नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण से कोई भी जगह अछूती नजर नहीं आ रही है। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वतीय चोटी माउंट एवरेस्ट तक इस महामारी का संक्रमण का फैल गया है। रिपोर्टों के मुताबिक नेपाल स्थित माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर में कई पर्वतारोही कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। आधार शिविर में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। हालांकि, नेपाल सरकार ने एवरेस्ट आधार शिविर में संक्रमण होने के मामलों से इंकार किया।
आधार कैंप में फैला संक्रमण
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के पर्वतारोही संघ ने तीन पर्वतारोहियों एवं एक स्थानीय गाइड के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि की है। हालांकि, पोलैंड के पर्वतारोही पावले माइकलस्की ने पिछले सप्ताह कहा, ’30 से ज्यादा लोगों को हेलिकॉप्टर से काठमांडू ले जाया गया है जो बाद में कोरोना पॉजिटिव पाए गए।’ आधार शिविर 19 अप्रैल को छोड़ने वाली पर्वतारोही रोजिता अधिकारी कुछ दिनों बाद कोरोना से संक्रमित पाई गई। उन्होंने कहा कि कई लोगों के संक्रमण के मामलों को रिपोर्ट नहीं किया गया है।
संक्रमण फैलने से इंकार करती रही है नेपाल सरकार
रोजिता ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘माउंट एवरेस्ट आधार शिविर में कोरोना महामारी फैल चुकी है, इस बात से नेपाल सरकार अभी भी इंकार कर रही है। लोगों के संक्रमित होने के प्रमाण मिल चुके हैं। सरकार सच्चाई क्यों छिपा रही है?’ ‘वाशिंगटन पोस्ट’ से अधिकारी ने कहा, ‘बेस कैंप में मैंने कई बीमार लोगों को देखा। आधार शिविर के समीप के गांव गोरक्षेप के होटलों में कई पर्वतारोही खुद को आइसोलेशन में रखे हैं। आधार शिविर के पास कोविड-19 संक्रमण आम बात है। पर्वतारोही इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।’
नेपाल में फिर बढ़ने लगे हैं कोरोना के केस
माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में कोरोना संक्रमण की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब नेपाल में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। पांच मई तक इस देश में रोजाना औसतन करीब 6,700 केस सामने आए हैं। दो सप्ताह पहले यह आंकड़ा करीब 1,100 था। कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए नेपाल के पर्यटन विभाग ने कदम उठाए हैं। पर्यटन विभाग पर्वतारोहियों से 72 घंटे पहले की कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट की मांग करता है। इसके बाद पर्यटकों को नेपाल में दाखिल होने की इजाजत मिलती है। नेपाल में दो अरब डॉलर का पर्यटन उद्योग है।