नगर के बूढ़ी में स्थित तालाब का विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है और यह लगातार किसी न किसी विषय को लेकर गरमाता जा रहा है। मंगलवार को प्रशासन का अमला बूढ़ी तालाब के सीमांकन कार्य के लिए पहुंचा जिनके द्वारा आश्रय ग्रह के तरफ का सीमांकन कार्य किया गया, लेकिन जब उनके द्वारा समता भवन के तरफ से सीमांकन किया जाने लगा तो उन्हें वहां के लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। और तहसील कार्यालय का अमला सीमांकन कार्य पूर्ण करे बगैर ही वापस लौट गया।
आपको बताये कि एनजीटी से निर्देश मिले थे तालाबों में व्याप्त अतिक्रमण को हटाया जाए, उस निर्देश के परिपालन में जिला प्रशासन द्वारा बूढ़ी तालाब में स्थित अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की जा रही है। इसी कड़ी में प्रशासन द्वारा बूढ़ी तालाब में जो अतिक्रमण कर मकान बनाए गए हैं उन्हें नोटिस देकर विस्थापन की कार्यवाही जारी है। लेकिन वहां के कुछ लोग उनके मकान को हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं।
सीमांकन कार्य का विरोध तालाब के आसपास निवासरत महिलाओं एवं रमाबाई महिला मंडल द्वारा खुलकर किया गया। इनके द्वारा आक्रोश जताते हुए कहा गया कि यहां रोड के समीप जो लोग बसे हैं उन सभी को पट्टे आवंटित है। तथा समता भवन कई वर्षों से वहां पर है जो कि नगर में निवासरत लोगों द्वारा चंदा इकट्ठा कर बनाया गया है।
सीमांकन कार्य को लेकर बूढ़ी तालाब में अतिक्रमण कार्यवाही का विरोध कर रही महिला मनोरमा नागेश्वर ने भी विरोध जताया। उन्होंने कहा कि इस सीमांकन कार्य से वह संतुष्ट नहीं है इसको हम जायज नहीं मानते क्योंकि जो सीमांकन हो रहा है वह 19 तारीख से होना था जो 3 दिन बाद किया जा रहा है।
तहसीलदार रामबाबू देवांगन ने बताया कि बूढ़ी तालाब के सीमांकन के लिए अमला कलेक्टर के निर्देश पर भेजा गया, जिनके द्वारा वह तालाब कितने क्षेत्रफल में है तथा उसमें कितनी जगह पर वर्तमान में तालाब और कितनी जगह पर अतिक्रमण है इसका सीमांकन किया जा रहा है। सीमांकन कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण 1 दिन और सीमांकन किया जाएगा, जिसके पश्चात इसकी रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय में सबमिट की जाएगी तथा उसके पश्चात आगे की कार्यवाही में तालाब में व्याप्त अतिक्रमण को हटाया जाएगा।