भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा बालाघाट में बुधवार को मार गिराई गई चार महिला माओवादी कट्टर उग्रवादी थीं, जिन पर कुल 62 लाख रुपये का इनाम था। वे सभी छत्तीसगढ़ की मूल निवासी थीं और मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ क्षेत्र में सक्रिय भोरमदेव एरिया कमेटी की सदस्य थीं। उनके पास मौजूद शक्तिशाली हथियार जैसे इंसास, एसएलआर. 315 और 303 राइफल बरामद हुईं। ऐसे खतरनाक हथियार उग्रवादी संगठन में उनकी स्थिति को दर्शाते हैं।
पुलिस ने इन माओवादियों की तस्वीरें जारी कीं और उनकी पहचान सुकमा निवासी आशा, सरिता उर्फ शीला उर्फ पदम और लख्खे मरावी तथा कोंडागांव निवासी रंजीता उर्फ रामली अलामी के रूप में की। आशा एक एरिया कमेटी कमांडर थी और उसके पास इंसास थी, उस पर 20 लाख रुपये का इनाम था, जबकि अन्य पर 14-14 लाख रुपये का इनाम था।तुमरीवाल गांव की रंजीता के पास एसएलआर, जगरकुंडा के पेंटा की सरिता के पास 303 और लख्खे के पास 315 राइफल थी।
दबाव के चलते यहां कर रहे पलायन
आईजी संजय कुमार ने कहा कि बस्तर में बढ़ते दबाव के चलते माओवादियों ने बालाघाट के जंगलों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। पुलिस इस मुठभेड़ को एक अत्यधिक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के रूप में देख रही है। करीब तीन दशक में यह पहली बार है कि एक ही ऑपरेशन में चार माओवादियों को मार गिराया गया है। इस तरह का आखिरी ऑपरेशन 1996 में बालाघाट के धीरी-मुरुम जंगल में हुआ था।