पिछले दो-तीन दिनों से जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में हो रही लगातार बारिश का असर जिले में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है.जहां सावन मास के अंतिम दिनों में लगातार हो रही बारिश से जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं. तो वहीं नदी किनारे बसे गांव और कस्बे में अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसी बीच जिला सिवनी के छपारा स्थित संजय सरोवर परियोजना के तहत बनाए गए भीमगढ़ बांध का अत्यधिक जल स्तर बढ़ जाने से स्थानीय प्रशासन ने एक बार फिर भीमगढ़ बांध के चार गेट खोल दिए हैं. जिससे वैनगंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है .बताया जा रहा है कि जिला सिवनी प्रशासन ने भीमगढ़ बांध में क्षमता से अधिक पानी होने, और जमा पानी खतरे के निशान को पार करने पर बुधवार की सुबह करीब 11 बजे बांध के चार गेट खोल दिए हैं जिसमें से 30,000 घन फीट प्रति सेकंड के हिसाब से वैनगंगा नदी में बांध का पानी छोड़ा जा रहा है.जिसके चलते वैनगंगा नदी उफान पर है. जिससे वैनगंगा नदी का छोटा पुल एक बार फिर डूब गया है.जहां तेज रफ्तार से पानी वैनगंगा नदी के छोटे पुल के ऊपर से गुजर रहा है.इधर जिले में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से नदियों का जल जल स्तर और बढ़ते जा रहा हैं। यदि बारिश नहीं थमती है तो हालात बिगडऩे की बात कही जा रही है। जानकारों के मुताबिक यदि बांध के गेट बंद नहीं किए गए और बारिश ऐसे ही होती रही तों ,हालात बेकाबू हो सकते हैं।उधर बांध का पानी वैनगंगा नदी मे छोड़े जाने पर प्रशासन एक बार फिर अलर्ट मोड़ पर हैं ।
एतिहासिक रहा बुधवार का दिन
बुधवार का दिन शहरवासियों के लिए कई मायनों में एतिहासिक दिन रहा। सन् 2019 से आज 10अगस्त को करीब 4 साल बाद जिले की जीवन दायनी मॉ वैनगंगा नदी को खतरे के निशान से उपर बहते हुए देखा गया। इस दृश्य के दीदार करने हर कोई लालायित नजर आया। परिणाम स्वरूप नदी की ओर जन सैलाब उमड़ पड़ा। स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी घोषित होने से कई स्कूल और निजी महाविद्यालय के विद्यार्थी व पूरा स्टॉप, परिवार सहित वाहनों से वैनगंगा नदी पहुंचे। बड़ी संख्या में छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही होने से पुलिस लाइन चौक से पुल की दूसरी तरफ गर्रा टोल टैक्स नाके तक करीब एक किमी. से अधिक लंबा जाम निर्मित हो गया। इस जाम में शहरवासी घंटों रेंगते नजर आए तब कहीं जाकर वैनगंगा नदी के प्रचंड लेकिन विहंगम दृश्य के दीदार हो सके. इस दृश्य और पल को यादगार बनाने हर कोई मोबाइल से सेल्फी लेता नजर आया। घंटों जाम के बाद बिगड़ती यातायात व्यवस्था के चलते पुलिस प्रशासन व्यवस्थाओ को बनाने मे जुटा रहा.जिन्होंने पूरे जाम में सडक़ के दोनों ओर खड़े होकर आवागमन की व्यवस्था बनाई। जहाँ शाम होते होते बड़े पुल पर व्यवस्था गड़बड़ाने पर पुलिस को हालात संभालने लोगों को चले जाने की हिदायत देते भी देखा गया।
और गेट खोले गए तों 134 गांवो की आबादी होंगी प्रभावित
जिले में बहने वाली नदियों किनारे करीब 135 गांव है। जहां की आबादी अधिक बारिश से प्रभावित होती है। खैरलांजी तहसील के 26 ग्राम चंदन नदी, बावनथड़ी व वैनगंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित होते हैं। वारासिवनी तहसील के 3 ग्राम, बालाघाट तहसील के 25 ग्राम, किरनापुर तहसील के 31 ग्राम, लांजी तहसील के 48 ग्राम तथा बैहर तहसील के 2 ग्राम बाढ़ की जद में आते हैं। इस प्रकार जिले में बहने वाली वैनगंगा, बावनथड़ी, चंदन, बाघ, महकारी, मानकुंवर, घिसर्री, सोन, बड़ी बाघ, छोटी बाघ, देव व बंजर नदी में बाढ़ आने के कारण जिले के 135 गांवों की आबादी प्रभावित होती है।
पिछले वर्ष की तुलना मे हुई अधिक बारिश
दो-तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने अपना पिछले वर्ष का रिकार्ड पार कर लिया है। इस साल 1 जून से शुरू हुए वर्षा ऋतु सत्र में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बारिश हुई है आपको बताएं कि पिछले वर्ष 2021 में 10 अगस्त तक जहां करीब 567 मिमी. वर्षा दर्ज की गई थी। वहीं इस वर्ष 2022 में 10 अगस्त तक लगभग 762 मिमी. वर्षा रिकार्ड की गई हैं । लगातार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त नजर आ रहा हैं, वहीं जलप्लावन व मुहाने पर बसे गांव में बाढ़ जैसी हालात निर्मित होने के आसार बनने लगे हैं। जिसके चलते वैनगंगा नदी के किनारे बसे गांवों को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है।