एचडीएफसी बैंक के खाताधारकों के खाते में फर्जी रूप से लेन देन किए जाने के मामले में आखिरकार पुलिस के द्वारा कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई। जिसमें पहले दिन आवेदक चार पीड़ितों को एसडीओपी कार्यालय में बुलाकर बयान दर्ज करवाये गये। इस दौरान उन लोगों के बयान नहीं लिए गए जिनके द्वारा पुलिस थाना या एसडीओपी कार्यालय में अभी तक आवेदन नहीं दिया गया है जिनके द्वारा जल्द ही आवेदन दिए जाने की बात कही जा रही है। वही एसडीओपी अरविंद श्रीवास्तव के द्वारा पीड़ित चार युवकों से घंटो तक पूछताछ कर उनके बयान दर्ज कराए गये। इसके साथ ही उक्त प्रकरण में वारासिवनी पुलिस ने कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।
यह है मामला
करीब 1 महीने पहले मुंबई पुलिस के रडार पर एक आर्थिक लेनदेन का मामला प्रकाश में आया था की मुंबई निवासी एक व्यक्ति से आईफोन के नाम पर 20 हजार रुपए खाते में डलवाये गये थे परंतु आईफोन उसे उपलब्ध नहीं कराया गया जिसकी शिकायत पर मुंबई पुलिस के द्वारा भादवि की धारा 420 और आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई थी। जिसकी पूछताछ करते हुए मुंबई पुलिस वारासिवनी पहुंची थी यहां पर ग्राम बुदबुदा से दो युवक से गहन रूप से पूछताछ की गई। जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया जिसमें प्रियांश बंजारी के द्वारा एचडीएफसी बैंक का खाता खोला गया था उसमें करोड़ों का लेनदेन हुआ था। जिसकी सूचना लगते ही ग्राम के वह युवा जिनके द्वारा खाता खोलने के नाम पर प्रियांश बंजारी के द्वारा उनके दस्तावेज लिए गए थे व जिन्होंने उसे अपना खाता चलाने के लिए दिया हुआ था। उनके द्वारा एचडीएफसी बैंक की मुख्य शाखा मैं तलब किया गया तो वहां पता चला कि जिसे स्पष्ट रूप से प्रियांश बंजारी ने कहा था कि उसका खाता नहीं खुला है उसके नाम से भी खाते का संचालन किया जा रहा था जिसमें करोड़ों और लाखों रुपए के लेनदेन अवैध रूप से किए गए थे। जिसे मुंबई पुलिस के द्वारा स्थिर करवा दिया गया था जिसमें कुछ लोगों के द्वारा एसडीओपी कार्यालय वारासिवनी में जांच के लिए आवेदन दिया गया था उनसे पुलिस के द्वारा पूछताछ की जा रही है।
इन व्यक्तियों के खाते मैं किया गया है फर्जी लेनदेन
प्रियांश बंजारी के द्वारा अपने ग्राम के सात युवक नीलेश कावरे रविकांत डोंगरे कृष्णा उके भूपेश बिसेन राहुल पांडे अंशुल शेन्द्रे अमृत नागेश्वर अंकित पिलगर सहित अन्य लोगों के खाते एचडीएफसी बैंक में खोले गए थे। जिनके खातों की उन्हें जानकारी नहीं थी जिस पर एक मामले में उन्हें पता चलने पर उन्होंने मुख्य शाखा से चर्चा की जहां पाया कि उनके खाते एचडीएफसी बैंक में खोले गए थे। जिसमें 4 व्यक्तियों के द्वारा एसडीओपी कार्यालय वारासिवनी मैं आवेदन दिया गया था जिनकी जांच प्रारंभ कर दी गई है। वही तीन व्यक्तियों के द्वारा जांच प्रारंभ होने की जानकारी पर एसडीओपी कार्यालय पहुंचकर उनके द्वारा जानकारी ली गई वहीं जल्द उनके द्वारा भी जांच के लिए आवेदन दिए जाने की बात कही जा रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रियांश बंजारी के द्वारा वारासिवनी विकासखंड अंतर्गत करीब 22 से अधिक लोगों के नाम पर खाते खोले गए थे जिसमें 7 लोग ही अभी तक सामने आए हैं।
पीड़ित नीलेश कावरे ने पदमेंश से चर्चा में बताया कि पिछली बार एसडीओपी कार्यालय में उनके द्वारा जांच के लिए आवेदन दिया गया था जिस पर पुलिस ने घर में आकर सूचना दी थी कि 17 जून को सुबह 11:30 बजे एसडीओपी कार्यालय पहुंचना है। जिस पर हम चार लोग यहां पर कार्यवाही के लिए आए हैं। श्री कावरे ने बताया कि उनके खाते में करोड़ों का लेनदेन हुआ है जो प्रियांश बंजारी ने खोला था और उससे कई बार खाते के संबंध में पूछा गया तो उसके द्वारा कहा गया था कि खाता नहीं खोला गया है। ऐसे करीब बुदबुदा में 7 लोग हैं और वारासिवनी में भी कुछ लोग हैं।
पीड़ित रविकांत डोंगरे ने बताया कि प्रियांश बंजारी ने हमारा खाता खोला पर उसकी जानकारी हमें नहीं दिया जब भी उससे हम अपने खाते से संबंधित चीजें मांगते थे तो वह टालमटोल कर देता था और कई लोगों को उनका खाता खोला ही नहीं है बता देता था। इस मामले के सामने आने के बाद प्रियांश बंजारी से चर्चा की गई तो उसने अमन और अंजलि का नाम बताया जिसमें अमन कासपुर रहता है अंजलि पता नहीं और इन्हें हमने देखे भी नहीं है। प्रियांश बंजारी ने इन लोगों को खाता दिया था जिनके द्वारा लेनदेन किया गया इसकी जानकारी उसको भी नहीं है ऐसा बोल रहा है। श्री डोंगरे ने बताया कि वहां साइबर सेल बालाघाट में आवेदन देने के लिए गए थे तो वहां पर आवेदन नहीं लिया गया जिसके बाद ओपन राहंगडाले को सूचना दी गई जिन्होंने बैंक से स्टेटमेंट निकाल कर पूरे मामले के बारे में विस्तृत जानकारी पता कि है। हमारे कुछ साथी ने आवेदन दिए थे जिन्हें एसडीओपी कार्यालय में बुलाया गया था तो वह यहां पर आये और उनके साथ हम भी आए हैं। अभी हमने ज्ञापन नहीं दिया है इसलिए हमें नहीं बुलाया गया है परंतु हम भी जल्द इसके लिए आवेदन देगे।
इनका कहना है
दूरभाष पर बताया कि कुछ युवकों के द्वारा शिकायत की गई थी कि उनके एचडीएफसी बैंक के खाते मैं लाखों करोड़ों का लेनदेन फर्जी रूप से किया गया है जिसकी जांच की जाये। जिस पर संबंधित युवकों को बुलाकर मामले में विस्तृत पूछताछ की जा रही है इसमें अभी बैंक से पूछताछ नहीं की गई है क्योंकि कार्यवाही प्रारंभ हुई है। इसमें अब आगे जैसे तथ्य सामने आयेगे वैसे सभी से पूछताछ की जायेगी।
अरविंद श्रीवास्तव
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस वारासिवनी