लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। नगर मुख्यालय में फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन के द्वारा विगत दिनों से अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई जा रही है जिसमें पूर्व में बस स्टैण्ड, हाई स्कूल मार्ग, सर्राटी नदी पुल से अहिंसा द्वार हाईवे मार्ग, सब्जी मार्केट में किये गये कच्चे व पक्के अतिक्रमण, चबुतरे व टीनशेड को हटाने के लिए दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया था जिस पर दुकानदारों के द्वारा स्वयं ही अपने टीनशेड़, चबुतरे एवं हाई स्कूल, बस स्टैण्ड व हाईवे मार्ग में पर स्थित दुकानों के कमरे को खाली कर दिया था, जिसके बाद प्रशासन के द्वारा जेसीबी मशीन से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है। वहीं जिन लोगों का अतिक्रमण हटाया गया है उन्होने प्रशासन पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अतिक्रमण के नाम पर हाई स्कूल मार्ग, बस स्टैण्ड व हाईवे मार्ग के कच्चे व पक्के अतिक्रमण पर कार्यवाही की गई है परन्तु अब भी मुख्य बाजार क्षेत्र के अंदर ऐसे बहुत से दुकानदार है जिन्होने नोटिस व मुनादी करवाने के बाद भी अपने दुकानों के सामने के टीनशेड व चतुबरे नही हटाये है जो यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहे है। उन पर प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में भेदभाव किया जा रहा है। वहीं शासकीय भवनों को बिना किसी नोटिस के तोडक़र शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है जिसमें शासकीय पशु चिकित्सालय भवन, ग्राम पंचायत पांढरवानी का सामुदायिक जवाहर भवन व व्यायाम शाला शामिल है।
व्यापारी नही है संगठित – रवि
दुकानदार रवि अग्रवाल ने बताया कि १२ जनवरी को ऐरीकेशन व राजस्व विभाग से नोटिस मिला कि १५ जनवरी तक कमरा खाली करें हमें दुकानें तोडऩा है जैसे ही नोटिस मिला मेरा मन व दिमाग काफी विचलित हुआ क्योंकि ४२ वर्षों से दुकानें संचालित कर रहा था, नोटिस मिलने के बाद दु:ख महसूस हुआ जिसके बाद मैंने निर्णय लिया कि दुकान तोडऩा शासन व संविधान का नियम है और दुकान टुटने से मेरा मन, दीमाक खराब है जब दिमाग व मन खराब होता है तो वाणी भी खराब होती है इसलिए मैंने मार्केट नही जाने का निर्णय लिया। श्री अग्रवाल ने बताया कि लालबर्रा में व्यापारी संगठित नही है, उनका कोई यूनियन नही है, दुकान टुटने के पहले मेरे द्वारा समाचार पत्र के माध्यम से क्षेत्रीय विधायक गौरीशंकर बिसेन जी से लालबर्रा को सुन्दर बनाने के लिए व्यापारियों की सामूहिक बैठक लेकर एक रोड़मेप तैयार करने की बात कही थी कि कौन सी जगह शासन की है, प्रशासन की है, जनपद की है, मंडी की है क्योंकि व्यापारी कई वर्षोंसे जनपद को टैक्स दे रहे है परन्तु हमारी बातों को अनसुना किया गया, मेरे द्वारा इस संबंध में युवा व्यापारियों से भी विधायक महोदय से मिलकर सामूहिक बैठक करने पर चर्चा भी की गई परन्तु वह भी व्यर्थ रहा और उसका नतीजा यह रहा कि सभी की दुकानें टुट गई।
जिनकी दुकानें टुटी है उन्हे अस्थाई पट्टा देकर मंडी कॉम्पलेस में दिया जाना चाहिए कमरा
