स्कॉटलैंड के बालमोराल कैसल में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ब्रिटिश सरकार का ‘ऑपरेशन यूनिकॉर्न’ शुरू हो चुका है। ब्रिटिश अधिकारियों ने महारानी की मौत और अंतिम संस्कार के बीच के पहले 10 दिनों के दौरान घटनाओं का प्रबंधन करने के लिए पहले ऑपरेशन लंदन ब्रिज नाम से एक योजना को तैयार की थी। अगर स्कॉटलैंड में महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु होती है, तो ऐसे मामले में ऑपरेशन यूनिकॉर्न बनाया गया था। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत पर दुनियाभर के देशों ने शोक प्रकट करते हुए उन्हें महान नेतृत्वकर्ता बताया है।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटिश इतिहास में सबसे लंबे समय तक राज करने वालों में शुमार किया जाता है। कल गुरुवार को 96 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। इस पर पूरी दुनिया शोक संतप्त है। बताया जाता है कि महारानी का अंतिम संस्कार 2 सप्ताह के अंदर लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने की उम्मीद है। उम्मीद है कि उनके अंतिम संस्कार में दुनिया के सभी प्रमुख देशों के नेता शामिल होंगे। महारानी एलिजाबेथ की बॉडी को स्कॉटलैंड (एडिनबर्ग) में होलीरूड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। अगले सप्ताह सोमवार को रॉयल ट्रेन द्वारा ताबूत को लंदन लाया जाएगा। बकिंघम पैलेस पहला पड़ाव होगा।
वह न केवल यूनाइटेड किंगडम की बल्कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित 14 पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों की रानी और राज्य की प्रमुख रहीं। साल 2015 में, महारानी एलिजाबेथ अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया को पीछे छोड़ते हुए सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली ब्रिटिश सम्राट बनीं। इस साल, वह दुनिया की दूसरी सबसे लंबे समय तक राज करने वाली सम्राट बनीं। उनके सबसे बड़े बेटे 73 वर्षीय चार्ल्स, सदियों के प्रोटोकॉल के अनुसार अब राजा बन गए हैं। वहीं, विलियम-केट प्रिंस एंड प्रिंसेस ऑफ वेल्स होंगे।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर गुरुवार को दुनिया भर के नेताओं ने शोक जताया और उन्हें ‘सहृदय’ महारानी बताते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 1982 में महारानी के साथ अपनी मुलाकात और 2021 में ब्रिटेन यात्रा के दौरान महारानी की मेजबानी को याद किया है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता की प्रतिमूर्ति रहीं।
उनके साथ 2015 तथा 2018 में हुई मुलाकातें मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने शोक जताते हुए यह भी कहा कि मैं उनकी गर्मजोशी और उदारता को कभी नहीं भूल सकता हूं। एक भेंट के दौरान उन्होंने मुझे वह रुमाल दिखाया जो उनके विवाह के अवसर पर महात्मा गांधी ने उन्हें भेंट किया था। वह अकेली शख्स थीं जो बिना लाइसेंस के ब्रिटेन में गाड़ी चला सकती थीं। जब दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ तो वह एक गर्ल गाइड थीं और अपनी हमउम्र बाकी लड़कियों के साथ उसी प्रशिक्षण से गुज़रीं। दो दिन पहले ही महारानी ने तस्वीरों में मुस्कुराते हुए लिज ट्रस को अपने शासनकाल का 15वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।