मध्य प्रदेश में गरीबों को थैले में मिलेगा उचित मूल्य की दुकान से राशन

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मध्य प्रदेश में गरीबों को उचित मूल्य की दुकान से राशन थैले में दिया जाएगा। इस पर टीकाकरण सहित सरकार की अन्य योजनाओं की जानकारी दर्ज रहेगी। यह निर्णय मंत्रियों के साथ मंथन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। उन्होंने बताया नवंबर 2021 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं को निशुल्क राशन मिलेगा। उधर, मंत्रियों ने इस मंथन को सार्थक बताते हुए कहा, इससे प्रदेश के विकास की दिशा में तेजी से काम होगा। बैठक में मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के अलावा कोई भी मौजूद नहीं था। सूत्रों के मुताबिक अनौपचारिक चर्चा में तय किया गया कोरोना से दिवंगत अधिकारी-कर्मचारी के स्वजन को उनके घर जाकर अनुकंपा नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। इससे जनता में सरकार को लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। विदेशों में अध्ययनरत अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को बतौर आइकान प्रस्तुत किया जाएगा।

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए बने नौ मंत्री समूहों को एक सप्ताह में बैठक कर रिपोर्ट देनी होगी। जलाशय खाली होने के बाद नीलाम करें भूमि बैठक में वन मंत्री विजय शाह ने सुझाव दिया जलाशयों में पानी खत्म होने के बाद भूमि खेती के लिए नीलाम की जाए। अभी इन पर कब्जा कर खेती की जाती है। नीलामी से राजस्व भी मिलेगा। अनुपयोगी शासकीय भूमि नीलाम करने, गृह निर्माण समितियों द्वारा उपयोग नहीं करने पर वापस लेने, रेत के ठेकों में स्थानीय और छोटे कारोबारियों की भागीदार सुनिश्चित करने, उद्योगों में रोजगार के लिए युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाने, छोटे और अजा-जजा वर्ग के किसानों पर ध्यान देने के सुझाव दिए गए। कुछ मंत्रियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खोलने का सुझाव दिया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा शिक्षा के लिए गठित मंत्री समूह इस विचार करके अनुशंसा देगा।

मंत्री बोले- सार्थक रहा मंथन, तेजी से होगा काम

सभी मंत्रियों ने इस मंथन को सार्थक बताया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कोरोनाकाल में प्रदेश में राजस्व की कमी आई पर आवश्यक खर्चों को कम नहीं किया गया। कृषि और उद्योग आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए नए क्षेत्र तलाशे जाएंगे। वहीं, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि डेढ़ साल पहले कांग्रेस की सरकार थी। तब से अब में बिजली की स्थिति में काफी सुधार है। तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया बोलीं कि कोरोनाकाल की चुनौतियों का सामने करने के बाद अब रोजगार के अवसर और आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर फोकस है। राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि राजस्व के स्त्रोत इस तरह से बढ़ाएंगे, जिसमें आम आदमी पर भार न आए। लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा बोले कि रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए स्वरोजगार पर जोर दिया जाएगा। अगस्त में तीन हजार नई इकाइयां 42 जिलों में प्रारंभ होंगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कोरोना की लड़ाई को जन आंदोलन बनाने की मंशा से जो आपदा प्रबंधन समूह बनाए थे, वे आगे भी काम करते रहेंगे। कोविड केयर सेंटर और कोरोना की जांच भी चलती रहेगी।

बैठक के औचित्य पर सवाल

मंत्रालय छोड़कर आलीशान रिजार्ट में मुख्यमंत्री के मंत्रियों के साथ बैठक करने के औचित्य पर प्रदेश कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, जब करोड़ों रुपये खर्च करके मंत्रालय एनेक्सी बनाई गई है तो इस तरह रिजार्ट में बैठक करने का मतलब क्या है। एक तरफ मुख्यमंत्री कहते हैं कोरोना संक्रमण की वजह से राजस्व संग्रहण प्रभावित हुआ है और दूसरी ओर एक दिन की बैठक पर लाखों रुपये फूंके जा रहे हैं। जबकि, प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के बुरे हाल हैं।

सीएम ने सुनाई दो कहानियां, जनता की सेवा करने का दिया संदेश

पहली कहानी

एक गांव में मंदिर निर्माण के लिए तीन मजदूर पत्थर तोड़ रहे थे। उधर से साधुओं का गुजरना हुआ। उन्होंने एक मजदूर से पूछा- क्या कर रहे हो। वह चिढ़कर बोला- देखते नहीं पत्थर तोड़ रहा हूं। दूसरे ने कहा- मजदूरी कर रहा हूं। पत्थरों पर नक्काशी कर रहा हूं। तीसरे ने कहा- मैं सौभाग्यशाली हूं, मंदिर निर्माण में सहयोग कर पत्थरों को सुंदर रूप प्रदान कर रहा हूं।

संदेश

मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से कहा, हमें भी कहानी के पात्र तीसरे मजदूर की तरह खुद को सौभाग्यशाली मानना चाहिए कि हमें जनता की सेवा का अवसर मिला है।

दूसरी कहानी

महाभारत काल में यक्ष ने पांडवों से अलग-अलग सवाल किए थे। सभी ने अलग-अलग जवाब दिए, लेकिन युधिष्ठिर ने सही जवाब देकर यक्ष का मन जीत लिया था। युधिष्ठिर-यक्ष संवाद का भाव यह था, जीवनकाल में ऐसा काम कर जाएं कि उन्हें याद रखा जाए।

संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ मंत्री काफी युवा हैं और उनके पास काफी समय है तो कुछ ऐसे हैं, जिनके पास सेवा कार्य के समय का बंधन है। दोनों समूहों को अपनी-अपनी उपयोगिता साबित करते हुए ऐसे काम करने चाहिए कि जनता लंबे समय तक याद रखे।

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