महाराष्ट्र से अंधविश्वास कानून हटाने की मांग:नासिक के संत समाज की दूसरे धर्मों को चुनौती- चमत्कार साबित करो…51 लाख देंगे

0

मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों से उठा विवाद महाराष्ट्र तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र के नासिक में संतों ने भी मोर्चा खोल दिया है। नासिक के श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे ने एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में अनिकेत कह रहे हैं कि दूसरे धर्मों के धर्मगुरु यहां आए और अपना चमत्कार साबित करें। उन्हें आध्यात्मिक प्रतिष्ठान महर्षि और सर्व संत समाज की ओर से 51 लाख का इनाम दिया जाएगा।

इसके मुताबिक नासिक के रामकुंड पर सोमवार दोपहर को 10 अखाड़ों के संत विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। ये प्रदर्शन अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून को खत्म करने की मांग के लिए किया जाएगा।

अनिकेत ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि सिर्फ टारगेट किया जा रहा है। श्याम मानव कांग्रेसी है और सबसे बड़ा पाखंडी है। मेरे पास श्याम मानव के हजार केस की स्टडी है। वो केवल हिंदू बाबा को टारगेट करके 30 लाख रुपए दे रहा है, हम उसके काम को आगे ले जा रहे हैं। मौलाना-पादरी के मेरे पास कई वीडियो हैं, जो बीमारी ठीक करने दावा करते हैं। जिनमें 95% केस हिंदू धर्म के खिलाफ है। केवल 5% पर ही केस साबित हुआ है। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति जो काम नहीं कर रही है, हम उसे आगे ले जा रहे हैं।

बागेश्वर धाम सरकार के विवाद पर बोले- हम तटस्थ हैं
अनिकेत शास्त्री ने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार विवाद पर हम तटस्थ है। वो कथावाचक हैं। दिव्यपुरुष नहीं है। वो अच्छा काम कर रहे हैं। हमने उनके मुंह से कभी ऐसा दावा नहीं सुना कि हमारे पास सिद्धि है। हम भी महाराज, लोग मेरे पास आते हैं तो हम भी उन्हें कल्याण होने का आशीष देते हैं। अगर बाहर जाकर व्यक्ति बोले कि मेरे आशीर्वाद से कल्याण हुआ तो अंधश्रद्धा वाले मेरे पर भी केस कर देंगे कि मेरे पास सिद्धि है। इसी प्रकार बागेश्वर वाले महाराज ने खुद के मुंह से कभी दावा नहीं किया उनके पास सिद्धि है। अगर वे दावा करते हैं तो वह निंदनीय है। सनातन इसका समर्थन करेगा।

अब जानिए क्यों उठा बागेश्वर धाम सरकार पर विवाद
पिछले दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार लगाने के बाद अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने उन्हें चुनौती दी थी।​​​​​​ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में इस चुनौती को स्वीकार कर लिया। इसके बाद यहां पहला दरबार लगा। यहां उन्होंने श्याम मानव को खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई।

पक्ष-विपक्ष में कई नेता और संत
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरोध में नेता और संत बयान दे रहे हैं। एकतरफ छत्तीसगढ़ के मंत्री, मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उनका विरोध किया तो वहीं द्वारिका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, योगगुरु बाबा रामदेव, मध्यप्रदेश के मंत्री ऊषा ठाकुर, हरदीप सिंह डंग ने समर्थन किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here