नगर मुख्यालय से लगभग ८ किमी. दूर ग्राम पंचायत निलजी के सेवा सहकारी समिति के माध्यम से क्षेत्रीय किसानों ने प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना का भारत एपीएस २०-२०-०-१३, डीएपी खाद फसल में छिंडकाव करने के लिए लेकर गये है। जिसे किसानों ने धान की फसल मेें छिंडकाव भी किया है परन्तु फसल में खाद डालने के बाद वह घुल नही पाया है यानि की प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना भारत का डीएपी खाद फसल में डालने के १५ दिन बीत जाने के बाद भी जैसा का तैसा ही खेतों में दिखाई दे रहा है जिससे किसान खासा परेशान है और उनकी फसल प्रभावित हो रही है। जबकि किसानों ने फसल उत्पादन अधिक लेने के लिए खाद फसल डाले है परन्तु उसका लाभ किसानों को नही मिल रहा है जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। वहीं किसानों ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया है कि नकली खाद का वितरण सोसायटी के माध्यम से कर किसानों के साथ छलावा किया जा रहा है। जिसकी शिकायत किसानों ने बालाघाट विधायक श्रीमती अनुभा मुंजारे एवं कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों से की है। ग्राम पंचायत निलजी के किसानों की शिकायत पर बालाघाट विधायक श्रीमती अनुभा मुंजारे मंगलवार को निलजी स्थित सोसायटी पहुंचकर गोदाम में रखे खाद का निरीक्षण किया और किसानों से मुलाकात की। इस दौरान किसानों ने श्रीमती मुंजारे को बताया कि हम लोगों ने धान की फसल में खाद डालने के लिए प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना का भारत एपीएस २०-२०-०-१३ एवं डीएपी खाद सोसायटी से लेकर गये थे और फसल में डाले है परन्तु १५ दिन बीत जाने के बाद भी वह घुल नही पाया है जिससे किसान खासा परेशान है। जिस पर समिति के प्रबंधक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने संतुष्टजनक जवाब नही दे पाये और कहा कि पूर्व में यहां खाद घुल जाता था परन्तु इस बार किसान बता रहे है कि नही घुल रहा है इसलिए खेतों का निरीक्षण कर २०-२०-०-१३ एवं डीएपी उर्वरकों की जांच हेतु सैंपल एकत्रित कर लेंब भेजा गया है, लैंब से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि किस कारण से खाद पानी में नही घुल रहा है। वहीं विधायक श्रीमती मुंजारे ने कहा कि डीएपी एवं अन्य खाद घुलनशील होती है वह पानी के संपर्क में आने से घुल जाती है परन्तु निलजी सहित अन्य ग्रामों के किसान बता दे रहे है कि २०-२०-०-१३ एवं डीएपी खाद खेत में डालने के १५ दिन बाद भी नही घुल पाया है जिससे ऐसा लग रहा है कि किसानों को नकली खाद वितरण कर भ्रष्टाचार किया गया है। जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है और हमारा बालाघाट जिला किसान प्रधान जिला है, अधिक मात्रा में खाद आई होगी जिससे किसानों को बेची जा रही है जो गलत है इसलिए शासन-प्रशासन से मांग है कि प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना का भारत एपीएस २०-२०-०-१३ एवं डीएपी खाद का सैंपल लेकर जांच करवाये कि खाद नकली तो नही है।
चर्चा में विधायक श्रीमती अनुभा मुंजारे ने बताया कि निलजी सोसायटी के अंतर्गत किसानों को रबी की फसल के लिये डीएपी खाद, अमोनिया फास्फेड सल्फेड, २०-२०-०-१३ दिया गया है जिसके छिंडकाव के बाद कु छ आश्चर्यजनक परिणाम किसानों को देखने में मिले है जिसकी शिकायत किसानों केे द्वारा मुझसे की गई थी और किसानों ने बताया कि जो डीएपी खाद सोसायटी के माध्यम से मिली है वह घुल नहीं रही है जबकि डीएपी की खाद घुलनशील होती है वह पानी के संपर्क में आने से घुल जाती है। लेकिन किसानों के द्वारा जब इस डीएपी खाद का छिडकाव अपने खेतों में किया तो यह खाद घुल नहीं रही है बल्कि जमीन में जाकर बैठ गई है। वहीं २०-२०-०-१३ खाद वह पानी में ऊपर तैर रही है, स्थिर नहीं रह पा रही है। जिससे ऐसा लग रहा है कि यह खाद असली नही है बल्कि किसानों को नकली खाद देकर भारी भ्रष्टाचार किया गया है। श्रीमती मुंजारे ने बताया कि किसान बड़ी राशि देकर खाद खरीदे है लेकिन इसके परिणाम से वे डर गये है जिसकी शिकायत किसानों ने सोसायटी प्रबंधक एवं कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों से की है और मेरे द्वारा संबंधित अधिकारी से चर्चा की गई तो उनके द्वारा एक जांच दल गठित किया गया है जिनके द्वारा खेतों में पहुंचकर निरीक्षण किया जा रहा है एवं खाद के सेम्पल जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही यह भी बताया कि बालाघाट जिला कृषि प्रधान जिला है और प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना का भारत एपीएस २०-२०-०-१३, डीएपी एवं अन्य खाद बड़ी मात्रा में आई होगी एवं सभी किसानों को यही खाद बेची गई होगी। इस तरह से किसानों को मिलने वाली नकली खाद की आड़ में करोड़ो रूपये का घोटाला होता दिखाई दे रहा है एवं इस तरह का पूरा मामला प्रदेश स्तर पर भी हो रहा होगा इसलिए हमारी मांग है कि संबंधित विभाग व अधिकारी-कर्मचारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जो नकली खाद सोसायटी में भेजकर किसानों को बेच रहे है। श्रीमती मुंजारे ने बताया कि इस खाद के मामले को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया जायेगा उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती है तो हमारे द्वारा किसानों को न्याय दिलवाने के लिए सडक़ पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया जायेगा। वहीं विभाग का कहना है कि किसानों के पास जो बची हुई खाद है उसे वापस लेकर दुसरी खाद दिये जायेगें कहा जा रहा है परन्तु जिन किसानों ने पुरी खाद का उपयोग कर लिये है उन्हे राशि वापस होना चाहिए, प्र्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना का भारत एपीएस २०-२०-०-१३ डालने से किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है और जो सैंपल लिये गये है उसकी रिपोर्ट १५ दिनों के बाद आयेगी जबकि किसानों की फसल में वर्तमान में पोषण व खाद की जरूरत है। यदि समय पर पोषण व खाद नही मिलेगा तो उनकी फसल प्रभावित होगी जिससे किसानों को आर्थिक परेशानियों से जुझना पड़ेगा इसलिए इस खाद की जांच कर जिम्मेदारों पर वैधानिक कार्यवाही होनी चाहिए।
कृषि विभाग के उपसंचालक राजेशकुमार खोब्रागढ़े से दूरभाष पर निलजी सोसायटी से किसानों को प्र्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना का भारत एपीएस २०-२०-०-१३, डीएपी खाद का वितरण किया गया है जिसे फसल में डालने के १५ दिन बाद भी नही घुलने एवं खाद के संबंध में चर्चा करने का प्रयास किया गया परन्तु संपर्क नही हो पाया।