भरपूर वन संपदा के बाद भी रोजगार के साधनों का अभाव, पलायन को मजबूर लोग

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जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं के अलावा सरकार और माननीयों से यह उम्मीद है कि वे उन्हें रोजगार के लिए पलायन करने की समस्या से मुक्ति दिला दें। जिले में भरपूर वन संपदा होने के बाद भी आज तक वनोपज पर आधारित उद्योग की स्थापना नहीं हो पाना बेरोजगारी का प्रमुख कारण बना हुआ है।

खेती करने वाले किसानों के सामने भी कोई विकल्प न रहने से वे सब्जी, मसाला फसलों के अलावा औषधीय पौधों की खेती नहीं कर पा रहे हैं। जिले के भीमपुर, भैंसदेही, आमला, घोड़ाडोंगरी, बैतूल और आठनेर विकासखंड में तो यह स्थिति है कि आसपास के जिलों में फसलों के पकने का समय आता है तो परिवार के साथ ग्रामीण पलायन करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

रोजगार के साधनों की कमी

विधानसभा चुनाव के दौरान जिले की सभी विधानसभा सीटों पर जो प्रमुख मुद्दे सामने आए हैं उनमें सबसे प्रमुख रोजगार के साधनों की कमी ही है। बैतूल विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक विकास, मेडीकल कालेज, सिंचाई के साधनों का विस्तार प्रमुख मुद्दे छाए रहे। इनमें से मेडीकल कालेज बनाने की घोषणा आचार संहिता लागू होने के पूर्व ही कर दी गई है।

इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार की मांग पूरी होने का इंतजार अब लोगों को रहेगा। भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र में वनोपज पर आधारित उद्योग की स्थापना। दामजीपुरा समेत 40 गांवों में किसानों को बिजली की सुविधा मुहैया कराना। गांवों में पेयजल की समुचित व्यवस्था करना जैसे मुद्दे प्रमुख रहे हैं। इस क्षेत्र में वनोपज पर आधारित उद्योगों की मांग पूरी होने का इंतजार अब जनता को रहेगा।

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