श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन के द्वारा नोटिस व मुनादी करवाकर स्थानीय दुकानदारों से टीनशेड व चबुतरे हटाने की अपील की गई थी जिसका दुकानदारों ने बखुबी पालन किया और अपने दुकानों से टीनशेड हटा लिये परन्तु प्रशासन का कर्तव्य बनता है कि वे मार्केट के अंदर घुमकर देखे कि किन दुकानदारों ने टीनशेड व चबुतरा हटाये है या नही क्योंकि लालबर्रा में भाजपा के बाहुबली नेताओं के द्वारा अपनी दुकानों के टीनशेड व चबुतरे नही हटाये गये है, प्रशासन से मांग है कि संविधान का पालन करें और सभी पर समान रूप से कार्यवाही करें। श्री अग्रवाल ने बताया कि विधायक श्री बिसेन कहते है कि मैने जिनकी दो इंच तोड़ा है उन्हे चार इंच दूंगा जिनकी चार दुकानें है उन्हे एक दुकान दूंगा उनका यह कॉन्सेप्ट क्लियर है परन्तु पहले रोडमेप तैयार किया जाता है बाद में दुकानें तोड़ी जाती है, पहले विस्थापित करने की योजना बनाई जाती है लेकिन इन्होने ठीक इसके विपरित कर दिया पहले तोड़ दिया अब विस्थापित करने की बात करते है। साथ ही यह भी बताया कि मंडी काम्पलेक्स में ९६ दुकानें बनी है जिनकी दुकानें टुटी है उन्हे अस्थाई पट्टा देकर कुछ दिनों के लिए कमरा दिया जाना चाहिए था। श्री अग्रवाल ने बताया कि विधायक महोदय हर बार मेरी दुकानों को गिनाते है कि इनके पास तीन-तीन दुकानें है मेरा भी भरापुरा परिवार है और अर्नगल बयानबाजी कर मेरी छवि को धुमिल करने का प्रयास करते है इसका जवाब मैने पूर्व में भी दे चुका हूं साथ ही यह भी बताया कि शासकीय भवन, पशु चिकित्सालय, जवाहर भवन, थाने की बाउण्ड्रीवाल को तोड़ा गया है जबकि किसी भी शासकीय संपत्ति को तोडऩे के पहले उनका सक्षम अधिकारी आता है नोटिस व तामिल जारी करता है उसके बाद कार्यवाही होती है परन्तु बिना कानूनी कार्यवाही के शासकीय भवन कैसे तोड़े जा रहे है इसका जवाब स्वयं विधायक श्री बिसेन देगें।
नहर की जमीन पर बना सामुदायिक भवन अतिक्रमण की श्रेणी में यों नही आता
श्री अग्रवाल ने बताया कि सर्राटी नहर से स्व. पं. नंदकिशोर शर्मा के खेत में पानी की डिमांड होती थी जब नहर में पानी छोड़ा जाता था और यह नहर बड़ी पनबिहरी से स्व. शर्मा के तालाब तक जाती थी परन्तु विगत २५ वर्षों से धीरे-धीरे तालाब बुझ गया और वहां प्लाटिंग हो गई उसके बाद लवकुश अग्रवाल ने प्लाटिंग किये एवं थाने के अंदर नहर थी वह भी बंद हो गई उसके बाद विश्रामगृह के पास से नहर जाती थी उस स्थान पर लोगों ने दुकान बनाकर व्यवसाय किये और लालबर्रा जनपद के द्वारा ३५ वर्षोंसे दुकानदारों से टैक्स भी ली है ऐसी स्थिति में वह तो नहर कहलायेगी ही नही। साथ ही यह भी बताया कि विधायक गौरीशंकर बिसेन के द्वारा नहर की जगह पर ५५ लाख रूपये का सामुदायिक भवन बना दिया गया है फिर वह अतिक्रमण की श्रेणी में क्यों नही आता उसके आगे कालोनाईजरों के द्वारा नहरों को बंद कर प्लाटिंग कर दी गई है एवं लोगों के बड़े-बड़े मकान बन गये है वे अतिक्रमण की श्रेणी में क्यों नही आते है, प्रशासन से मांग है कि नहर की जमीन की सूक्ष्मता से जांच कर वैधानिक कार्यवाही करें।
