मप्र में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक

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मध्यप्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य से अधिक बना हुआ है। हवाओं का रुख बारबार बदल रहा है। हवाओं का रुख उत्तरी नहीं होने के कारण तापमान में उछाल आई है। मौसम विभाग की माने तो वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर दो मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। इनके प्रभाव से हवाओं उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है। गुरुवार को ग्वालियर-चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को उत्तर भारत को प्रभावित कर रहे पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने की संभावना है। इसके बाद हवा का रुख उत्तरी होने से शुक्रवार से प्रदेश में सर्दी पड़ने लगेगी। उधर, बुधवार को मध्यप्रदेश में सबसे कम 11 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में दर्ज किया गया। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवात दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से हवाओं के साथ नमी आ रही है। इस वजह से रात का तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।शुक्ला के मुताबिक गुरुवार को पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने की संभावना है। उसके बाद हवाओं का रुख उत्तरी होने से प्रदेश में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने लगेगी। रात के पारे के लुढ़कने का सिलसिला 15 नवंबर तक बना रह सकता है। 15 नवंबर को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में आने की संभावना है। इसके असर से एक बार फिर रात का तापमान बढ़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के सभी संभागों के जिलों का मौसम मुख्यत: शुष्क रहा। न्यूनतम तापमानों में भी विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। न्यूनतम तापमान उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर संभागों के जिलों में सामान्य से काफी अधिक तथा शेष संभागों के जिलों में सामान्य रहे।

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