मंदिर जहां बंदरों के डर से प्रसाद चढ़ाना बंद हुआ:महिलाओं के कपड़े खींच रहे, बच्चों को भी काटकर भाग रहे

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देश के कई मंदिरों में आपने बंदरों को कम-ज्यादा संख्या में देखा होगा, लेकिन मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में इन दिनों एक मंदिर में बंदरों के कारण प्रसाद चढ़ाना ही लगभग बंद सा हो गया है। वजह है कि यहां के बंदरों का उत्पात इतना बढ़ गया है कि कभी ये मंदिर आने वाली महिलाओं के कपड़े खींच रहे हैं, तो कभी बच्चों को काटकर भाग जाते हैं। श्रद्धालु इस मंदिर में आने से भी कतराने लगे हैं।

क्यों बंदरों का कुनबा बढ़ा, हमलावर हुए?
टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से 6 किमी दूर है प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कुंडेश्वर शिवधाम। मान्यता है कि ये शिवधाम द्वापर युग में भी मौजूद था। धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं से परे इन दिनों ये मंदिर एक अलग ही कारण से चर्चा में है। इस मंदिर में दिनभर बंदर डेरा डाले रहते हैं। इनकी निगाह से मंदिर आने वाला कोई भी श्रद्धालु नहीं बच पाता। ये सब पर नजर रखते हैं। किसी के हाथ में प्रसाद नजर आए, तो उसे छीन लेते हैं। प्रसाद न दिखे, तो गुस्से में हमला भी कर देते हैं।

बंदरों के हमले से बचने के लिए अब ज्यादातर श्रद्धालु यहां प्रसाद लेकर आते ही नहीं। कुछ ऐसे श्रद्धालु जो पहली बार मंदिर आ रहे हैं, बंदरों के बारे में पहले से नहीं पता, वो जरूर प्रसाद लेकर आ रहे हैं। उन्हें भी बंदरों का उत्पात झेलना पड़ रहा है। जैसे-जैसे श्रद्धालुओं का प्रसाद लाना कम हो रहा है, बंदर और भड़क रहे हैं। पहले से भी ज्यादा आक्रामक और हमलावर हो रहे हैं। हाल ये है कि रोजाना दो-तीन लोगों को बंदर काट रहे हैं।

जब हमारी टीम मंदिर में पहुंची, तब भी एक बच्चे को बंदर ने काट लिया। बच्चा बुरी तरह बिलख पड़ा। एक बच्चे को जख्मी देखकर बाकी बच्चे भी डर गए। परिजनों ने जैसे-तैसे बंदरों की टोली को दूर किया और बच्चों को संभाला। मंदिर परिसर में प्रसाद और फूल पत्ती बेचकर रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदारों की बिक्री चौपट हो गई है।

अब तो फूल-पत्ती लेकर आने वालों पर भी हमलावर
मंदिर ट्रस्ट के मैनेजर देवेंद्र दीक्षित ने बताया कि कुंडेश्वर मंदिर के बंदरों का आक्रामक रवैया बढ़ता ही जा रहा है। बंदरों को प्रसाद खाने की लत लग गई है। वे ज्यादातर उन्हीं लोगों पर हमला करते हैं, जो प्रसाद लेकर आते हैं। पिछले कुछ महीनों से फूल-पत्ती लेकर आने वालों पर भी बंदर हमलावर होने लगे हैं। इसी दौरान छोटे बच्चे और महिलाएं घायल हो रहे हैं।

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