नगर पालिका की परिषद की बैठक फिर एक बार भारी हंगामें के बीच संपन्न हुई, जहां इस बार सबसे पहले सत्ता पक्ष के ही पार्षदों ने जमकर हंगामा किया, तो वहीं उनका साथ देते हुए विपक्ष के पार्षदों ने परिषद की बैठक को शुरू होते ही घेर लिया और परिषद की बैठक नियम अनुसार नगर पालिका अधिनियम की धारा से नहीं बुलाने के कारण कुछ पक्ष के पार्षद और विपक्ष के पार्षद बैठक को वही बहिष्कार कर बाहर निकलने की बात कही जाने लगी और सभी खड़े हो गये किंतु प्रस्ताव के एजेंडे में पुनः आनन फानन में परिवर्तन कर परिषद की बैठक शुरू की गई, जहां कई शहर के मुद्दे को लेकर पक्ष के साथ विपक्ष ने जमकर नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पालिका के कर्मचारियों को घेरा तो वही नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा भी नगर पालिका कर्मचारियों पर पक्ष, विपक्ष के पार्षदों के काम नहीं करने और शहर के मुद्दों को लेकर लापरवाही बरतने को लेकर जमकर खरी खोटी सुनाई गई
आपको बता दे की जैसे ही नगर पालिका की बैठक समय अनुसार 11 नवंबर को शुरू हुई वैसे ही कुछ सत्ता पक्ष के पार्षद अपनी नाम की नेम प्लेट को लेकर कांग्रेसी पार्षदों की ओर जाकर बैठ गए, इसके बाद से ही यह स्पष्ट हो गया था कि कुछ सत्ता पक्ष के पार्षद अपने ही पार्टी के सभापति और अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष से नाराज है, इसके बाद परिषद की बैठक शुरू हुई एवं बारी-बारी से सत्ता पक्ष के ही पार्षद अपने ही पक्ष के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित नगर पालिका के अधिकारियों से शहर के मुद्दों को लेकर सवाल करने लगे, जहां बीते दिनों जिन-जिन वार्डों में भी नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा काम नहीं किया गया था और संबंधित कर्मचारियों द्वारा उनके वार्डो पर ध्यान नहीं दिया गया था, उन सभी मुद्दों को पक्ष ,विपक्ष के कुछ पार्षदों द्वारा परिषद की बैठक में रखा गया, जबकि परिषद की बैठक के प्रस्ताव में नगर पालिका अधिनियम की धारा का उल्लेख नहीं होने को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे द्वारा आपत्ति जाहिर करते हुए सवाल खड़े किए गए और उसमें बदलाव नहीं करने पर परिषद की बैठक का बहिष्कार करने को कहा गया , जिसमें उनके साथ कुछ सत्ता पक्ष के पार्षद भी शामिल थे जो बहिष्कार करने के लिये खड़े हो गये , हालांकि अध्यक्ष द्वारा तुरंत ही प्रस्ताव पर नगर पालिका अधिनियम की धारा लिखवाकर इसके पूर्व में दिए गए कांग्रेस पार्षद के ज्ञापन के कुछ मुद्दों को भी परिषद की बैठक में शामिल किया गया और उन सभी पर चर्चा की गई, इस बैठक में भारी हंगामा देखने को मिला जहां एक तरफ कुछ सत्ता पक्ष और विपक्ष साथ में था, तो वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के अध्यक्ष और सभापति और नगर पालिका कर्मचारी उपस्थित थे , साढे चार घंटे चली यह परिषद की बैठक काफी हंगामेदार रही और सभी ने इस बार खुलकर अपने ही पार्टी के जनप्रतिनिधियों को सवालों के कटघरे में खड़ा किया, तो वही इस बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष पीछे नहीं थी, जिन्होंने भी नगर पालिका के कर्मचारियों की गलती होने पर कर्मचारियों को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई और पार्षदों के फोन नहीं उठाने और उनकी समस्या को ध्यान में नहीं देने को लेकर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है
नगर पालिका के कर्मचारी करते हैं बदतमीजी
पार्षद वंदना बारमाटे द्वारा नगर पालिका के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि नगर पालिका के कर्मचारी उन्हें पार्षद नहीं मानते हैं और क्या वह जनप्रतिनिधि नही है ? नगर पालिका के कर्मचारी उनसे बदतमीजी करते हैं अभी कुछ दिन पहले ही पार्षद राज हरिनखेड़े के साथ उद्यान प्रभारी द्वारा बदतमीजी की गई और जब उन्हें कुछ कहा जाता है तो कर्मचारी आत्महत्या करने की धमकी देते हैं इस विषय पर नपा. अध्यक्ष ने कहा कि यदि कोई इस प्रकार की बदतमीजी जनप्रतिनिधि या पार्षद से करता है तो उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी
