तवांग में झड़प के 15 दिन बाद चीन अब भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है। चीन के विदेश मंत्री ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि भारत और चीन ने डिप्लोमेटिक और मिलिट्री चैनल्स के जरिए बातचीत जारी रखी है।
विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दोनों देश बॉर्डर वाले इलाकों में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तवांग में हुई झड़प पर उन्होंने कहा कि पश्चिमी सेक्टर में शांति और सुरक्षा के लिए दोनों देशों में बातचीत जारी है।
तवांग में झड़प के बाद हुई कमांडर लेवल की बैठक
विदेश मंत्रालय ने तवांग में झड़प के बाद बयान जारी कर बताया था कि भारत और चीन के बीच चुशुल-मोलडो बॉर्डर पर 20 दिसंबर को कॉर्प्स कमांडर लेवल की 17वीं बैठक हुई थी। इसमें दोनों देशों ने बॉर्डर पर शांति कायम करने के लिए सहमति जताई थी।
9 दिसंबर को हुई थी झड़प
तवांग के यांग्त्से में 9 दिसंबर को 600 चीनी सैनिकों ने जैसे ही टेम्परेरी वॉल पर लगी तारबंदी को तोड़कर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की, मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें खदेड़ दिया था।
लड़ाकू विमान ने 3 बार चीनी ड्रोन घुसपैठ रोकी
तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प के बाद इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने अरुणाचल सीमा पर कॉम्बैट एयर पेट्रोलिंग, यानी जंगी उड़ानें शुरू कर दी थी। तवांग में हुई झड़प से पहले भी चीन ने अरुणाचल सीमा में अपने ड्रोन भेजने की कोशिश की थी। इसके बाद IAF ने तुरंत अपने लड़ाकू विमान अरुणाचल सीमा पर तैनात किए थे।