मध्य प्रदेश में बारहसिंघा का चौथा बसेरा बनेगा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

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 मध्य प्रदेश के राज्य पशु बारहसिंघा की हार्ड ग्राउंड प्रजाति का चौथा बसेरा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। वन्यप्राणी मुख्यालय ने कान्हा टाइगर रिजर्व से 50 बारहसिंघा भेजने की तैयारी कर ली है। मुख्यालय ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर स्वीकृति मांगी है, जो इसी माह मिलने की उम्मीद है। फिर विभाग शिफ्टिंग की तैयारी करेगा।

संभवत: जनवरी या फरवरी 2022 में उन्हें शिफ्ट किया जा सकता है। इससे पहले वन विहार नेशनल पार्क भोपाल और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम (होशंगाबाद) में 65 बारहसिंघा शिफ्ट किए जा चुके हैं।

बारहसिंघा की यह प्रजाति पूरे देश में सिर्फ कान्हा टाइगर रिजर्व के फेन अभयारण्य में बची है। वर्ष 1970 में यहां भी महज 66 बारहसिंघा बचे थे। संरक्षण के लगातार होते प्रयासों के बीच वर्ष 2015 में इनकी संख्या 400 तक पहुंच पाई थी। फिर विशेषज्ञों को बारहसिंघा की इस प्रजाति को बचाने की चिंता हुई।

उनका सोच था कि कोई महामारी हमेशा के लिए इस प्रजाति को समाप्त न कर दे। इसलिए वर्ष 2012 में बारहसिंघा को शिफ्ट करने की योजना पर काम शुरू हुआ। ताकि कई जगह रखकर इस प्रजाति को बीमारियों से बचाया जा सके।

उनके अनुकूल जलवायु का पता लगाने के लिए सबसे पहले वन विहार नेशनल पार्क में अध्ययन हुआ और जब यह विश्वास हो गया कि बारहसिंघा वन विहार में रह सकता है, तो वर्ष 2015 में सात बारहसिंघा पार्क में शिफ्ट कर दिए गए। इसके बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 58 बारहसिंघा भेजे गए हैं, जो अब पूरी तरह से नई जगह रच-बस गए हैं।

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