ब्रिटेन और इटली के साथ भारत बनाना चाहता है 6th जनरेशन फाइटर जेट, GCAP प्रोजेक्ट के लिए पहली बार संपर्क, जिगरी दोस्त ने अड़ाई टांग!

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टोक्यो: जापानी ऑनलाइन पोर्टल सैंकेई डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत 6th जनरेशन फाइटर जेट प्रोग्राम में शामिल हो सकता है। IDRW की एक रिपोर्ट में जापानी पोर्टल के हवाले से कहा गया है कि भारत ने ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (GCAP) में शामिल होने में गहरी दिलचस्पी जताई है। GCAP एक छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान के निर्माण का प्रोजेक्ट है, जिसमें जापान, यूनाइटेड किंगडम और इटली शामिल है। दिसंबर 2022 में इस प्रोजेक्ट को लेकर तीनों देशों के बीच सहमति बनी थी, जिसका लक्ष्य साल 2035 तक 6th जनरेशन फाइटर जेट बनाना है। ये एक अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जिसका निर्माण तीनों देश मिलकर करेंगे।

जापानी पोर्टल ने कई जापानी अधिकारियों और भारतीय डिप्लोमेट्स के हवाले से इसकी पुष्टि की है। इसमें कहा गया है कि भारत GCAP प्रोजेक्ट में काफी ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है और उसने जापान सरकार के साथ आधिकारिक तौर पर इस प्रोजेक्ट में अपनी भागीदारी तलाशने के मकसद से संपर्क किया है। हालांकि, जापान को इस बात से डर है कि भारत और रूस के बीच दशकों से बेहद मजबूत रक्षा संबंध रहे हैं और ऐसे में टेक्नोलॉजी के लीक होने का खतरा हो सकता है। लिहाजा जापान फिलहाल सतर्क बना हुआ है।

6th जनरेशन फाइटर जेट प्रोग्राम GCAP प्रोजेक्ट क्या है?
GCAP प्रोजेक्ट के तहत तीनों देश मिलकर छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान बना रहे हैं। GCAP के तहत जापान अपने फाइटर जेट्स के पुराने हो रहे मित्सुबिशी एफ-2 बेड़े को बदलेगा। वहीं ब्रिटेन के टेम्पेस्ट और इटली की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान का निर्माण करना है। तीनों देश इसे स्ट्रैटजिक सहयोग बता रहे हैं, जिसमें एडवांस स्टेल्थ, एआई एकीकरण और नेटवर्क युद्ध क्षमताएं शामिल होंगी। लेकिन इस प्रोजेक्ट में भारी भरकम खर्च होने का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत दसियों अरब डॉलर होने की संभावना है, लिहाजा इन तीनों देशों के लिए भी इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है और तीनों देश किसी विश्वसनीय भागीदार की तलाश कर रहे हैं, जिसमें भारत फिट बैठता है, क्योंकि इन तीनों ही देशों के साथ भारत के काफी मजबूत संबंध हैं।

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