वित्त वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च यानी बुधवार को जीएसटी, इनकम टैक्स की कई कार्रवाई और दस्तावेजी औपचारिकताओं को पूरा का अंतिम दिन है। वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न दाखिल करने से लेकर आधार और पैन को लिंक करने का भी बुधवार को अंतिम मौका है। इसी के साथ जीएसटी में भी वार्षिक रिटर्न को दाखिल करने की तारीख बुधवार को बीत जाएगी। कोरोना काल के परेशानियों को देखते हुए विभिन्न कर पेशेवरों ने मियाद को आगे बढ़ाने की मांग की है। हालांकि फिलहाल किसी तरह की राहत का संदेश सरकार की ओर से नहीं आया है।
इंस्टिट्यूट आफ चाटर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आइसीएआइ) इंदौर ब्रांच के अध्यक्ष सीए कीर्ति जोशी के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न को दाखिल करने का मौका 31 मार्च बीतने के साथ ही खत्म हो जाएगा। 31 मार्च तक लेट फीस के साथ रिटर्न दाखिल करने का अंतिम मौका है। ऐसे करदाता जिनका आय पांच लाख रुपये वार्षिक तक है वे 31 मार्च तक एक हजार रुपये लेट फीस के साथ रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। यदि आय पांच लाख से ज्यादा है तो लेट फीस 10 हजार रुपये है। हालांकि 31 मार्च बीतते ही रिटर्न दाखिल करने से चूकने वाले करदाता किसी भी कीमत पर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकेंगे। इसी के साथ 31 मार्च को ही वित्त वर्ष 2019-20 के रिटर्न में त्रुटी सुधार का भी आखिरी मौका है। यदि किसी तरह की छूट हासिल करना या क्लेम भरना छूटा हो तो रिटर्न में उस गलती को भी 31 मार्च तक ही सुधारा जा सकता है। सरकार के निर्देश के अनुसार आधार नंबर का पैन के साथ लिंक करवाना जरुरी है। 31 मार्च के बाद ऐसे पैन जिनका आधार के साथ लिंक नहीं है, आयकर विभाग उन पैन को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर देगा।इस स्थिति में पैन से जुड़े तमाम कार्य रुक जाएंगे। आयकर अधिनियम के तहत धारा 80(सी) व 80(डी) में विभिन्न छूट को प्राप्त करनने के लिए बीमा, फंड आदि में निवेश किया जाता है। वित्त वर्ष 2020-21 में छूट पाने के लिए ऐसे निवेश का भी बुधवार को आखिरी दिन है। सरकार द्वारा घोषित विवाद से विश्वास योजना में आयकर के लंबित प्रकरणों के निपटारे के लिए घोषणा व आवेदन की अंतिम समय सीमा भी 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी। जिन लोगों पर वित्त वर्ष 2020-21 में अग्रिम आयकर जमा करने की बाध्यता हैै। उन्हें भी आयकर जमा करनेे के लिए 31 मार्च तक की ही मोहलत दी गई है।