माइनर नहर क्षतिग्रस्त पानी के लिए किसान परेशान

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वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत थानेगांव में सिंचाई के लिए बनाई गई माइनर नहर जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है जिस पर सिंचाई विभाग के द्वारा गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे किसान आक्रोशित है कि उनके खेत में नहर का पानी सिंचाई के लिए नहीं पहुंच पा रहा है यही कारण है कि वहां रबी की फसल लगाने में किसान स्वयं को असमर्थ समझ रहा है। इस पानी की समस्या से ग्राम के अधिकांश लोग रबी की फसल लगाने से वंचित हो गए हैं तो वही खेत में कुआं और बोर का साधन होने के कारण कुछ ही किसान है जो अपने खेतों में रबी की फसल लगा पा रहे हैं। परंतु वह भी नहर की माइनर में पानी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें भी पानी मिल सके।

यह है स्थिति

ढुटी घाट बांध से एक मुख्य नहर आती है जहां से उसके दो माइनर हो जाते हैं जिसमें एक नहर वारासिवनी से खैरलांजी तक जाती है और दूसरी माइनर नहर मेंढ़की से आगे तक जाती है। इस दूसरी माइनर से ग्राम मेंढकी के पास एक छोटा माइनर नहर सीधे थानेगांव तक आता है जो सिरहाटोला तक थोड़ा ठीक है परंतु उसके बाद जगह-जगह से माइनर टूट गई है जिसके कारण पानी तेज गति से खेतों तक नहीं पहुंच पाया है। जिसके कारण किसानों की खेती अभी भी पानी की रास्ता देख रही है इस परिस्थिति में कुछ लोगों के द्वारा रबी की फसल लगाई गई है परंतु अधिकांश किसानों ने रबी की फसल नहीं लगायी है जिनके लिए पानी बड़ी समस्या बना हुआ है। जिसमें ग्रामीणों की मांग है कि उक्त नहर का सीमेंटीकरण किया जाये ताकि किसानों के खेतों में सुरक्षित रूप से पानी पहुंच सके।

किसान मूलचंद बोपचे ने बताया कि हमारी खेती में पानी नहीं पहुंच पा रहा है पानी नहर की नाली से आता है जो कई स्थानों पर टूट गई है जिस कारण पानी नहीं आ पाता है। हमें केवल पानी की समस्या है खेती में हमारा धान कट गया है रबी हमें होती नहीं है जिनके पास साधन है वह लोग रबी की फसल लगते हैं। नहर विभाग के अधिकारी आते हैं जो अपने टैक्स के रुपए मांगते हैं और यदि टैक्स नहीं दे तो कुर्की की कार्यवाही करते हैं अब हमें पानी मिले या ना मिले हमारा अनाज पके या नापके टेक्स तो उन्हें देना होता है तो हम चाहते हैं कि इस माइनर का सुधार कार्य किया जाये।

किसान विजय नागेश्वर में बताया कि हम थानेगांव रहते हैं नहर बनी हुई है पर हमारा माइनर का सुधार कार्य नहीं हुआ है। पिछली बार पंचायत को दिया गया था पंचायत में भी राशि वापसी करती अभी भी नहीं बना है जिससे गेहूं सरसों चना जो लगाया है वह भारी मेहनत कर पानी को अपने खेत तक ला रहा है पर कोई इधर ध्यान नहीं दे रहा है। उसकी समस्या पर्याप्त पानी नहीं मिलने की है तीन से चार किलोमीटर की नहर है अपनी आखिरी तक नहीं आता है क्योंकि कुछ जगह से टूटी हुई नहर है। खेतों में पर्याप्त पानी नहीं होता है और विभाग के द्वारा नहर की सफाई भी नहीं की जाती है किसान को पानी लाने सफाई करनी पड़ती है मरम्मत करनी पड़ती है हम चाहते हैं कि सीमेंटीकरण नहर का किया जाये।

किसान सुखलाल टेंभरे ने बताया कि नहर में पानी आ ही नहीं रहा है रोड के उधर सभी खाली बैठे हुए हैं पानी का रास्ता देख रहे हैं। रबी अभी किसी ने लगाया नहीं है खेत सभी खाली पड़े हुए हैं हर कोई रबी लगाना चाहता है परंतु पानी नहीं मिलता है जिससे किसान हताश होकर घर बैठा रहता है। इस समस्या के लिए हमने विधायक सांसद और अधिकारी सभी के पास गये उन्हें अपनी समस्या बताई पर किसी ने गंभीरता से हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। हम केवल यही चाहते हैं कि पानी पहुंचने के लिए नहर की मरम्मत अच्छे से की जानी चाहिए या सीमेंटीकरण होना चाहिये।

इनका कहना है

दूरभाष पर चर्चा में बताया कि उक्त नहर में पानी आने की हमें जानकारी है किंतु यदि ऐसी कोई समस्या है तो मौका निरीक्षण कर व्यवस्था बनाने का कार्य किया जायेगा।

कोमल गजभिए प्रभारी एसडीओ
सिंचाई विभाग वारासिवनी

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