाढ़ का डर सताने लगा है। गर्रा पंचायत के अंतर्गत आने वाले गर्रा बस्ती वैनगंगा नदी के किनारे बसे लोगों को वैसे तो प्रशासन द्वारा पूर्व में ही इस स्थान से हट जाने की हिदायत दी गई थी। बावजूद इसके लोग यहां पर स्थाई और अस्थाई कब्जा कर रह रहे हैं। लेकिन वैनगंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से अब उन्हें आगामी दिनों की चिंता सताने लगी है।
डर तो लग रहा है- नोसादा शाहा
गर्रा पंचायत में नदी किनारे रहने वाली नौशाद शाह को अब वैनगंगा के बढ़ते जलस्तर से डर लगने लगा वे कहती है कि रात में नींद नहीं आ रही है, इतनी सी बारिश में जब नदी का जलस्तर इतना अधिक बढ़ गया है तो आगामी दिनों में क्या होगा यह सोच कर डर लग रहा है।
प΄चायत का मदद से इ΄कार- सीमा
नदी किनारे छोटा सा झोपड़ा बनाकर रहने वाली सीमा शेंडे बताती है कि पंचायत में उन्हें पहले ही दो टूक शब्दों में कह दिया है कि पंचायत उनकी मदद नहीं कर सकती है। यह स्थान छोड़ दे। इसलिए अब उनकी चिंता और बढ़ अधिक बढ़ गई है। नदी का जलस्तर बढ़ा तो उन्हें इस बार पंचायत में शरण भी नहीं मिलेगी।
दो वर्ष से आ रही बाढ़-योगेनता
बाकी लोगो की तरह योगेनता मेश्राम की परेशानी भी वैनगंगा में बढ़ते जलस्तर के साथ साथ बढ़ती जा रही है। बीते 2 वर्ष से आ रही लगातार वैनगंगा की बाढ़ का एक बार फिर डर लग रहा है। इनके मुताबिक यदि उनके पास जमीन पैसा होता तो नदी किनारे क्यों रहते। शासन को उनकी मजबूरी समझना चाहिए।
सीईओ को बता चुके परेशानी-अनीता
अनिता पटले बताती है कि सडक़ बिजली पानी हर चीज की परेशानी है। इस बात की शिकायत वारासिवनी में जनपद पंचायत के सीईओ से तक की है। लेकिन उन्हें शासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही। शासन यदि इस स्थान पर जगह नहीं दे सकता तो कहीं और उन्हें पट्टा दे दिया जाए जिससे उनका जीवन सुरक्षित हो जाए।