बालाघाट : 10 रु. की ओपीडी पर्ची के ठेकेदार को मिल रहे 8 रु.

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। बूढ़ी अस्पताल के नाम से मशहूर जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल अपनी व्यवस्थाओं के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है जिला अस्पताल में चिकित्सको सहित अन्य संसाधनों की पहले से कमी बनी हुई है ऊपर से स्वास्थ्य संबंधी लाभ लेने के लिए जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसकी शुरुआत जिला अस्पताल में मरीज को लेकर पहुंचने से शुरू हो जाती है जहां मरीजों को भर्ती करने के लिए उन्हें पर्ची बनाने के लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है आपको बताएं कि जिला अस्पताल को ई- हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया है जिसके तहत मरीजों और उनके परिजनों को ऑनलाइन पर्ची प्रिंट, चिकित्सक कक्ष, वार्ड में भर्ती होने से सहित अन्य प्रकार की जानकारियां देने का नियम है, वही मरीजों और उनके परिजनों की सुविधा के लिए जिला अस्पताल में तीन जगह पर्ची बनाने की व्यवस्था की गई है, जहां 3 अलग अलग काउंटर बनाकर पर्ची देने का काम ठेके पर देकर अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस  अव्यवस्था को व्यवस्थित करने का  ढिढोरा पीटा जा रहा है लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है जिला अस्पताल में ओपीडी का काउंटर को छोडक़र अन्य जगह पर्ची बनाने का कार्य ठेकेदार द्वारा नही कराया जा रहा है वही काउंटर बंद कर दिया गया है जिसकी अस्पताल प्रबंधन को कोई खबर नहीं है। वही उपचार के लिए सर्जिकल वार्ड और ट्रामा सेंटर मरीज लेकर पहुंचने वाले लोग जिला अस्पताल के पुराने ओपीडी काउंटर पर्ची बनाने के लिए दौड़ लगाने पर मजबूर है। वही संबंधित ठेकेदार एक ही काउंटर का संचालन कर 6 से 8रु प्रति पर्ची के हिसाब से रोगी कल्याण समिति से वसूल रहा है।
जुलाई माह में 10,438 मरीजों की बनी पर्ची
जिला अस्पताल में केवल पर्ची का काउंटर बंद होने की समस्या ही नहीं है बल्कि कभी भी सॉफ्टवेयर धीमा हो जाने या सर्वर डाउन होने की समस्या भी बनी रहती है जिसके चलते यहां पहुंचने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जुलाई माह में सर्दी खासी बुखार सरदर्द सहित अन्य सामान्य बीमारी का उपचार कराने के लिए 8265 मरीजों ने ओपीडी से पर्ची कटवाई थी। वही सर्जिकल, डिलीवरी सहित अन्य उपचार सेवा के लिए 2163 मरीजों की पर्ची बनी थी इस तरह केवल जुलाई माह में 10,438 लोगों ने जिला अस्पताल से पर्ची बनवाई थी। इस तरह योजना के तहत फ्री में बनने वाली पर्चियों को छोड़ भी दिया जाए तो संबंधित ठेकेदार द्वारा लाखों रुपए प्रतिमाह इस एक काउंटर से कमाया जा रहा है जबकि लोगों को पर्ची बनाने के लिए रत्ती भर भी सुविधा नहीं मिल पा रही हैं।
3 में से 2 काउंटर पर जड़ा रहता है ताला
कहने पर को जिला अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनों की सुविधाओं को देखते हुए तीन स्थानों पर मेडिकल पर्ची बनाने की व्यवस्था की गई है लेकिन जिला अस्पताल में सिर्फ एक काउंटर पर ही मेडिकल पर्ची बनाने का कार्य किया जा रहा है, जबकि दो स्थानों पर पर्ची बनाने वाले काउंटर में ताला लगा रहता है। आपको बताए कि प्रसूता महिलाओं व महिला रोग से संबंधित अन्य बीमारियों के उपचार के लिए ट्रामा सेंटर की अलग से व्यवस्था की गई है, जहां ओपीडी पर्ची, चेकअप,उपचार, दवाई सहित अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त होने की बात कही जा रही है लेकिन रविवार को ट्रामा सेंटर स्थित पर्ची काउंटर में ताला लटका दिखाई दिया। वही पर्ची बनाकर देने वाले ठेकेदार के कर्मचारी अपने स्थान पर नहीं थे, जिसके चलते ट्रामा सेंटर पहुंचने वाले मरीजों के परिजन पर्ची बनाने के लिए इधर से उधर भटकते नजर आए, वहीं मजबूरी में सडक़ पार कर उन्हें जिला अस्पताल आकर पर्ची बनवा कर ले जाना पड़ा। वही