मानव दुव्यापार और उनका शारीरिक शोषण के मामले में दो महिला सहित पांच आरोपियों को सजा

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बालाघाट / अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के एस बारिया की विद्वान अदालत ने मानव दुव्यापार और बलात्कार के मामले में दो महिला सहित पांच आरोपियों को सजा सुनाई। विद्वान अदालत में इस मामले में तीन आरोपी जिनमें सूरज लाल हनवत ग्राम डोंगरगांव थाना रामपायली,जयदेव अगासे ग्राम बेरदीपार थाना तिरोडा जिला गोंदिया महाराष्ट्र और अजय बाघ ग्राम अडावत थाना चौपड़ा जिला जलगांव महाराष्ट्र निवासी को आजीवन कारावास और दो महिला आरोपी संगीता पिता प्रेमलाल इनवाती ग्राम सुरिया थाना लामता और बेबी सिडाम पति सुनील सिडाम ग्राम फूलचूल सेल टैक्स कॉलोनी गोंदिया महाराष्ट्र निवासी को सात-सात वर्ष की कठोर कारावास के अलावा इन आरोपियों को अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जिला लोक अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डहेरिया द्वारा की गई थी।

अभियोजन के अनुसार 4 मई 2019 को दोपहर 3:00 बजे पीड़िता काम पर जाती हूं कहकर घर से गई थी। जो वापस नहीं आई। जिसकी उसके परिवार वालों ने रिश्तेदारी के अलावा अन्य जगह तलाश किये उसका कोई पता नहीं चलने पर परिजनों द्वारा 11 मई 2019 को कोतवाली में पीड़िता के गुम होने की रिपोर्ट की गई थी। कोतवाली पुलिस ने गुम इंसान कायम कर जांच में लिया था।अनुसंधान के दौरान पीड़िता की दस्तयाबी की गई। पूछताछ में यह मामला सामने आया कि इस पीड़िता और उसकी साथी को उसके रिश्ते की दीदी संगीता इनवाती ने योजनाबद्ध तरीके से अपनी साथी बेबी सिडाम गोंदिया निवासी के सहयोग से दोनों को कैटरिंग के नाम पर काम दिलवाने के बहाने लेजाकर गोंदिया में बेबी सिडाम गोंदिया स्थित घर में एक पीड़िता का जयदेव अगासे के द्वारा शारीरिक शोषण किया गया और बेयडियार में अन्य पीड़िता का प्रदीप हनवत के द्वारा शारीरिक शोषण किया गया। उक्त शारीरिक शोषण और शारीरिक प्रताड़ना देने में बेबी सिडाम संगीता इनवाती, जयदेव अगासे की पत्नी के द्वारा पूर्ण सहयोग किया गया ।गुम इंसान पीड़िता को आरोपी अजय बाघ को बीजू नामक युवक जलगांव निवासी के माध्यम से 1 लाख 30हजार रुपये में विक्रय कर दिया गया था। अजय बाघ के द्वारा 6 मई 2019 से 15 जून 2019 तक इस पीड़िता को कमरे में बंद कर उसका शारीरिक शोषण करवाया गया और उसे शारीरिक मानसिक प्रताडना दी गई। गुम इंसान पीड़िता के साथ घटित घटना क्रम के आधार पर जांच में धारा 365 368 370(1) 370क(2) 376(2)छ,34 120 बी भादवि धारा 3,5 अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम और धारा 3(2)ट 3(1)(प) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया और यह अपराध संगीता पिता प्रेमलाल इनवाती ग्राम सुरिया थाना लामता, बेबी पति सुनील सिडाम ग्राम फूलचूल गोंदिया, जयदेव अगासे बेरडिपार तिरोड़ा महाराष्ट्र, अजय बाघ ग्राम अडावत जिला जलगांव महाराष्ट्र, प्रदीप हनुवत ग्राम डोंगरगांव रामपायली, बिज्जू निवासी जलगांव महाराष्ट्र, रूपचंद बाघ के द्वारा घटित करना पाया गया ।प्रकरण में तीन आरोपी फरार है और एक आरोपी के खिलाफ अनुसंधान किया जा रहा है। संगीता इनवाती बेबी सिडाम, प्रदीप हनुवत जयदेव अगासे और अजय बाघ को इस मामले में गिरफ्तार किया गया। था और अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के एस बारियां की विद्वान अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपियों के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। विद्वान अदालत ने इस मामले में पांच आरोपियों को दोषी पाया। विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों देखते हुए संगीता इनवाती और बेबी सिडाम को अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध में अधिकतम 7 वर्ष का कठोर कारावास और अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध में 7-7 हजार रुपये अर्थदड से दंडित किये। विद्वान अदालत ने आरोपी प्रदीप हनवत, जयदेव अगासे, अजय बाघ को अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध में 9-9हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किये।

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