मांगे पूरी होने पर किसानों ने आमरण अनशन किया समाप्त

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लालबर्रा अंतर्गत ग्राम नेवरगांव वा में किसान जागरण मंच तत्वावधान में नहर की संरचना का सीमेंटीकरण करने को लेकर 3 ग्राम पंचायत पाथरी नेवरगांव वा मुरझड़ के किसानों के द्वारा आमरण अनशन पर बैठकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था जिनका अनशन पांचवें दिन मांगे पूरी होने पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन के द्वारा नींबू पानी पिलाकर तुड़वाया गया। यह अनशन किसानों के द्वारा जिला कलेक्टर से टेंडर प्रक्रिया के लिए समस्त प्रक्रिया पूर्ण करने के आदेश पर संतोष जाहिर करते हुए अमरण अनसन समाप्त किया गया। विदित हो कि किसानों के द्वारा ढुटी नहर निलजी से पथरी जलाशय एवं पथरी जलाशय से मुरझड़ मुख्य कैनाल, कोसाबाडी माइनर, अंबामाई माइनर, तीनफाटा माइनर, चिचभल्ला माइनर, वाकडी माइनर नहर के सीमेंटीकरण, नहर के ऊपर उगने वाली झाड़ियां की छटाई एवं नहर पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांगों को लेकर अतिक्रमण किया जा रहा था। क्योंकि इस कारण से जलाशय का पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा था जिसके कारण वर्तमान में किसान बारिश के ऊपर निर्भरता ऐसे में किसानों के अंदर बेहद आक्रोश व्याप्त था जिसको लेकर यह आमरण अनशन प्रारंभ किया गया था। इस पांच दिवसीय अमरण अनशन के दौरान किसानों ने प्रशासन पर स्वस्थ व्यवस्था में नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए हेल्थ चेकअप के लिए एक दिन भी ना आने की बात कही तो वही 75 प्रतिशत मांगे पूर्ण होने से वह संतुष्ट है जिसको लेकर सर्वसम्मति से आमरण अनसन समाप्त करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद मौके पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन के द्वारा आमरण अनसन पर बैठे 11 किसानों को नींबू पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

यहां यह बताना लाजिमी है कि 8 सितंबर को नेवरगांव वा पाथरी और मुरझड़ के किसानों के द्वारा सिंचाई व्यवस्था बदहाल होने से आक्रोशित होकर प्रदीप बोपचे,महेश बोपचे, तिजुलाल भगत, ओमकार बोपचे ,शेखलाल पारधी, सेवकराम परिहार, भिवाजी पारधी, अशोक राहंगडाले, रेखनलाल पारधी, योगलाल राहंगडाले, कूवरलाल भगत अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। जिसमें प्रथम दिन कैबिनेट मंत्री गौरी शंकर बिसेन के द्वारा धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को 3 करोड रुपए की लागत से संभावित हर कार्य करवाने का आश्वासन दिया गया था जिसका सोमवार को प्रशासनिक स्वीकृति का टेंडर लगाए जाने की कार्यवाही करने की बात कही गई थी। जिस पर सभी किसान टेंडर के बाद ही धरना प्रदर्शन समाप्त करने की बात कहते हुए अमरण अनशन पर बैठे हुए थे। ऐसे में सोमवार की देर शाम नहर विभाग के द्वारा किसानों को स्वीकृति आदेश दिखाया गया जिसमें मुख्य जलाशय में आने वाली कैनाल व अतिक्रमण की भी मांग का जिक्र नहीं था। इस पर 75 प्रतिशत मांगों की पूर्ति होने पर अधिकारियों के द्वारा बताया गया कि जो एक मुख्य कैनाल की बात कही जा रही है वह भी कुछ दिनों में पूर्ण हो जाएगी और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया भी हो जाएगी जिस पर मंगलवार को तीनों ग्राम के सरपंच किसान व आमरण अनशन कर रहे 11 लोगों के द्वारा बैठकर चिंतन मनन करने के उपरांत निर्णय लिया गया कि आगे त्यौहार भी है और साथ में लोगों की तबीयत पर भी बुरा असर पड़ रहा है ऐसे में अमरण अनसन को समाप्त किया जाना चाहिए जो मंगलवार की देर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा बिसेन के हस्ते किया गया।

