भारत-पाकिस्तान ने परमाणु ठिकानों की लिस्ट शेयर की:PAK बोला- हमारी जेलों में 705 भारतीय बंद; भारत ने भी दी जानकारी

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भारत-पाक ने एक दूसरे की जेलों में बंद नागरिकों और मछुआरों की सूची भी एक दूसरे को सौंपी है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को बताया है कि उनके 434 भारत की जेलों में बंद हैं। इनमें 339 नागरिक और 95 मछुआरे हैं। पाकिस्तान ने भी 705 भारतीय कैदियों की लिस्ट शेयर की है। इसमें बताया गया है कि 51 नागरिक और 654 मछुआरे उनकी जेलों में बंद हैं।

आखिर क्यों दोनों देश एक-दूसरे से डाटा शेयर करते हैं?
दोनों देशों के बीच 2008 में कॉन्सुलर एक्सेस समझौता हुआ था। इसके तहत दोनों देश हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को अपने यहां बंद एक दूसरे के नागरिकों की जानकारी साझा करते हैं।

परमाणु संस्थानों की सूची भी शेयर की
भारत और पाकिस्तान ने रविवार को अपने एटमी संस्थानों की सूची भी एक-दूसरे से की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह सिलसिला पिछले 32 साल से चल रहा है। दोनों देश आपस में परमाणु संस्थानों और सुविधाओं पर हमला नहीं करने के समझौते के तहत यह लिस्ट साझा करते हैं। यह प्रक्रिया नई दिल्ली और इस्लामाबाद में कूटनीतिक माध्यमों से एक साथ पूरी की गई।

एटमी संस्थानों को लेकर क्या समझौता?
भारत-पाकिस्तान के बीच 31 दिसंबर 1988 को यह समझौता किया गया था। इसे 27 जनवरी 1991 को लागू किया गया था और पहली लिस्ट 1 जनवरी 1992 को साझा की गई थी। इसके बाद से हर साल 1 जनवरी को दोनों देश यह लिस्ट साझा करते हैं।

एटमी हादसों की जानकारी देने का भी है समझौता
भारत-पाकिस्तान के बीच एटमी खतरे को लेकर भी समझौता है, जिसे 2017 में पांच साल के लिए बढ़ाया गया था। यह समझौता एटमी हथियारों से जुड़े हादसों का खतरा कम करने के लिए किया गया था। इस समझौते के तहत दोनों देश अपने क्षेत्र में एटमी हथियारों से हादसा होने पर एक-दूसरे को सूचना देंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि रेडिएशन की वजह से सीमा पार भी नुकसान हो सकता है। यह समझौता 21 फरवरी 2007 को लागू किया गया था। पहली बार इसे 2012 में पांच साल के लिए बढ़ाया गया था।

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