स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरी क्षेत्रों में कचरा फैलाने या स्वच्छता नियमों का उल्लंघन करने वालों सख्ती करने संबंधी दिशा-निर्देश पर्यावरण विभाग ने जारी किए हैं। नगर निगम के सभी आयुक्तों और कलेक्टरों से कहा गया है कि स्पाट फाइन (मौके पर जुर्माना) और ठोस अपशिष्ट के वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन की दिशा में तेजी से काम किया जाए। यह भी निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक स्थल पर समारोह समाप्ति के चार घंटे में सफाई नहीं हो तो संबंधितों पर जुर्माने की कार्रवाई की जाए। जुर्माने की दरें नगरीय निकायों तथा शहरी समूहों द्वारा परिषद स्तर पर निर्धारित की जाएंगी।
निर्देश में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थल पर स्वच्छता के विरुद्ध किए जाने वाले कार्यों में सड़कों एवं गलियों में कचरा फैलाना, सार्वजनिक स्थलों पर थूकना, खुले में स्नान, खुले में मल-मूत्र विसर्जन और खुले में बर्तन, कपड़े आदि की धुलाई शामिल है। ठोस अपशिष्ट का अलग-अलग संग्रहण न करते हुए एक ही डस्टबिन में एकत्र करने पर व्यक्तिगत श्रेणी, थोक कचरा उत्पादक आदि पर कार्रवाई की जाएगी।
व्यावसायिक उपयोग (घरेलू छोड़कर) के दौरान मछली, मीट, पोल्ट्री अपशिष्ट को अलग किए बगैर कचरा प्रदान करना, बगैर डस्टबिन के और बिना अलग किए हुए कचरा देने वाले विक्रेता, ठेला, फेरीवाला आदि के साथ घरेलू पालतू जानवरों द्वारा कचरा/खुले में मल-मूत्र, विष्ठा कराने पर भी जुर्माना लगाया जाए।