भारी बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि किसान परेशान

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बीती रात वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में झमाझम बारिश के साथ ओले भी बरसें । जिससे किसानों के खेतों में लगी   फसलों में भारी ओलावृष्टि होने से उन्हें आर्थिक नुकसानी  का सामना करना पड़ा है।  यह बारिश देर रात करीब ११ बजे और प्रात: ४ बजे दो बार हुई जिसके साथ तेज सर्द हवाओं के चलने से पूरी फ सल खेत में सो गई है। ऐसे में किसान बड़ी हानि का अंदाजा लगा रहे हैं जो शासन प्रशासन से समय रहते नुकसान की जांच कर किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं ,ताकि उन्हें इस आर्थिक संकट में सहायता राशि मिल सके।

सावरी,खैरी सहित अन्य ग्रामों के आसपास के किसानों को हुई क्षति

बे मौसम हुई बारिश के साथ ओलावृष्टि अधिकांश खैरलांजी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सावरी ,खैरी चुटिया, नोनसा, आरंभा, बिटोड़ी, कोथूरना, डोंके, खैरलांजी, खुरसीपार सहित अन्य ग्रामों के आसपास  में हुई । जहां पर सुबह जब किसान अपनी खेतों की ओर फ सल को देखने के लिए पहुंचे तो वहां पर फ सलों की बहुत बुरी स्थिति देखने को मिली  जिससे किसान काफ ी परेशान हो गयें। इस दौरान सबसे ज्यादा ओलावृष्टि एवं तेज हवा की मार से फ सलों में लगे फ ल और फू ल दोनों नष्ट हो गए तो वहीं फ सल पुरी सो गई है। ऐसे में किसानों के द्वारा वर्तमान में नुकसानी का अंदाजा लगाया जा रहा है जिनके द्वारा स्थिति सामान्य होने की राह देखी जा रही है कि आखिर किस प्रकार उन्हें हानि हुई है। ग्राम सावरी से ग्राम बिटोड़ी तक करीब इस बीच ४० ग्राम पंचायत में ओलावृष्टि की स्थिति बताई जा रही है।

रबी की फसलो में  सरसों चना गेहूं  को हुई नुकसानी

देर रात हुई ओलावृष्टि से  सबसे ज्यादा नुकसान सरसों चना गेहूं की फ सल को हुआ है। जो अपने अंतिम दौर में खड़ी थी और करीब एक महीने में किसानो को लाभ पहुंचाने वाली थी परंतु ओलावृष्टि में यह फ सल बुरी तरह खराब हो गई है। जिसमें देखा जाए तो सरसों की फ सल में जो फू ल लगे थे वह झड़ गए और जो हरे पौधे थे वह टूट गए। वहीं जो सरसों कटाई पर आ गई थी जिसमें दाने तैयार हो गए थे वह झड़ गए हैं। इसी प्रकार चने की फ सल में लगे हुए फू ल भी बड़ी मात्रा में झड़ चुके हैं। वहीं गेहूं की फ सल तेज हवाओं के कारण सो गई है और यह पूरी फ सल एक महीने के अंदर तैयार होना था जिसमें भारी नुकसानी होना बताया जा रहा है।

प्रशासन निरीक्षण कर  फसलों का मुआवजा दिया जायें-पुरूषोत्तम लिल्हारे

किसान पुरुषोत्तम लिल्हारे ने पद्मेश से दूरभाष पर चर्चा में बताया कि वह ग्राम सावरी रहते हैं रात्रि में देर रात ११ बजे और प्रात करीब ४ बजे इस प्रकार दो बार बारिश हुई जिसके साथ ओलावृष्टि भी बड़ी मात्रा में हुई है। ऐसे में सवारी के आसपास और बिटोड़ी तक करीब ४० ग्राम पंचायत में यह ओलावृष्टि का प्रभाव देखा गया है जहां पर फ सलों पर सबसे ज्यादा नुकसानी हुई है। श्री लिल्हारे ने बताया कि किसानों ने अपने खेतों में वर्तमान में सरसों चना गेहूं की फ सल लगाए है जिसमें सबसे ज्यादा नुकसानी हुई है । फू ल झड़ गया है , पौधे टूट गये है ,तेज हवाओं के कारण पौधे सो गये है वहीं रबी की जो धान है उसमें अब कीट प्रकोप बढ़ेगा। सावरी के एक बड़े खेती के रकबे में यह नुकसानी बहुत ज्यादा हुई है, इसी प्रकार अधिकांश जगह फ सलों को नुकसान हुआ है जिससे सीधा किसानो को क्षति पहुंची है। हम चाहते हैं कि प्रशासन तत्परता दिखाते हुए नुकसानी का निरीक्षण कर मुआवजा दियें जाने की मांग कृषक मोहनलाल बनोटे, दुर्गाप्रसाद लिल्हारे, चैनलाल लिल्हारे, भैयालाल सवालाखे, पुरूषोत्तम लिल्हारे,सुरेश पघरे,अंगलाल पघरे,चितरंजन लिल्हारे,दिलीपसिंह लिल्हारे,खुमेश लिल्हारे,अतर लाल बागडे,रूपेश लिल्हारे,राधेश्याम नगपुरे,निर्भय दास पताहे,श्यामलाल पघरे,द्वारकाप्रसाद पघरे,रमेश सवालाखे, सुरेश सवालाखे,झनकार पघरे,चैनलाल पघरे,पन्नालाल सवालाखे,सुनिल सवालाखे,प्रकाश चित्रिव,गोपाल चित्रिव,कमु पघरे, डॉ डिलेन्द्र पघरे,सेवक कावडे,जयेश लिल्हारे,पिरतलाल लिल्हारे सहित अन्य कृषकों ने की है।

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