प्रमुख मुद्दों को नहीं किया गया सम्मिलित
नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे ने कहा कि क्या आज शहर में सभी समस्या खत्म हो गई है ? क्या शहर में कोई मुद्दे नहीं है ? जबकि स्वास्थ्य सफाई और अन्य मुद्दे अभी भी शहर में बने हुए हैं ,तो क्यों फिर सिर्फ 6 ही प्रस्ताव को लेकर परिषद की बैठक आहूत की गई, जबकि उनके द्वारा दिए गए ज्ञापन में भी शहर के मुद्दे हैं जिन्हें परिषद की बैठक में शामिल किया जाए जिसके बाद उनके मुद्दों को भी परिषद की बैठक में लिया गया
कर्मचारी नहीं सुन रहे अध्यक्ष की बात
नगर पालिका परिषद की बैठक में पार्षद आशुतोष द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष से कहा गया कि जो भी कार्य नगर पालिका अध्यक्ष नगर पालिका कर्मचारियों को बताती हैं तो नगर पालिका के कर्मचारी उनका पालन नहीं करते इसके पहले भी नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा जितने कार्य उनके वार्ड में कर्मचारियों को बताए गए हैं वह पूरे नहीं हुए हैं
स्वतंत्रता के बाद पहली बार बना नाला
पार्षद श्वेता जैन ने हाल ही में हुए निर्माण कार्य को लेकर सवाल खड़े किये कि शहर में अधिकतर देखने को मिलता है कि नगर पालिका नाली और नालों का निर्माण करती है किंतु देखने मिलता है कि जो नाले ,नाली सीधे बनना चाहिए , वह कुछ करीबी लोगों के घर के पास से मुड़ जाती हैं जबकि एक जैसे नियमानुसार नाला ,नाली बनना चाहिए ,जबकि नगर पालिका ही घरों के सामने जगह छोड़कर शासकीय जमीन को लोगों के लिए छोड़ रही है और रोड को चौड़ा करने की जगह और सकरा कर रही है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है ?
नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों को नहीं है वार्डों की जानकारी
जब वार्ड नंबर 9 के विषय में विधायक प्रतिनिधि शफकत खान ने जानकारी ली की वार्ड नंबर 9 में कितने कर्मचारी और कितने कचरा वाहन जा रहे हैं और क्या स्थिति है वर्तमान में , तो इसको लेकर नगर पालिका के अधिकारी , कर्मचारियों के पास पूरी जानकारी नहीं थी, जिसे लेकर कहा गया कि आज नगर पालिका के कर्मचारी सिर्फ यह दिखा रहे हैं कि वह फील्ड में काम कर रहे हैं ,पर उन्हें फील्ड की पूरी जानकारी नहीं है इस पर नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा भी कहा गया की कर्मचारियों को फील्ड में जाना चाहिये, ऐसे लापरवाही नही करनी चाहिये और ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बात कही गई है
नगर पालिका के कर्मचारी देते हैं गलत जानकारी
पार्षद वंदना बारमाटे द्वारा बताया गया कि उनके वार्ड में गाड़ियां खराब है और कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिस पर नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा स्वास्थ्य शाखा के अधिकारी ,कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा गया कि जब भी वह जानकारी लेती हैं तो अधिकारी , कर्मचारी बताते हैं की गाड़ी बनवा दी गई है, रिक्शा बन गए हैं , तो फिर यह समस्या कैसे आ रही है, क्या अब अध्यक्ष को एक-एक वार्ड में जाकर देखना होगा कि कहां क्या स्थिति है इस प्रकार से नगर पालिका के कर्मचारी स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष से ही झूठ कह रहे हैं, जिस पर नपा अध्यक्ष द्वारा जमकर फटकार लगाई गई
सफाई कर्मियों का नहीं हुआ है बीमा