जवाहर भवन से पंचायत को होती थी आय – अनीस
ग्राम पंचायत पांढरवानी सरपंच अनीस खान ने बताया कि सामुदायिक जवाहर भवन को तोडऩे के संबंध में प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का नोटिस नही मिला और जवाहर भवन का निर्माण सन् १९९२ में किया गया था वह ग्राम पंचायत की संपत्ति थी एवं जितने भी पूर्व सरपंच रहे है उन्होने उसे किराये में देने का काम किया है तभी से उस भवन को किराये पर दिया जा रहा था और म.प्र. शासन का भी नियम है कि ग्राम पंचायत की जो भी परिसंपत्ति है उसे आय का स्त्रोत बनाकर राजस्व बढ़ाये उसी तारतम्य में हमनें उसे १० हजार रूपये प्रतिमाह से किराये पर दिया था जिससे पंचायत को आय होती थी परन्तु दो माह पूर्व ही जबरन किरायेदार को खाली करवा दिया गया है एवं गत दिवस रात्रि के समय जवाहर भवन को तोड़ दिया गया है जबकि यह म.प्र. शासन की संपत्ति है जिससे ग्राम पंचायत को काफी नुकसान हुआ है। श्री खान ने बताया कि भवन तोडने की कार्यवाही के दौरान मैं लालबर्रा में नही था जानकारी लगने पर मैंने उज्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है और सामुदायिक जवाहर भवन स्व. पं. नंदकिशोर शर्मा जी के समय में बनाया गया था एवं पूर्व विधायक अशोकसिंह सरस्वार की विधायक निधि से व्यायाम शाला बनाया गया था उसे व जवाहर भवन की बाउण्ड्रीवाल को भी तोड़ा गया है और शासकीय भवन को तोडऩे की विशेष प्रक्रिया होती है, डिस्मेंटल आर्डर जारी होते है परन्तु इस संबंध में ग्राम पंचायत को कोई नोटिस नही मिला एवं भवन को तोड़ दिया गया है जिससे शासन को लाखों रूपये का नुकसान हुआ है।
इनका कहना है।
भवन के सामने से नवीन सडक़ का निर्माण किया जाना है जिसकी नाप-झोक वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा की गई, इस नाप में पशु चिकित्सालय के दो कमरे आ रहे है जिसे हमें खाली करने कहा गया था जिस पर हमने कमरे खाली कर दिये है और अस्थाई रूप से कुछ दिनों के लिए मंडी काम्पलेक्स में कार्यालय संचालित किया जायेगा। साथ ही यह भी बताया कि पुराने भवन क्षतिग्रस्त था जिसे तोड़ दिया गया है एवं जिस भवन में कार्यालय संचालित हो रहा था उसे खाली करने कहा गया जिसकी जानकारी हमने अपने उज्चाधिकारियों को दे दी है।
राकेश शील
पशु चिकित्साधिकारी
पशु चिकित्सालय विभाग लालबर्रा।
नगर मुख्यालय में शासकीय जमीन पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के लिए पूर्व में दुकानदारों को नोटिस व मुनादी करवाकर जानकारी दी गई थी जिस पर दुकानदारों ने स्वयं ही कमरा खाली कर प्रशासन की इस अतिक्रमण की कार्यवाही में सहयोग किया और बाजार क्षेत्र के अंदर के दुकानदारों को टीनशेड व चबुतरे हटाने कहा गया था उन्होने भी स्वयं हटा लिया है, सामुदायिक जवाहर भवन व पशु चिकित्सालय के कमरे को तोडऩे के संबंध में मुझे कोई जानकारी नही है और जिला प्रशासन के निर्देश पर गर्रा से लेकर कंजई हाईवे मार्ग किनारे किये गये अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की जा रही है।
रामबाबू देवांगन
तहसीलदार
लालबर्रा।