ब्रिटेन में फिर बढ़ने लगे केस; बीते दिन यहां 6,238 संक्रमित मिले, यह पिछले 2 महीने में सबसे ज्यादा

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ब्रिटेन पर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है। बीते दिन यहां 6,238 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई और 11 मरीजों की जान गई। बीते 2 महीनों में यह पहली बार है, जब यहां एक दिन में मिलने वाले संक्रमितों का आंकड़ा 6 हजार के पार पहुंचा है। इससे पहले 25 मार्च को यहां 6,118 मरीज मिले थे।

एक्सपर्ट्स को डर है कि इसके पीछे कोरोना डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) हो सकता है। यह सबसे पहले भारत में पाया गया था। इसी की वजह से भारत में कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई थी। अब यह पूरे इंग्लैंड में फैल रहा है। एक्सपर्ट्स ने सरकार से अनलॉक को होल्ड करने की अपील भी की है।

मई के अंत में केस बढ़े
ब्रिटेन में बीते महीने के आखिरी हफ्ते में कोरोना के नए केस में एक बार फिर मामूली बढ़त देखी गई। यहां मई की शुरुआत में रोजाना 2 से ढाई हजार केस आ रहे थे। यह आंकड़ा 28 मई को 4 हजार के पार (4,182) पहुंच गया। इसके बाद मामलों में कुछ गिरावट देखी गई। इसके बाद 4 जून को 4330, 3 जून को 5374 मामले आए थे।

सबसे ज्यादा केस भारत में मिल रहे
बीते कई दिनों से दुनिया में रोजाना केसों के मामलों में भारत नंबर-1 है। हालांकि, अब यहां कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है। बीते दिन यहां 1.21 लाख कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई और 3,382 लोगों की जान गई। इसके बाद ब्राजील में 38,482 लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 1,184 लोगों की मौत हुई।

अर्जेंटीना-कोलंबिया में भी बढ़े मामले
भारत-ब्राजील के अलावा सबसे ज्यादा मामले अर्जेंटीना और कोलंबिया में रिकॉर्ड किए गए। अर्जंटीना में पिछले 24 घंटे में 30,950 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई और 538 लोगों की जानें भी गईं। वहीं, कोलंबिया में शुक्रवार को 30 हजार लोग कोरोना की चपेट में आए और 537 लोगों की मौत हुई।

अब तक 17.33 करोड़ केस
बीते दिन दुनिया में 4.16 लाख कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई। इस दौरान 10,237 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत भी हुई। दुनिया में अब तक 17.33 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 37.27 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि 15.60 करोड़ लोगों ने कोरोना को मात दी है। फिलहाल 1.35 करोड़ लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें 1.34 करोड़ लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं और 88,173 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।

कोरोना अपडेट्स

  • अमेरिकी राष्ट्रपति के हेल्थ एडवाजर डॉक्टर एंथनी फौसी के एक बयान या कहें मांग ने चीन की चिंता और बढ़ा दी है। डॉक्टर फौसी ने कहा- अगर हम यह जानना चाहते हैं कि कोरोना वायरस कहां से शुरू हुआ और कैसे फैला तो एक काम बेहद जरूरी है। चीन को 2019 में बीमार हुए उन 9 लोगों की मेडिकल रिपोर्ट्स जारी करनी होंगी, जिनमें बिल्कुल कोरोना जैसे लक्षण पाए गए थे।
  • अमेरिकी यूनिवर्सिटीज की एक शर्त ने कोवैक्सिन और स्पुतनिक-V भारतीय छात्रों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, 400 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज ने कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले छात्रों को ही कैंपस में एंट्री की इजाजत दी है। शर्त यह है कि वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी अनिवार्य है। बस, यही शर्त मिलोनी जैसे छात्रों के लिए सिरदर्द बन गई है क्योंकि कोवैक्सिन को WHO ने मंजूरी नहीं दी है। ऐसा ही चीन और रूस के छात्रों के साथ भी है।

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