पार्षद श्वेता जैन द्वारा सफाई कर्मियों की आवाज बुलंद करते हुए परिषद की बैठक में इसके पहले लाये गये , एक प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा गया कि इसके पहले जो सफाई कर्मियों के बीमा की बात एजेंडा में लाई गई थी, तो क्या सफाई कर्मियों का बीमा हो गया ? तभी सफाई शाखा की नोडल द्वारा बताया गया कि सफाई कर्मियों का बीमा नहीं हुआ है, जबकि नगर पालिका में 440 सफाई कर्मी है और पार्षद श्रीमती जैन द्वारा यह भी कहा गया कि यदि कल को कोई सफाई कर्मचारी के साथ कोई घटना हो जाए तो कोई भी उसे उतना पैसा नहीं दे सकता तो फिर क्यों सफाई कर्मियों का बीमा नहीं किया गया है और जो सफाई मित्रों को 1000 रूपये प्रोत्साहन राशि के तहत दिया जाना था, उसके लिए भी स्वास्थ्य शाखा द्वारा सफाई कर्मियों को प्रोत्साहन राशि नहीं दिलवाई गई, जबकि वह तो शासन से दिलवाई जा रही थी, तो इस प्रकार से स्वयं नगर पालिका के अधिकारी ही जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर रहे हैं और नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ गलत कर रहे हैं
सफाई के लिये आये वाहन पर भी उठे सवाल
परिषद की बैठक के दौरान स्वयं सत्ताधारी पार्टी के पार्षद शुधीर चिले द्वारा ही अभी लाई गई नई गाड़ियों को लेकर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि क्यों इस प्रकार की नगर पालिका द्वारा गाड़ियां खरीदी गई है जबकि शहर बड़ा है और इसके पहले छोटी गाड़ियां आ गई थी, तो अभी गाड़ियों में वृद्धि कर बड़ी गाड़ी लाना था , किंतु स्वयं नगर पालिका द्वारा इस प्रकार की कमजोर गाड़ियां बुलाई गई है, जबकि कटंगी नगर परिषद में जो गाड़ियां बुलाई गई है , वह गाड़ियां आज सबसे अच्छी गाड़ी है यदि किसी को डाउट लगता है तो वह दोनों नगर परिषद की गाड़ियों को सामने लाले , आज कोई भी कटंगी नगर परिषद में बुलाई गई गाड़ियों को ही अच्छा बताया
जल सभापति के वार्ड का गंदा पानी लेकर पहुंचे पार्षद
परिषद की बैठक के दौरान सत्ताधारी पार्टी के पार्षद सुधीर चिले शहर में आ रहे गंदे पानी को लेकर बहुत दिनों से नगर पालिका को व्यवस्था बनाने की बात कर रहे थे और कई बार उन्होंने सत्ताधारी पार्टी के जल विभाग के सभापति समीर जायसवाल से भी चर्चा की थी, किंतु जब उन्हें कोई समाधान नहीं मिला, तो वह परिषद की बैठक के दौरान जल विभाग के सभापति के वार्ड में आ रहे गंदे पानी को प्लास्टिक की बोतल में भरकर परिषद की बैठक में पहुंच गए और बताया कि यह उनके पास वार्ड वासियों के द्वारा बताई गई समस्या और आ रहे गंदे पानी का नमूना है जिसे जल्द ही व्यवस्था बनाने की मांग की गई, तो वही सभापति द्वारा बताया गया कि यह पुरानी पाइपलाइन से आ रहे गंदे पानी का नमूना है
आवास योजना की राशि ढाई लाख की जगह दिया गया 3 लाख
पार्षद श्वेता जैन द्वारा परिषद में फिर एक बार नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली अनियमितता को सामने लाते हुए बताया कि इसके पहले भी उन्होंने नगर पालिका की परिषद की बैठक में मरे हुए व्यक्ति को आवास योजना का लाभ पहुंचाने का मुद्दा परिषद में उठाया था और फिर एक बार नगर पालिका के कर्मचारियों की अनियमितता का मामला परिषद की बैठक में रख रही है, जिसमें नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा आवास योजना की ढाई लाख रुपए की राशि के स्थान पर हितग्राहियों को 3 लाख रुपए की राशि दी गई है और इसके उनके पास हितग्राहियों के नाम की सूची है जिसमें उन्होंने हितग्राहियों के नाम भी मीडिया के सामने बताएं जिसमें रेखा बंशकार वार्ड नंबर 13 , वार्ड नंबर 24 से रजिया बेगम ऐसे कुछ नाम उन्होंने सामने रखे
परिषद की बैठक में पार्षदों के बीच बनी चुनाव की स्थिति
