बालाघाट(पद्मेश न्यूज)। एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में इस लड़की के कलयुगी पिता को आजीवन कारावास और 3 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया ।यह सजा बैहर के विद्वान पॉस्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश भू-भास्कर यादव की बैहर की विद्वान अदालत ने सुनाई। अभियोजन के अनुसार पीड़ित 16 वर्षीय बालिका की मां की मृत्यु हो जाने के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी किया था ।दूसरी शादी से 2 बच्चे हुए उसके बाद दूसरी मां की भी मृत्यु हो गई थी। पीडि़ता अपने पिता और बहनों के साथ निवास करती थी। पीडि़ता का पिता हमाली का काम करके और शराब के नशे में दिन-रात घुत था। सन 2018 की दीपावली के आसपास पीडि़त बालिका अपने घर में सोई थी रात के समय उसके पिता ने उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया । जब पीडि़त बालिका रोने लगी तब उसकी छोटी बहन ज्यादा कर रोने लगी। जिसे आरोपी उसके पिता ने डराया और जान से मारने की धमकी दी । इसके बाद इस कलयुगी पिता ने अपने इस नाबालिग की लड़की के साथ तीन चार बार बलात्कार किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।इस संबंध में पीडि़त बालिका ने अपने दीदी और जीजा को जाकर बताया। दीदी और जीजा ने आकर आरोपी को समझाया उसके बाद भी यह व्यक्ति अपनी बेटी के साथ बलात्कार करने की कोशिश किया। लड़की द्वारा की गई रिपोर्ट पर उसके पिता के विरुद्ध धारा 376 (2)(एन) (के),376(3)506बी भादस और धारा 4/6 पॉस्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया था इस अपराध में इस आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद विद्वान अदालत में अभियोग पत्र पेश किया गया था। पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश भु-भास्कर यादव की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी इस व्यक्ति के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। विद्वान अदालत ने सजा के प्रश्न पर कहे कि आरोपी ने अपने पिता होने के दायित्व का निर्वहन नहीं किया बल्कि पिता पुत्री के पवित्र रिश्ते को कलंकित करते हुए अपनी ही बच्ची के साथ बलात्कार किया। ऐसे मामलों में कठोर दंड दिए बगैर न्याय का प्रयोजन पूरा नहीं हो सकता ।इसके पश्चात विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन, निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी इस व्यक्ति को 376 (2) (एन) (एफ) (के),376 (3) भादस एवं धारा 4/6 पास्को एक्ट के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 2 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 506 भादस के तहत अपराध में 1 वर्ष का कठोर कारावास और 1 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किए। विद्वान अदालत ने अर्थदंड की राशि वसूल होने पर अर्थदंड की राशि 3000 रुपए के अलावा 200000 रुपए पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत पीड़िता को दिलवाए जाने के आदेश दिए है।इस मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अशोक बाट द्वारा पैरवी की थी।