कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरियंट इन दिनों ब्रिटेन में कहर बरपा रहा है। यहां 50 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। ब्रिटेन में पिछले तीन महीनों में कोरोना संक्रमण के नए मामले बढ़ गए हैं। इसके नाम मामलों में 50 हजार से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) की ताजा साप्ताहिक रिपोर्ट के मुताबिक सभी आयु वर्ग के लोगों में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ा है। लेकिन अब स्कूली बच्चों में इसका संक्रमण रिकार्ड स्तर पर है। विज्ञानियों का कहना है कि कोरोना वायरस का डेल्टा स्ट्रेन का सब-स्ट्रेन डेल्टा-प्लस (असली नाम एवाय-4.2) दरअसल डेल्टा स्ट्रेन से भी घातक है और इसके संक्रमण की क्षमता मुख्य डेल्टा वैरिएंट से 15 फीसद अधिक है। ब्रिटेन में नौ अक्टूबर को खत्म हुए पखवाड़े में डेल्टा का यह नया वैरिएंट संक्रमण के कुल मामलों में दस फीसद पाया गया है। डेल्टा का सब-स्ट्रेन -एवाय-4.2 का नया नाम “एनयू” किया जा सकता है।
दोगुनी तेजी से फैला यह नया सब-वैरिएंट
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर के महीने में डेल्टा का यह नया सब-वैरिएंट दोगुनी तेजी से फैला है। जबकि सितंबर के महीने में इस नए सब-वैरिएंट के चार फीसद ही मामले थे जो नौ अक्टूबर को महज दो हफ्ते बाद 8.9 फीसद हो गए। वेलकम सैंगर इंस्टीट्यूट के विज्ञानियों ने बताया कि यह डेल्टा वैरिएंट की 45वीं उप श्रृंखला है। बहुत से लोग इसे डेल्टा-प्लस भी कहते हैं। रिपोर्ट में लंदन जेनेटिक इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर फ्रैंकोइस बैलोक्स ने कहा कि जब से यह वैश्विक महामारी शुरू हुई है यह अब तक का सबसे संक्रामक सब-वैरिएंट है।