बालाघाट : सरकारी क्वार्टरोमे खुद के पैसो से मेंटेनेंस

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)।  सरकार द्वारा शासकीय क्वार्टर तो बना लिए जाते हैं लेकिन उनके मेंटेनेंस की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। नगर के वार्ड नंबर 23 स्थित बावनथड़ी कॉलोनी के सरकारी क्वार्टर की अवधि पूरी हो चुकी है फिर भी लोग उन क्वार्टरों में रह रहे हैं। इस कॉलोनी में करीब 70 क्वार्टर है जिनमें अधिकारी कर्मचारी अपने परिवारों के साथ पिछले कई वर्षों से रहते हैं इनमें डेढ़ दर्जन से अधिक क्वार्टर जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके हैं इसके बावजूद भी विभाग द्वारा उन क्वार्टरो के मेंटेनेंस की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कालोनी के मकानों की हो चुकी है अवधि पूरी
आपको बताये कि कालोनी को बने हुये 40 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है कॉलोनी के घरों में कुछ न कुछ समस्या मकान को लेकर खड़ी होती रहती है कई मकानों के दरवाजे सड़ चुके हैं वही मकान का छज्जा भी गिरते रहता है। लोगों द्वारा कई बार इसकी शिकायत विभाग को करते हुए मेंटेनेंस कराने के लिए कहा गया लेकिन विभाग द्वारा मेंटेनेंस कराने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अधिकांश घरों में टपकता है छत

इस कॉलोनी के अधिकांश घरों में छत से पानी टपकने की समस्या है। बारिश के समय में पानी टपकने की समस्या खड़ी हो जाती है इसलिए इस कॉलोनी के अधिकांश घरों में स्वयं के खर्चे पर पॉलिथीन लगाई गई है। विभाग द्वारा पिछले कई वर्षों से मेंटेनेंस नहीं किए जाने के कारण यहां के लोगों द्वारा स्वयं के खर्चे से सुधार कार्य किया जाता है। लोगों का कहना है कि हर वर्ष उनका मकान रेंट के नाम से राशि कटती है तो विभाग द्वारा मेंटेनेंस कार्य भी कराया जाना चाहिए।
मकान की हालत खराब हो गई है – लक्ष्मीबाई
बावनथड़ी कॉलोनी निवासी श्रीमती लक्ष्मी बाई ठाकुर ने बताया कि इस कॉलोनी के क्वार्टरों की हालत खराब हो गई है मकान का दरवाजा टूट गया है दरवाजा खुला रहता है उसके कारण डर लगता है। छत से पानी टपकता है जिसके कारण कई घरों में लोगों द्वारा छत पर पॉलीथिन बिछाई गई है। 12 सौ रुपये की पॉलीथिन लेकर आए और लगाये। यहां के क्वार्टर वालों से 160 रुपये मकान का कटता है। मकान में दरवाजा लगाए जाए और आवश्यक सुधार कार्य कराया जाये यही मांग है।
मकान पूरा जर्जर हो गया है – आशा सिंह
श्रीमती आशा सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्हें इस कॉलोनी में रहते हुए 22 वर्ष हो गए हैं मकान पूरा जर्जर हो गया है हर वर्ष अपने हिसाब से सुधार कार्य करते हैं। पिछले 22 वर्षों में विभाग ने एक खिल्ला तक नहीं लगाया, सरकारी क्वार्टर है तो यहां बिजली और पानी की अच्छी व्यवस्था रहना चाहिए। टॉयलेट की स्थिति इतनी खराब है कि ऐसा लगता है कि छत गिर न जाए। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराने पर भी मेंटेनेंस की ओर विभाग द्वारा बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
15 दिन पहले घर का छज्जा गिर गया था – प्रमिला शर्मा
श्रीमती प्रमिला शर्मा ने बताया कि 15 दिन पहले एक घटना हुई थी उनके घर का छज्जा गिर गया था जिससे उनके सिर पर बहुत लगा था, लडक़ा आता नहीं तो वे नहीं बच पाते। मकान की स्थिति बहुत खराब है अपना पैसा लगाकर सुधार कार्य किए हैं। कर्मचारी इन क्वार्टरों में रहते हैं तो अधिकारियों ने ध्यान देना चाहिए लेकिन विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है अधिकारियों द्वारा कहा जाता है इन क्वार्टरों में रहना है तो रहो नहीं तो खाली कर दो, अपनी अपनी व्यवस्था कर लो कहते हैं। हम मांग यही करना चाहते हैं कि क्वार्टरों का मेंटेनेंस विभाग ने करना चाहिए।
किसी भी समय घटना हो सकती है – साधना वासनिक
श्रीमती साधना वासनिक ने बताया कि यहां मकानों की स्थिति बहुत दयनीय है दरवाजे टूट गए हैं सज्जे खराब हो गए हैं छत गिरते जा रही है लेकिन अफसर लोग ध्यान नहीं देते। अधिकारियों द्वारा कहा जाता है अपने जेब से पैसा खर्च करो और सुधार कार्य करके रहो। यहां इन क्वार्टरों में रहने में डर तो लगता ही है किसी भी समय कुछ भी हो सकता है। विभाग बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है फिर भी हमें कुछ न कुछ सुधार कार्य हर वर्ष करना ही पड़ता है लेकिन यह काम विभाग का है।
जर्जर क्वार्टरों को खाली करने नोटिस दे दिया गया है – उपयंत्री
इस संबंध में चर्चा करने पर राजीव सागर परियोजना कटंगी संभाग क्रमांक 3 के उपयंत्री कृष्ण कुमार पारधी ने बताया कि यह कॉलोनी लगभग 40 वर्षों से वर्ष 1975 – 76 में बनी है, यहां सिंचाई विभाग का जब बावनथड़ी प्रोजेक्ट चालू हुआ था तब यह कॉलोनी बनी थी यह टेंपररी क्वार्टर है सब। इसकी उम्र हो चुकी है इसके मेंटेनेंस के लिए पैसा आता था उससे मेंटेनेंस होता था पिछले 10 वर्षों से मेंटेनेंस भी खत्म हो चुका है मेंटेनेंस का अलॉटमेंट भी नहीं आता। जो कर्मचारी यहां रह रहे हैं वह स्वयं मेंटेनेंस करते है थोड़ी बहुत भी सरकार से मदद नहीं मिल पा रही है यहा रहने में रिस्क तो है इसी बरसात में एक कमरा ऊपर से धराशाई हो चुका था हादसा होते-होते बचा। हमने भी वहां जाकर निरीक्षण कर लोगों से कहे हैं या तो क्वार्टर खाली करवा ले या तो रहना है तो पहले क्वार्टर का मेंटेनेंस करना पड़ेगा। दीवार बल्ली सब जीर्ण शीर्ण हो गए हैं विभाग तो हटाने तैयार है लेकिन यह कर्मचारी खुद ही बाहर नहीं जाना चाह रहे हैं नोटिस भी दे दिया गया है। यह क्वार्टर रहने लायक नहीं है डेढ़ दर्जन से ज्यादा क्वार्टर जीर्ण शीर्ण अवस्था में है, विभाग इन क्वार्टरों के लिए कुछ नहीं सोच रहा है क्योंकि मेंटेनेंस का फंड ही नहीं आ रहा है।

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