मध्य प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़ा दी गई है। केंद्र से इसकी मंजूरी मिल गई है। मंदसौर, सिवनी और नीमच जिले स्थित मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें अब 100-100 हो गई हैं। सीटें बढ़ने के बाद डॉक्टरों की किल्लत से जूझ रही मध्य प्रदेश के बड़ी राहत मिलेगी। इन सभी मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत 50-50 सीटों के साथ हुई थी।
तीनों जिले के लिए बड़ी उपलब्धि
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्र के शीर्ष नेताओं का आभार एक्स हैंडल पर माना है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह है डबल इंजन की सरकार का फायदा।
नीमच मेडिकल कॉलेज के लिए हुआ था आंदोलन
हालांकि नीमच जिले को यह मेडिकल कॉलेज इतनी आसानी से नहीं मिला। इसके लिए जिले की जनता ने करीब 64 दिन तक आंदोलन किया। तब जाकर नीमच जिले का नाम भी मेडिकल कॉलेज की सूची में जुड़ा। जब नीमच और मंदसौर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने की मंजूरी हुई, तब मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार थी। वहीं, केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार थी। ऐसे में जिलेवासियों ने तरह-तरह के जतन कर नीमच जिले में मेडिकल कॉलेज की आवश्यकता महसूस की थी।
नीमच में भी हो गई थी घोषणा
स्थानीय सांसद सुधीर गुप्ता चाहते थे कि मेडिकल कॉलेज मंदसौर में खुले, लेकिन जिलेवासियों ने आंदोलन के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया। इसके बाद मुख्यमंत्री नाथ ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा। इसके कुछ दिन बाद मंदसौर के साथ नीमच जिले का नाम भी देशभर में खुलने वाले मेडिकल कॉलेज की सूची में जुड़ गया। इस तरह नीमच जिले को मेडिकल कॉलेज मिल पाया।
प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई
मंदसौर और नीमच में दो चरणों में मेडिकल कॉलेज बनाने की शुरुआत हुई। पहले चरण के लिए मंदसौर में 270 करोड़ रुपए की राशि मंजूर हुई। इसी तरह नीमच जिले के लिए 200 करोड़ रुपए की राशि जारी हुई। दोनों ही जिलों में प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है। इसी सत्र से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु करने के लिए दोनों जिलों में करीब 5 माह पहले डीन की नियुक्ति हुई। इसके बाद आवश्यकतानुसार डॉक्टरों की नियुक्तियों हुई।
नीमच मेडिकल कॉलेज
325 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे नीमच मेडिकल कॉलेज ने अब मूर्त रूप ले लिया है। चिकित्सा विश्वविद्यालय में मॉड्यूलर ओटी, ऑक्सीजन भवन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होस्टल सहित 17 यूनिट आकार ले चुकी है। करीब दो माह की लंबी लड़ाई के बाद 2 दिसंबर 2019 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार में नीमच को मेडिकल कॉलेज की मंजूरी मिली थी। अब इस सत्र से चिकित्सा विश्वविद्यालय शुरु हो गया है। इसके लिए डॉ. अरविंद घनधोरिया को डीन के रूप में नियुक्त किया है। फिर 21 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां हुई।
मंदसौर मेडिकल कॉलेज
370 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मंदसौर मेडिकल कॉलेज का प्रथम चरण काम पूरा हो चुका है। इसमें भी चिकित्सा विश्वविद्यालय में मॉड्यूलर ओटी, ऑक्सीजन भवन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्टल सहित अनेक भवन आकार ले चुके हैं। कमलनाथ सरकार में मंदसौर को मेडिकल कॉलेज मिला था। हालांकि इसमें स्थानीय सांसद गुप्ता ने भी विशेष भूमिका निभाई थी। यहां डीन की नियुक्ति के साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर की भी नियुक्तियां हो चुकी है।