गरीब महिलाओं को रोजगार देने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए दीदी कैफे देखते ही देखते पूरे प्रदेशभर 127 हो गए हैं। 52 जिलों में संचालित दीदी कैफे में करीब डेढ़ हजार महिलाएं काम कर रही हैं। यहां के चाय-नाश्ते को लोगों द्वारा इतना पसंद किया गया है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ऐसे 158 कैफे और खोलने की तैयारी कर रहा है। इसी चरण में राजधानी में और दो दीदी कैफे तैयार भी हो चुके हैं, जो इस हफ्ते खोले जाने हैं। इसमें पहला कैफे एसडीएम कार्यालय हुजूर और दूसरा वल्लभ भवन में शुरू होगा। इनका उद्घाटन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होने की पूरी तैयारी थी लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अन्य व्यस्तताओं को देखते हुए इसे कुछ दिन टाला गया है।
कैंटीन की जगह अब दीदी कैफे
इस कैफे में वही महिलाएं काम करती हैं, जो स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं। विभिन्न् स्थानों पर कैफे खोलने के लिए जिला प्रशासन ने जगह उपलब्ध कराई है और समूहों ने सदस्यों को कर्ज दिया है। प्रत्येक कैफे हर महीने औसत 18 से 25 हजार रुपये का कारोबार कर रहा है। यह कैफे उन स्थानों पर खुलवाए गए हैं, जहां आवाजाही ज्यादा है। पहले कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत, तहसील और जनपद-जिला पंचायत कार्यालय परिसर में कैंटीन के ठेके दिए जाते थे लेकिन अब उनकी जगह दीदी कैफे ने ले ली है
भोपाल में सबसे ज्यादा आठ कैफे
वर्तमान समय में निवाड़ी और नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले में अभी सबसे ज्यादा सात-सात कैफे संचालित हैं। उज्जैन में छह और उमरिया, शाजापुर, रतलाम, सतना, रायसेन में पांच-पांच कैफे संचालित हैं। भोपाल में दो नये कैफे के साथ इनकी संख्या आठ हो जाएगी। मालूम हो कि दो साल पहले प्रदेश में भोपाल के कलेक्टर कार्यालय से ही महिला दिवस के अवसर पर दीदी कैफे की शुरूआत हुई थी।
ये काम हमें बहुत पसंद है
राग भोपाली परिसर में नवंबर महीने में शुरू किए गए दीदी कैफे में पांच महिलाएं किरण कुशवाह, लक्ष्मी विश्वकर्मा, लता विश्वकर्मा, उर्मिला विश्वकर्मा, सुशीला प्रजापति काम कर रही हैं। ये बताती हैं कि पहले हम सिलाई-कढ़ाई और खेती का काम करते थे। उसमें इतनी आय नहीं होती थी। दीदी कैफे में चार महीने से काम कर रहे हैं। ये काम हमें बहुत पसंद है और आय भी अच्छी है, इसलिए हम खुश हैं।
इनका कहना है
महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से प्रदेश में दीदी कैफे शुरू किए गए हैं। इनमें काम करने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। विभिन्न् व्यंजन बनाना सिखाया जाता है। कैफे में बनाई जाने वाली चीजों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं, इसलिए भोपाल में दो नए कैफे खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
डा. रेखा पाण्डेय, जिला परियोजना प्रबंधक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन
मध्य प्रदेश में दीदी कैफे योजना
जिले – 52
विकासखंड – 292
कैफे खोलने की योजना – 285
कैफे संचालित हैं – 127
सरकारी कार्यालयों में – 98
अशासकीय कार्यालयों में – 83