सर्जिकल वार्ड में भी पर्ची बनाने का काम था जो बंद पड़ा नजर आया। बताया जा रहा है कि लगभग 2 महीनों से सर्जिकल वार्ड में पर्ची बनाने का काउंटर बंद है जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया है। वहीं सर्पदंश एक्सीडेंट सहित अन्य हादसा होने पर मरीज को लेकर सर्जिकल वार्ड पहुंचने वाले उनके परिजनों को मेडिकल पर्ची बनवाने के लिए पुराने काउंटर पर जाना पड़ रहा है। वहीं केवल दिन ही नहीं बल्कि रात और बरसात में सर्जिकल और ट्रामा सेंटर से मरीजों के परिजन पर्ची बनाने के लिए जिला अस्पताल के पुराने ओपीडी काउंटर में पहुंच कर पर्ची बनवा रहे हैं जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।
24 घंटे शुरू रहने की जगह 24 घंटे बंद रहता है पर्ची काउंटर
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल मेडिकल वार्ड ,बच्चा वार्ड, बर्न वार्ड ,सर्जिकल वार्ड ,ट्रामा सेंटर सहित अन्य जगहों पर उपचार के लिए भर्ती होने वाले मरीजों और उनके परिजनों की सुविधाओं के लिए तीन अलग-अलग स्थानों पर पर्ची काउंटर बनाए गए हैं जहां जिला अस्पताल के पुराने गेट के समीप काउंटर में सुबह 9 से शाम 4बजे तक ओपीडी पर्ची बनाने का कार्य किया जाता है इसी तरह सर्जिकल और ट्रामा सेंटर में 24 घंटे पर्ची काउंटर खुला रहने और पर्ची बनाकर देने का नियम बनाया गया है लेकिन 24 घंटे शुरू रहने वाले यह दोनों काउंटर 24 घंटे बंद मिलते हैं जहां  कर्मचारी उपस्थित नहीं रहते वही काउंटर पर अक्सर ताला लटका नजर आता है जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि पर्ची बनाने की इस व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए 3 वर्ष पूर्व भोपाल की विजन कंप्यूटर ट्रेकर कंपनी को ठेका दिया गया था। 1-2 बाद ठेका खत्म हो जाएगा जहां नियमों के तहत कुछ पर्ची निशुल्क तो कुछ मेडिकल पर्ची का शुल्क लिया जाता है जहां ठेकेदार द्वारा एक पर्ची के लिए रोगी कल्याण समिति से 6 से 8रु तक का चार्ज वसूला जाता है लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर ठेकेदार द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जा रही है जिस पर अस्पताल प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है। ट्रामा वाले बोल रहे है कि जिला अस्पताल से पर्ची बनाकर लाओ इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान वारासिवनी क्षेत्र के ग्राम आरंभा निवासी प्रसूता मरीज के परिजन मंगलेश कटरे सहित अन्य ने बताया कि वह गर्भवती महिला को ट्रामा सेंटर ले कर आए हैं जहां पर मेडिकल पर्ची नहीं बन रही है काउंटर बंद है और उस काउंटर कोई नहीं है ट्रामा वाले बोल रहे हैं कि जिला अस्पताल जाओ वहां से पर्ची बना कर लाओ तब उपचार शुरू होगा इससे काफी दिक्कतें हो रही हैं जहां उपचार हो रहा है वहीं पर पर्ची बनाने की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
मामले का संज्ञान लिया जाएगा- ए.के. जैन
वही इस पूरे मामले के संदर्भ में दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान सिविल सर्जन एके जैन ने बताया कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है वे कंपनी के सुपरवाइजर अजय से बात करेंगे और पूछेंगे कि सर्जिकल और ट्रामा सेंटर में पर्ची का काउंटर क्यों बंद करके रखा गया है यदि काउंटर बंद रहता है तो उसे तुरंत शुरू करने कहा जाएगा। क्योंकि लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर सर्जिकल और ट्रामा सेंटर में भी पर्ची बनाने के काउंटर बनाए गए हैं वहीं इसके संचालन का कार्य ठेकेदार को दिया गया है जिसे प्रति पर्ची के हिसाब से 6 से 8रु तक रोगी कल्याण समिति द्वारा भुकतान किया जाता है। कल की कल उसे व्यवस्था बनाने कहा जाएगा और दोनों काउंटर शुरू किए जाएंगे ताकि केवल बारिश ही नहीं बल्कि अन्य समय में भी लोगों को पर्ची बनाने के लिए दिक्कतों का सामना ना करना पड़े

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