देश के खिलाफ नापाक मंसूबे पाले बैठे 57 आतंकवादियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूएपीए की लिस्ट में डाला है। इस लिस्ट में तीन आतंकवादी ऐसे हैं जिनका पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में ही सफाया हो गया है। इसमें जैश कमांडर शाहिद लतीफ, हिजबुल कमांडर बशीर अहमद पीर और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के नेता परमजीत सिंह उर्फ पंजवार का नाम शामिल है। केंद्र सरकार ने 2019 में आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना मसूद और गोल्डी बरार के नाम इसमें शामिल किए थे। 2020-2023 के दौरान इस सूची का विस्तार किया गया था, तब भारत में आतंकवाद फैलाने में शामिल लगभग 20 लोगों की पाकिस्तान में हत्या की खबर आई।
57 आतंकवादियों में तीन मारे गए, लिस्ट में खालिस्तानी भी
यूएपीए के 57 वांछितों की सूची में शामिल सात खालिस्तान समर्थक तत्व हैं और कथित तौर पर कनाडा, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं जबकि 1993 के मुंबई विस्फोट के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम सहित 47 पाकिस्तान में रह रहे हैं। 57 में जो तीन आतंकवादी मारे गए हैं, वह भी पाकिस्तान में ही रह रहे थे और पिछले साल मारे गए हैं। मारे गए आतंकियों में जैश कमांडर शाहिद लतीफ, हिजबुल कमांडर बशीर अहमद पीर और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के नेता परमजीत सिंह उर्फ पंजवार हैं।
भारत में घुसपैठ का प्लान बना रहा था बशीर
बशीर की पिछले साल मार्च में हत्या कर दी गई थी, पंजवार को मई 2023 में गोली मार दी गई जबकि लतीफ की मौत अक्टूबर 2023 में हुई, ये सभी पाकिस्तान में हैं। 1 जुलाई, 2020 को गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, ‘पंजवार पाकिस्तान के लाहौर में रहता था और वहीं से काम करता था। वह पाकिस्तान में युवाओं के लिए हथियार प्रशिक्षण की व्यवस्था करता रहा था और हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने और उसके बाद बहुत महत्वपूर्ण व्यक्तियों (VIP) और आर्थिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए भारत में घुसपैठ करने में लगा हुआ था।’
बशीर के बारे में, गृह मंत्रालय ने 4 अक्टूबर, 2022 को एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया कि वह जम्मू-कश्मीर का निवासी है और वर्तमान में पाकिस्तान के रावलपिंडी में रह रहा है, उसके पास पाकिस्तान का कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र है, वह हिज्ब-उल-मुजाहिदीन का लॉन्चिंग कमांडर है। मंत्रालय ने आगे कहा कि बशीर हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के आतंकवादियों को रसद प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है, खासकर कुपवाड़ा, जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ के लिए और जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए अन्य आतंकवादी समूहों के साथ समन्वय करता है। वह जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और पूर्व आतंकवादियों और अन्य कैडरों को एकजुट करने के लिए ऑनलाइन प्रचार समूह चलाने में शामिल रहा है।