निर्यात के मोर्चे पर एक अच्छी खबर है। मई में निर्यात सालाना आधार पर 69% उछल गया। पिछले महीने 32.3 अरब डॉलर के सामान का निर्यात हुआ। वैसे तो इसकी सबसे बड़ी वजह कमजोर बेस इफेक्ट रही। यानी कोविड के चलते पिछले साल इसी महीने बेहद कम निर्यात हुआ था।
दूसरी लहर के बावजूद मई 2019 से 8% ज्यादा निर्यात
अच्छी खबर यह है कि अहम विदेशी बाजारों में भारतीय सामान की मांग बढ़ी है। इस साल मई में कोविड की दूसरी लहर के बावजूद मई 2019 के मुकाबले 8% से ज्यादा निर्यात हुआ। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी प्रोविजनल डेटा से इस बात का पता चला है।
फार्मा एक्सपोर्ट 5.4% घटकर 1.9 अरब डॉलर रह गया
हालांकि पिछले महीने फार्मा एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 5.4% की गिरावट के साथ 1.9 अरब डॉलर रह गया। इसकी वजह अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के देशों में कोविड के मामलों में आई गिरावट रही है। कोविड के चलते पिछले वित्त वर्ष में फार्मा एक्सपोर्ट में तेज उछाल आया था।
लगातार तीसरे महीने हुई सामान के निर्यात में बढ़ोतरी
सामान का निर्यात लगातार तीसरे महीने बढ़ा है, जो व्यापार में मजबूती आने का संकेत है। यह बात जरूर है कि निर्यात में बढ़ोतरी की दर कोविड से पहले सुस्त रही थी। 2018-19 में निर्यात लगभग 9% बढ़ा था जबकि 2019-20 में 5% की कमी आई थी। ऐसे में पुराने पीक पर पहुंचने में दो-तीन साल लगेंगे।
आयात में भी बढ़ोतरी, 38.6 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट
जानकारों का कहना है कि अभूतपूर्व संकट और टारगेटेड लॉकडाउन के बीच मई में बढ़े निर्यात के आंकड़े उत्साह बढ़ाने वाले हैं। हालांकि, मई में आयात भी 74% की बढ़ोतरी के साथ 38.6 अरब डॉलर के लेवल पर पहुंच गया। इसकी वजह भी कमजोर बेस और मांग में बढ़ोतरी है।
मई 2019 के लेवल से 17% कम रहा आयात
हालांकि, आयात मई 2019 के लेवल से 17% कम है। इस मई में पेट्रोलियम इंपोर्ट 179% उछलकर 9.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसकी वजह क्रूड के दाम में हुई बढ़ोतरी रही। बेस इफेक्ट के चलते सोने का आयात भी 790% उछलकर 67.9 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। वनस्पति तेलों का आयात 149% बढ़कर 1.4 अरब डॉलर हो गया।
6.3 अरब डॉलर का व्यापार घाटा, आठ महीने में सबसे कम
हाल के महीनों में विदेश व्यापार में आया उछाल बताता है कि देश अहम विदेशी बाजारों में मांग बढ़ने पर उसकी पूर्ति करने की स्थिति में है। इस बीच व्यापार घाटा तेज गिरावट के साथ आठ महीने के निचले लेवल 6.3 अरब डॉलर पर आ गया। इस साल अप्रैल में व्यापार घाटा 15.1 अरब डॉलर का था।
कोर एक्सपोर्ट 47% बढ़ा, 2019 के मुकाबले 47% ग्रोथ
बड़ी बात यह है कि मई में कोर एक्सपोर्ट (पेट्रोलियम और जेम एंड ज्वैलरी को छोड़कर) में 47% की बढ़ोतरी हुई। दो साल पहले के मुकाबले इसमें लगभग 12% की बढ़ोतरी रही है। पिछले महीने कोर इंपोर्ट में 52% का उछाल आया लेकिन 2019 के मुकाबले यह 3% कम रहा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में टर्नअराउंड होने का संकेत
एनालिस्टों के मुताबिक अगर आने वाले महीनों में निर्यात ऊंचे लेवल पर बना रहता है तो वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार में टर्नअराउंड होने का संकेत होगा। पिछले साल कोविड के चलते विदेश व्यापार में बड़ा उतार चढ़ाव आया था। पिछले महीने वाणिज्य सविच अनूप वधावन ने कहा था कि कोविड के चलते आनेवाले महीनों में एक्सपोर्ट में ग्रोथ कम नहीं होगी।