आमरण अनशन स्थल से चिकित्सा विभाग रहा नदारत

गैरतलब है कि आमरण अनसन एक ऐसा धरना प्रदर्शन है जो हर कोई नहीं करता है परंतु अत्यधिक प्रताड़ित हो जाने के बाद ही उसके द्वारा यह कदम उठाया जाता है जिसमें अनाज और पानी का त्याग कर दिया जाता है। ऐसे में आम आदमी की एक दिन में हालत खराब हो जाती है तो उक्त किसानों के साथ क्या स्थिति बनी होगी परंतु शासन प्रशासन के द्वारा अपनी मांगों को लेकर अनशन कर रहे किसानों कि किसी प्रकार से सुध नहीं ली और ना ही उक्त स्थान पर चिकित्सा विभाग की ड्यूटी लगाई गई। आमरण अनशन पर बैठे 11 व्यक्तियों का रोजाना स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके यह व्यवस्था नही की गई जबकि उक्त स्थल पर धरना प्रदर्शन पर बैठे लोगों की काफी ज्यादा स्थिति खराब हो गई थी जिन्हें बार-बार चक्कर आना और ठीक से बैठ पाने में भी असमर्थ नजर आ रहे थे। ऐसे में किसानों के द्वारा प्रशासन और सरकार के खिलाफ स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न करने के लिए आक्रोश व्यक्त किया गया और बताया कि हमारे साथ कुछ भी हो सकता था।

देर शाम अनशन स्थल पर पहुंची पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन के द्वारा किसानों को संबोधित करते हुए कहा गया कि प्रदेश सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है जिसमें हम अपने क्षेत्र में यथासंभव हर कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में कई बार समय लगता है परंतु कार्य अंततः हो जाता है। जो भी कार्य के लिए अभी आदेश हुए हैं उनका तत्काल टेंडर जारी कर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा किसी को कहीं कोई समस्या नहीं जाएगी। जो भी समस्या बचेगी उसके लिए आगे यथा स्थिति पहल कर तैयारी की जाएगी इसमें कोई शंका नहीं होनी चाहिए कि कार्य नहीं होगा आपका और हमारा रिश्ता मतदाता और नेता का नहीं परिवार का है। आपने देखा होगा कि अनशन प्रारंभ होने की जानकारी मिलने पर ही विधायक श्री बिसेन अपने आप से मुलाकात कर आपको आश्वासन दिया वही आदेश भी दिये और आगे भी इसी प्रकार से क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए कार्य किया जायेगा।

संगठन अध्यक्ष प्रदीप बोपचे ने बताया कि संगठन के प्रभाव से प्रशासन भाग दौड़ कर रहा है और इन्होंने कुछ कागजी कार्यवाही भी पूरी करी है परंतु कुछ नहीं हो पाई है विधायक गौरी शंकर बिसेन पर हमें विश्वास है। दूसरा यह कारण है कि हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है मेरे साथियों के साथ शारीरिक समस्या हो रही है ऐसे में उनका क्या होगा क्योंकि स्थिति बहुत खराब है परंतु इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है कि हम मर रहे हैं या कैसे हैं और ध्यान तो दूर कोई देखने भी नहीं आया यह लाचार और बहरी सरकार है। हमारे त्योहार भी है स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है सभी लोग कमजोर हो गए हैं क्योंकि 5 दिन से यह स्थिति हमारे साथ है परंतु शासन और अधिकारी गंभीर नहीं है ऐसे में हम अनशन समाप्त कर रहे हैं।

कृषक कुंवरलाल भगत ने बताया कि यह आमरण अनशन हमारे द्वारा हमारे जैसे सभी किसानों की मांगों को लेकर किया गया था जिसमें तीन कार्यों का स्वीकृति आदेश हो गया है और चौथे कार्य का कार्यवाही दो से चार दिन में पूरी हो जायेगी ऐसे हमें आश्वासन अधिकारियों के द्वारा दिया गया है वहीं आदेश पत्र भी दिया है। जिसके लिए हम अमरण अनसन वापस ले रहे हैं जिसमें तीन पंचायत के सरपंच व किसान ने प्रशासन और मंत्री के आश्वासन को स्वीकार कर अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया है।

कृषक ओमकार बोपचे ने बताया कि हमारी मांग पांच सूत्रीय थी जिसमें प्रशासन के द्वारा पाथरी जलाशय से मुरझड़ तक नहर, कोसाबाड़ी, अंबामाई, तीनफाटा, चिचभल्ला, वाकडी माइनर के कार्यों की स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमें एक आदेश हमें दिया गया है और एक आदेश आने का है। 4 से 5 दिन में टेंडर प्रक्रिया किए जाने की बात कही गई है जिसको लेकर हमारे द्वारा यह अनशन खत्म किया जा रहा है। श्री बोपचे ने बताया कि इसमें हमारी कुछ मांग जैसे ढुटी निलजी फीडर से जलाशय तक 11 किलोमीटर की नहर का सीमेंटीकरण, नहर पर से अतिक्रमण एवं झाड़ियां की साफ सफाई के कार्य पर कोई निर्णय अभी हमें मिला नहीं है। परंतु फिर भी हम इतने कार्यों से संतुष्ट है 5 दिन का हमारा अनसन रहा इस दौरान एक चीज का खेद रहा कि हमारे ऊपर प्रशासन ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किसी प्रकार से ध्यान नहीं दिया और ना ही कोई डॉक्टर आया ना ही कोई अधिकारी आया चेक करने परंतु यह व्यक्तिगत नहीं था इसलिए हम संतुष्ट है।

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