ब्रह्मोस से चीन को निशाने पर लेगा ये देश, भारत से फिर खरीदना चाहता है मिसाइल, जिनपिंग की बढ़ी टेंशन

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 चीन और फिलीपींस के बीच तनाव देखने को मिल रहा है। विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन को निशाने पर लेने के लिए फिलीपींस को भारत निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की जरूरत है। फिलीपीन मरीन कॉर्प्स (PMC) ने 2026 तक तट-आधारित सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल की दो अतिरिक्त बैटरियों के साथ अपनी तटीय सुरक्षा को मजबूत करने की योजना बनाई है। PMC को पहले से ही तीन ब्रह्मोस बैटरियां मिलने वाली हैं। प्रत्येक बैटरी में चार लॉन्चर होते हैं। हर लॉन्चर 290 किमी तक टार्गेट को हिट कर सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलीपींस की संभावित अतिरिक्त खरीद से भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और पूर्वी एशियाई हथियारों की होड़ के बीच ब्रह्मोस की मार्केटिंग होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलीपीन सेना (PA) मिसाइलों की खरीद पर भी विचार कर रही है, जो संभावित रूप से फिलीपींस को भूमि और नौसैनिक हमलों के लिए हथियार प्रदान करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल की उच्च गति और लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता इसे समुद्री खतरों के खिलाफ एक दुर्जेय हथियार बनाता है। इससे फिलीपींस की तटीय रक्षा को मजबूती मिलेगी।

भारत और फिलीपींस दोनों का चीन से तनाव

WION की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर में मनीला की चीन के साथ और दिल्ली की हिमालय में चीन के साथ झड़पों के बीच फिलीपींस और भारत के बीच रक्षा संबंध गहरे हुए हैं। इसमें कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों का मुकाबला करने के लिए फिलीपींस के लिए ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी महत्वपूर्ण है। फिलिपींस को ब्रह्मोस निर्यात करने का निर्णय एक रणनीतिक बदलाव का प्रतीक है। चीन के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों के कारण हिंद महासागर से परे हिंद-प्रशांत क्षेत्र तक अपना प्रभाव बढ़ा रहा है।

मजबूत हो रहा फिलीपींस

इससे पहले एशिया टाइम्स ने 2024 में रिपोर्ट दी थी कि फिलीपींस ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए एक बेस बनाकर दक्षिण चीन सागर में अपनी रक्षा स्थिति को मजबूत कर रहा है। अगर फिलीपींस अतिरिक्त ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने का विकल्प चुनता है तो यह अमेरिका और सहयोगी रक्षा योजनाकारों को संकेत देगा कि वह चीन की सैन्य शक्ति के खिलाफ जितना असहाय लगता है, उतना नहीं है। इस तरह के अधिग्रहण से पता चलेगा कि फिलीपींस एक रक्षात्मक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस है और अमेरिका और उसके सहयोगियों को इसके क्षेत्रों पर अधिक व्यापक सैन्य उपस्थिति के लिए निवेश करना चाहिए।

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