आर्थिक रूप से बेहाल और गृहयुद्ध से जूझ रहे श्रीलंका में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के भारतीय सेना को भेजने की मांग की जिसकों लेकर श्रीलंका में सोशल मीडिया में जोरदार बवाल खड़ा हो गया है। श्रीलंका में सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार के बेहद करीबी समझे जाने वाले सुब्रमण्यन स्वामी की इस मांग पर श्रीलंका में प्रदर्शन कर रहे लोग भड़क गए। प्रदर्शनकारियों ने स्वामी को करारा जवाब दिया। स्वामी ने ट्वीट करके कहा, ‘भारत को निश्चित रूप से भारतीय सेना को संवैधानिक स्थिति को बहाल करने के लिए भेजना चाहिए। वर्तमान समय में भारत विरोधी विदेशी ताकतें लोगों के गुस्से का फायदा उठा रही हैं। यह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।’ स्वामी ने पहले सीधे तौर पर श्रीलंका का नाम नहीं लिया लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि उनका बयान श्रीलंका को लेकर है।
स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘साल 1987 में श्रीलंका के राष्ट्रपति जयवर्द्धने ने भारतीय सैनिकों को लाने के लिए एक समझौता किया था ताकि उत्तरी श्रीलंका में सामान्य स्थिति को बहाल किया जा सके। हम सफल रहे और स्थानीय चुनाव भी हुए। लेकिन जब कोलंबो में प्रेमदासा की सरकार आई तो उसने तेजी से (तमिल आतंकी संगठन) लिट्टे को पैसा और हथियार मुहैया कराना शुरू कर दिया। धोखा दिए जाने पर हमने अपनी भारतीय शांति सेना को वापस बुला लिया।’
भाजपा सांसद की इस मांग पर श्रीलंका के प्रदर्शनकारी लाल हो गए हैं और वे सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। एक यूजर चाथू ने स्वामी को ट्वीट करके कहा, ‘क्या? इसका भारत पर क्या असर होगा? मेरे प्यारे भारतीय दोस्तों एक श्रीलंकाई नागरिक होने के नाते हम आपको आश्वासन देते हैं कि यहां पर कोई भी भारत विरोधी विदेशी ताकतें शामिल नहीं हैं। स्वामी जी मैं पूरे सम्मान से कहना चाहता हूं कि आप अपने काम पर ध्यान दें।’ एक अन्य यूजर लाम केसरा ने कहा, ‘स्वामी जी मैं आपका दर्द समझ सकता हूं जब आपके पारिवारिक मित्र राजपक्षे का शासन पतन की राह पर है। हम श्रीलंकाई इसका ध्यान रख सकते हैं। आप अपने काम से काम रखें।’ स्वामी के इस ट्वीट पर अब तक सैंकड़ों लोग कॉमेंट कर चुके हैं। बता दें कि श्रीलंका में बढ़ती हिंसा को देखते हुए सशस्त्र बलों को व्यक्तिगत नुकसान पहुंचाने वाले या दूसरों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने/लूटने वाले किसी व्यक्ति पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है।