बीजेपी को देख मजबूरी में रामभक्त बना विपक्ष? अयोध्या की दिवाली में विपक्ष का एजेंडा जला?

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अयोध्या में दिवाली के मौके पर लगातार कार्यक्रम जारी हैं। पूरी अयोध्या राममय हो चुकी है। राम की पैड़ी, सरयू घाट से लेकर राम कथा पार्क तक सतरंगी रौशनी से सजावट की गई है। सुबह से ही भव्य आयोजन किए जा रहे हैं। सरयू नदी के किनारे दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आज राम की पैड़ी में अदभुद नजारा देखने को मिल रहा है। सरयू तट पर 12 लाख दिए एक साथ जलाए जा रहे हैं। राम की पैड़ी पर पर्यटन विभाग ने की 3D होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग का भी इंतजाम किया गया है। इसके अलावा सरयू नदी के किनारे लेजर शो का भी आयोजन किया जा रहा है। इस बीच श्रीराम को लेकर सियासत जारी है। दिवाली के भव्य आयोजन के बीच अयोध्या से सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला। इससे पहले यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि अब मौसमी रामभक्त दाएं और बाएं हाथ से घंटी बजाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं।

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ट्वीट कर लिखा आज ही 1990 में कार सेवा नहीं थी फिर भी निहत्थे राम भक्तों पर बर्बरता से गोलियां चली थी। आज के सारे मौसमी राम भक्त कार सेवकों के हत्यारों के साथ खड़े थे। आज संपूर्ण समाज व राष्ट्र की चेतना संगठित हुई तो अयोध्या का यह दृश्य दिखा है। मायावी शक्तियाँ भले प्रबल हो पर “यतो धर्मस्ततोजय:”

दरअसल जो विपक्षी दल राम मंदिर बनने से पहले बीजेपी पर आरोप लगाते थे कि राम मंदिर के नाम पर बीजेपी सियासत करती है। जिन विपक्षी दलों को कभी राम के नाम से ही परहेज था, जो राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठाते थे, वो आज रामनगरी अयोध्या का दौरा करते नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी हो, कांग्रेस हो, समाजवादी पार्टी हो या फिर बीएसपी हो। हर पार्टी आज यही कार्ड खेल रही है। बीजेपी के भव्य कार्यक्रम को देखते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दिवाली पर पहले सबको बधाई दी फिर बीजेपी पर हमला बोला।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास जी के एक निजी चैनल में दिए बयान का वीडियो पोस्ट करते हुए योगी आदित्यनाथ जी पर हमला बोला है। संजय सिंह ने लिखा है कि प्रभु श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास जी का बड़ा बयान अयोध्या किसी एक पार्टी के साथ नही है। आदित्यनाथ जी ने यहां के लोगों के दुकान मकान तुड़वाये हैं उनका यहां घोर विरोध होगा वो गोरखपुर से चुनाव लड़े।

ऐसे में सवाल हैं: 

  1. दिव्य दिवाली देख ‘जले’ मौसमी रामभक्त?
  2. बीजेपी की रामभक्ति देख विपक्ष ने बदला रास्ता?
  3. बीजेपी को देख विपक्ष मजबूरी में बना रामभक्त?
  4. वोट के लिए विपक्ष घंटी बजाने की प्रैक्टिस में जुटा?
  5. अयोध्या की दिवाली में विपक्ष का एजेंडा जला?

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