जैसे ही परिषद की बैठक शुरू हुई तो परिषद की बैठक बुलाने के पत्र में नगर पालिका अधिनियम की धारा का उल्लेख नहीं किया गया था जिस पर नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे द्वारा इस प्रकार अधिनियम की धारा नहीं लिखे जाने को लेकर विरोध किया गया और परिषद की बैठक का बहिष्कार करने की बात कही गई , जिस पर उनके साथ सत्ता पक्ष के भी कुछ पार्षद उनकी बात का समर्थन करते हुए खड़े हो गए, जिस पर सत्ता पक्ष के पार्षद नहीं मान रहे थे, तो वही अचानक नेता प्रतिपक्ष द्वारा परिषद में उक्त मुद्दे को लेकर चुनाव करने की बात कही जाने लगी, जिसे देखकर लग रहा था कि भले ही नगर पालिका के अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेसियों के पास पार्षदों की संख्या कम थी, लेकिन आज कांग्रेसी पार्षदों के पास पार्षदों की संख्या अधिक लग रही थी और सत्ता पक्ष के सभापतियों द्वारा कहा गया कि इस प्रकार से हर बात चुनाव पर नहीं होनी चाहिए और बहुमत अधिक देखते हुए नपा. अध्यक्ष द्वारा अधिनियम की धारा पत्र में जुड़वाते हुए कांग्रेसी पार्षदों के बीते दिनों दिए गए ज्ञापन के विषय को सम्मिलित किया गया
नगर पालिका अध्यक्ष के चेंबर पर उठे सवाल
पार्षद सरिता सोनेकर द्वारा परिषद की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष के दो चैंबर को लेकर सवाल खड़े किए गए और कहा गया कि नगर पालिका अध्यक्ष के नगर पालिका में दो चेंबर क्यों है और आज वह भी एक सत्ता पक्ष से ही पार्षद है लेकिन उनके बैठने के लिए जगह नहीं होती जब नगर पालिका अध्यक्ष नगर पालिका में नहीं होती तो उनके कक्ष में ताला लगा हुआ होता है, जिससे वह नगर पालिका में आने के बाद बैठने के लिए इधर-उधर घूमते रहती हैं , इसलिए उन्होंने सत्ता पक्ष के पार्षद दल के लिए बैठने के लिए एक कक्ष निर्माण की बात कही जिस पर नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि एक कक्ष उनका शासकीय कार्य करने के लिए है और एक आमजन और पार्षदों सहित बैठक का कक्ष है और यदि वह चाह रही है कि पार्षद दल के बैठक के कक्ष की व्यवस्था हो तो वह भी जल्द ही करवा देंगे और अध्यक्ष , उपाध्यक्ष का चैंबर हर समय खुला होता है जहां पर कोई भी आकर बैठ सकता है
परिषद की बैठक में बुलाये गये सेतू एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी
भारती ठाकुर की अध्यक्षता वाली परिषद की बैठक में यह भी देखने को मिला कि ओवरब्रिज तथा सड़क निर्माण की समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों को बुलाया गया। जिसमें नपाध्यक्ष ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए धारा 67 के तहत उनसे जवाब चाहा और परिषद सदस्यों को भी उनसे सवाल करने का अवसर दिया। सेतू विभाग के अधिकारी अर्जुन सनोडिय़ा से नपाध्यक्ष ने कहा कि भटेरा रोड रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज निर्माण होना है जिसके लिये रहवासी क्षेत्र होने के नाते यहां 5-5 मीटर की पर्याप्त जगह रहे ताकि यहां के निवासियों को दिक्कतें ना हो, कुल चौड़ाई 18.5 मीटर भूमि की हमें जरूरत होगी साथ ही निर्माण कार्य प्रारंभ करने के पहले सर्विस रोड तैयार की जाये जिसे लेकर नपा परिषद को भी अवगत कराया जाये। वहीं पाईप लाईन सिफ्टिंग की तैयारी समय से पहले तैयारी कर ली जाये ।उसी प्रकार पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी से नपाध्यक्ष ने कहा कि गौरवपथ में मोती उद्यान के सामने सड़क उखड़ गई है गुणवत्ता हीन बनाई गई है जिसे लेकर गंभीरता दिखाई जाये और इसे तत्काल ही सुधार कार्य करवाया जाये। वैसेही इतवारी बाजार में पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा स्वीकृत की गई निधि से लंबित कार्यो को लेकर भी जानकारी ली,
कोताही बरतने वाले का काटो वेतन
परिषद की बैठक में नपाध्यक्ष ने कहा कि नगर पालिका के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही अब बर्दाश्त करने योग्य नहीं है, परिषद सदस्यों की समस्या हमारे नगर की समस्या है इसलिए स्वच्छता, निर्माण कार्य सहित अन्य होने वाले विकास कार्यो में कोताही ना बरती जाये। विशेषकर स्वच्छता को लेकर नपाध्यक्ष ने कहा कि सुपरवाईजर और वार्ड मोहरीर अगर ठीक ढंग से काम ना करें तो सीएमओ को सेवा नियमों के तहत कार्रवाई कर उनके 3-3 दिन का वेतन काटने की कार्यवाही के लिये सीएमओ को निर्देशित किया।