बेटे ने की थी मां और भांजी की हत्या

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बैतूल। बेरोजगार बेटे को घर से निकालने के कारण उसने अपनी मां और भांजी को दो लोगों के साथ मिलकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। यह खुलासा पुलिस ने मुलताई क्षेत्र के ग्राम कामथ में हुए दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के बाद किया है। बुधवार को पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकार वार्ता

बैतूल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। बेरोजगार बेटे को घर से निकालने के कारण उसने अपनी मां और भांजी को दो लोगों के साथ मिलकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। यह खुलासा पुलिस ने मुलताई क्षेत्र के ग्राम कामथ में हुए दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के बाद किया है।

बुधवार को पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकार वार्ता में बताया कि 15 मार्च को मुलताई क्षेत्र के ग्राम कामथ में फारेस्ट कालोनी के मकान में जसवंत बाई और 11 वर्षीय नातिन का शव पलंग पेटी पर लहुलुहान हालत में पड़ा मिला था। पुलिस ने दोनों के शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिलने पर अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धारा 302 का मामला पंजीबद्ध कर पर जांच शुरू की।

हत्या के मामले में संदेही मृतका के बेटे रवि पवार को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपने मामा ससुर ग्राम परसोड़ी निवासी दिलीप पाटिल और उसकी मां के करीबी कलारी में काम करने वाले सागर जिले के बंडा निवासी युवक मदन सेन के साथ मिलकर दोनों की हत्या करना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से हत्या करने में उपयोग किए गए हथौड़े, लोहे का खलबत्ता बरामद कर लिया है। पुलिस अधीक्षक प्रसाद ने बताया कि मृतका जसवंती बाई का बेटा रवि पवार पिछले तीन-चार महीने से बेरोजगार था। महिला ने बेटे को खर्चे के लिए पैसे देना बंद कर दिया और घर से बाहर निकाल दिया था। इसी बात से नाराज होकर रवि ने अपने मामा ससुर और मां के करीबी युवक के साथ मिलकर हत्या करने का प्लान बनाया। 14 और 15 मार्च की दरम्यानी रात तीनों आरोपितों ने घर में सो रही महिला और बच्ची पर हथौड़े से वार कर उनकी हत्या कर दी। आरोपितों ने मृत बच्ची का मोबाइल, महिला का मंगलसूत्र और पायल निकाल ली।

पूछताछ में यह भी सामने आया है कि मृतका महिला जसवंती बाई पिछले पांच वर्षों से कलारी के कार्यालय में खाना बनाने का काम करती थी। इसी दौरान उसकी महिला की कलारी में काम करने वाले युवक मदन सेन से दोस्ती हो गई। दोनों के बीच काफी करीबी संबंध थे। महिला बार-बार फोन लगाकर मदन को परेशान करते हुए दबाव बनाती थी। इसी बात को लेकर मदन भी उससे छुटकारा पाना चाहता था। मृतका के बेटे को इस बात का पता था इसी कारण उसने मदन को अपनी योजना बताई। सभी की सहमति के बाद उन्होंने घटना को अंजाम दे डाला।

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हत्या करने वाला बेटा ही घटना की सूचना पुलिस को देता है और सबसे पहले मौके पर भी वही पहुंचता है। पुलिस को पूरा सहयोग करते हुए यह जताने का प्रयास किया गया कि उसके द्वारा कुछ नहीं किया है। पुलिस ने मोबाइल की काल डिटेल के सहारे सारे सुराग जुटाए और आरोपितों से जब कड़ियां जोड़कर पूछताछ की तो वे टूट गए और हत्या का खुलासा हो गया।

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