ब्रिटेन में महंगाई से भुखमरी जैसे हालात:खाने का खर्च नहीं उठा पा रहे टीचर्स और स्वास्थ्यकर्मी, फूड बैंक से मदद मांग रहे

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ब्रिटेन में महंगाई के कारण हालात ऐसे हो गए हैं कि अब आम लोगों के साथ ही टीचर्स, स्वास्थ्यकर्मी और पेंशनधािरयों को भी फूड बैंक पर निर्भर होना पड़ रहा है। दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में लोगों ने सबसे ज्यादा फूड बैंक से मदद मांगी। ब्रिटेन में करीब 154 संस्थाएं फूड बैंक चलाती हैं, जो लोगों को मुफ्त भोजन बांटते हैं।

इंडिपेंडेंट फूड एड नेटवर्क (IFAN) ने 90 फीसदी फूड बैंकों के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। फूड बैंक संचालित करने वाली 85 संस्थाओं ने बताया कि जब भोजन की मांग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी तो उन्होंने कई बार भोजन में कटौती की और भोजन मांगने आए बहुत से लोगों को वापस भी लौटा दिया।

सवा 3 लाख लोग फूड बैंक जा चुके हैं
ब्रिटेन में सबसे ज्यादा फूड बैंक द ट्रसेल ट्रस्ट नाम की संस्था चला रही है। उसके 1300 से अधिक फूड बैंक हैं। ट्रस्ट के मुताबिक उसने पिछले साल अप्रैल से सितंबर के बीच 13 लाख आपातकालीन फूड पैकेट बांटे। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 3 लाख 20 हजार से ज्यादा लोग खाने के लिए फूड बैंक जा चुके हैं।

2021 की तुलना में यह संख्या एक तिहाई ज्यादा है, जबकि महामारी के पहले से तुलना करें तो यह 50% ज्यादा है। महंगाई के कारण लोगों के खरीदने की क्षमता भी प्रभावित हुई हैं। ब्रिटेन में हाल के महीनों में इसके चलते लगातार हड़तालों का सिलसिला भी चला। वहीं जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की भी संभावना है। लिहाजा, आम लोग भोजन खरीदने में अपने को अक्षम पा रहे हैं। ऐसे लोगों की ही निर्भरता फूड बैंकों पर बढ़ी है।

नौकरी कर रहे लोग भी ले रहे हैं फूड बैंकों की मदद
IFAN के अध्ययन से सामने आया है कि ऐसे बहुत से लोग भोजन के लिए फूड बैंकों के पास गए हैं, जो अभी नौकरी में हैं। जो लोग फूड बैंकों के पास जा रहे हैं, उनमें से 80 फीसदी से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पहले कभी इस तरह की मदद नहीं ली थी।

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